बिहार में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड में आया नया मोड़, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई मौत की असल वजह, जानें
बिहार में राजद नेता दुलारचंद यादव की हत्या मामले ने नया टर्न ले लिया है. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल ने साफ कर दिया है कि दुलारचंद की मौत गोली लगने से नहीं हुई है. डॉक्टरों ने इसके साथ ही मौत की वजह भी बता दी है.
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मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड में नया ट्विस्ट आ गया है. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर का कहना है कि दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने की वजह से नहीं हुई है. दरअसल, दुलारचंद यादव के पोस्टमार्टम के लिए तीन डॉक्टरों का एक पैनल बनाया गया था. इस पैनल में डॉक्टर अजय कुमार का नाम भी शामिल था.
अंदरूनी चोट की वजह से गई दुलारचंद की जान
दुलारचंद का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर अजय कुमार सिंह का कहना है कि जांच में उनके शरीर पर बहुत ज्यादा जख्म पाया गया है. इसके साथ ही अंदरूनी चोट है. डॉक्टर ने कहा कि सबूत यही है कि चोट की वजह से मौत हुई होगी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या है?
डॉक्टर अजय ने बताया कि गोली तो बाएं पैर में जॉइंट के पास लगी हुई है. गोली आर-पार है. उन्होंने कहा कि यह इस तरह का जख्म नहीं है कि जानलेवा हो. अंदरूनी चोट है. बाहर से तो हल्का-फुल्का छिला हुआ जख्म है. ऐसे में जो अंदरूनी चोट है, उसकी वजह से मृत्यु हुई होगी. डॉक्टरों के अनुसार इस तरह की गोली से मौत होना संभव नहीं है. पोस्टमार्टम से पहले मृत शरीर का एक्स-रे भी कराया गया था. डॉक्टर ने कहा कि पैनल सभी सबूतों को ध्यान में रखकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करेगा.
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि जन सुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार में निकले थे. इस दौरान उनके काफिले पर कुछ लोगों ने लाठी-डंडे से हमला कर दिया. आरोप है कि भीड़ में किसी ने गोली भी चलाई जो दुलारचंद यादव को लगी, जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
पुलिस ने दर्ज की FIR?
पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग का कहना है कि हाल ही में पत्थरबाजी और हमले की घटना में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं. पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव घरवालों को सौंप दिया गया. मौके पर पुलिस तैनात है.
दुलारचंद यादव हत्याकांड में मृतक के पोते ने पांच आरोपियों की पहचान की है। इसके साथ ही दूसरी शिकायत में छह लोगों के नाम दिए हैं. शुरुआती जांच में दुलारचंद की बॉडी पर गोली का निशान पाया गया था.
लालू के करीबी थे दुलारचंद यादव!
बता दें कि दुलारचंद यादव कभी लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे और उन्होंने 1990 के दशक में राजद के जमीनी कार्यकर्ताओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी. हाल के वर्षों में, उन्होंने जन सुराज आंदोलन की ओर रुख किया और पीयूष प्रियदर्शी के साथ उनके घनिष्ठ संबंध बन गए.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि दुलारचंद मोकामा ताल क्षेत्र में अपने सामाजिक कार्यों और राजनीतिक संबंधों के लिए जाने जाते थे. पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह झड़प पुरानी रंजिश और चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय स्तर पर वर्चस्व की होड़ के कारण हुई होगी.
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