बिहार चुनाव से पहले जनसुराज में घमासान... प्रशांत किशोर की सभा से पहले मनीष कश्यप का गुस्सा फूटा, कुर्सी फेंककर निकले बाहर, जानें पूरा मामला
बिहार के पश्चिम चंपारण की चनपटिया सीट पर प्रशांत किशोर के जनसभा स्थल पर बैनर लगाने को लेकर मनीष कश्यप के भाई और जन सुराज पार्टी के जिलाध्यक्ष राज किशोर चौधरी के समर्थकों में भिड़ंत हो गई. इस दौरान गुस्साए मनीष कश्यप का कुर्सी फेंकते और सभा स्थल से निकलते हुए वीडियो वायरल है.
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं. हर पार्टी अपनी रणनीति के साथ चुनावी मैदान में प्रचार अभियान में जुटी है. वहीं कुछ स्थानों पर पार्टी के भीतर आपसी मतभेद और वर्चस्व की खींचतान भी देखने को मिल रही है. ताज़ा मामला पश्चिम चंपारण से सामने आया है, जहां चर्चित यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप के भाई और जनसुराज पार्टी के ज़िलाध्यक्ष राज किशोर चौधरी के समर्थकों के बीच बहस हुई, जो धक्का-मुक्की तक पहुंच गई.
पश्चिम चंपारण की चनपटिया विधानसभा सीट पर मनीष कश्यप और जनसुराज पार्टी के जिलाध्यक्ष राज किशोर चौधरी के बीच टिकट को लेकर खींचतान बढ़ गई है. यही खींचतान गुरुवार को प्रशांत किशोर की सभा से पहले हिंसक झड़प का रूप ले बैठी. मनीष कश्यप, जिन्हें लोग 'सन ऑफ बिहार' के नाम से भी जानते हैं, 2020 के विधानसभा चुनाव में चनपटिया सीट से निर्दलीय प्रत्याशी बने थे. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अब 2025 के चुनाव में वह जन सुराज पार्टी के टिकट पर अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं. भाजपा छोड़कर जन सुराज में आए मनीष को उम्मीद है कि पार्टी उन्हें टिकट देगी, लेकिन दूसरी ओर जिलाध्यक्ष राज किशोर चौधरी भी इसी सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं. यही कारण है कि पार्टी के भीतर असंतोष और आपसी टकराव तेजी से उभरकर सामने आ रहा है.
सभा से पहले हुआ बवाल
गुरुवार को कुड़ियाकोठी खेल मैदान में प्रशांत किशोर की सभा थी. सभा से पहले ही दोपहर लगभग 12 बजे माहौल बिगड़ गया. पोस्टर और बैनर लगाने को लेकर मनीष कश्यप के भाई करण कश्यप और राज किशोर चौधरी के समर्थक आपस में भिड़ गए. पहले तो कहासुनी हुई, लेकिन देखते ही देखते मामला धक्का-मुक्की और हाथापाई तक पहुँच गया. वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दोनों पक्षों के समर्थक बैनर लगाने को लेकर जोर-जोर से बहस कर रहे हैं. कुछ देर में हाथापाई शुरू हो गई. इस बीच स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभालने की कोशिश की.
मनीष कश्यप फूटा गुस्सा
जब यह खबर मनीष कश्यप तक पहुँची तो वह भी सभा स्थल पर पहुँच गए. वहाँ पहुँचकर उन्होंने अपने समर्थकों से पोस्टर लगाने को कहा, जिस पर फिर से कहासुनी शुरू हो गई. गुस्से में तमतमाए मनीष कश्यप ने कुर्सी फेंक दी और सभा स्थल से बाहर निकल गए. वीडियो में उनका यह अंदाज़ साफ दिखाई देता है. कुछ देर बाद वह अपनी गाड़ी में बैठकर वहाँ से चले गए. उनके साथ भाई करण कश्यप भी चले गए. हालांकि, बाद में जब प्रशांत किशोर की सभा शुरू हुई तो मनीष कश्यप मंच पर मौजूद थे और उन्होंने भाषण भी दिया. इससे साफ जाहिर होता है कि भले ही अंदरखाने तनाव बढ़ा हुआ है, लेकिन मंच पर एकजुटता दिखाने की कोशिश की जा रही है.
#BREAKING | Manish Kashyap Throws Chairs & Walks Out of Jan Suraaj Rally, Brother Karan Beaten and Thrown Out by Supporters
— Ashwini Shrivastava (@AshwiniSahaya) September 13, 2025
Manish Kasyap’s brother was beaten and thrown out from the venue by Jan Suraaj supporters, while Manish Kashyap, not getting a place on the stage, threw a… pic.twitter.com/OkCQHTs5v1
टिकट को लेकर है आपसी खींचतान
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मनीष कश्यप और राज किशोर चौधरी दोनों ही 2025 में चनपटिया से चुनाव लड़ना चाहते हैं. मनीष का कहना है कि उनकी लोकप्रियता और जनसमर्थन उन्हें टिकट दिला सकता है. वहीं चौधरी का दावा है कि वह लंबे समय से पार्टी से जुड़े हैं और संगठन में मेहनत की है, इसलिए उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए. यही खींचतान अब सार्वजनिक विवाद का रूप ले चुकी है.
प्रशांत किशोर की रणनीति पर सवाल
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर खुद को बिहार की राजनीति में बदलाव का चेहरा बताते हैं. उनकी रणनीति है कि पार्टी के हर वर्ग को जोड़कर एक मजबूत विकल्प खड़ा किया जाए. लेकिन पार्टी के अंदर ही इस तरह का टकराव सामने आना उनकी छवि पर असर डाल सकता है. चनपटिया की घटना से यह संदेश गया है कि पार्टी के भीतर अनुशासन की कमी है और आपसी खींचतान चुनावी तैयारी को नुकसान पहुँचा सकती है.
सोशल मीडिया पर चर्चा
मनीष कश्यप का कुर्सी फेंकने और गुस्से में सभा स्थल से निकलने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. हालांकि इस वीडियो की पुष्टि NMF News नहीं करता है, लेकिन यह चर्चा का विषय जरूर बन गया है. लोग इसे मनीष कश्यप की 'तेवर वाली राजनीति' कह रहे हैं, वहीं कुछ इसे उनकी अधीरता भी मान रहे हैं. ऐसे में यह घटना केवल एक छोटी सी झड़प नहीं है, बल्कि यह जन सुराज पार्टी के भीतर गहराते संकट की झलक भी है. बिहार की राजनीति में उम्मीदवार चयन सबसे बड़ा मुद्दा होता है और यदि टिकट को लेकर विवाद यूं ही चलता रहा तो इसका सीधा असर पार्टी की चुनावी रणनीति पर पड़ सकता है.
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बता दें कि पश्चिम चंपारण का यह विवाद बताता है कि जैसे-जैसे बिहार चुनाव करीब आ रहा है, वैसे-वैसे दलों के भीतर गुटबाज़ी और खींचतान तेज़ हो रही है. मनीष कश्यप और राज किशोर चौधरी के बीच टिकट को लेकर चली तनातनी ने जन सुराज पार्टी को सुर्खियों में ला दिया है. अब देखना यह होगा कि प्रशांत किशोर इस विवाद को कैसे संभालते हैं और क्या पार्टी वास्तव में जनता के सामने एक मजबूत और एकजुट विकल्प पेश कर पाएगी.
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