बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार पर संकट मंडराया, IRCTC घोटाले में CBI ने पेश कर दी 12 गवाहों की लिस्ट, इस दिन होगी सुनवाई
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव परिवार बुरे संकट से घिरता नजर आ रहा है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने IRCTC होटल मामले में करीब एक दर्जन गवाहों की सूची अदालत को सौंपी है, इससे पहले CBI इन गवाहों को औपचारिक नोटिस जारी कर चुकी है और सभी को 27 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने को कहा है. इसी दिन से मामले को लेकर ट्रायल शुरू होना है.
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने IRCTC होटल मामले में एक दर्जन गवाहों की सूची अदालत को सौंप दी है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव के ऊपर बड़ा संकट मंडरा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी के खिलाफ यह सभी गवाह गवाही देंगे. बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में CBI की विशेष अदालत ने इस मामले में तीनों पर आरोप तय किए थे.
CBI ने गवाहों की सूची अदालत को सौंपी
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव परिवार बुरे संकट से घिरता नजर आ रहा है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने IRCTC होटल मामले में करीब एक दर्जन गवाहों की सूची अदालत को सौंपी है, इससे पहले CBI इन गवाहों को औपचारिक नोटिस जारी कर चुकी है और सभी को 27 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने को कहा है. इसी दिन से मामले को लेकर ट्रायल शुरू होना है. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि CBI इन गवाहों की गवाही बिना किसी सबूत के आधार पर जल्दी से पूरा करने की कोशिश करेगी. उक्त गवाहों से पूछताछ के बाद, CBI आरोपियों के खिलाफ अपने आरोपों को पुष्ट करने के लिए कुछ और गवाह भी पेश करेगी.
इस महीने की शुरुआत में तय हुए आरोप
जानकारी के लिए बता दें CBI की विशेष अदालत ने इस महीने की शुरुआत में लालू प्रसाद यादव परिवार और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए हैं. यह पूरा मामला IRCTC होटल मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए तय किए हैं. इनमें अदालत ने लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत), आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और अन्य आरोप तय किए हैं.
षड्यंत्र और धोखाधड़ी सहित कई अपराधों का आरोप
लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य पर षड्यंत्र और धोखाधड़ी सहित कई अपराधों का आरोप है. हालांकि, तीनों अदालत में पेश होकर खुद को निर्दोष बता चुके हैं. वहीं मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, आरोपी इस आदेश को चुनौती दे सकते हैं.
CBI की विशेष कोर्ट के जज का बयान
13 अक्टूबर को लालू प्रसाद यादव परिवार पर तय हुए आरोप पर CBI की विशेष कोर्ट के जज विशाल गोगने ने कहा था कि 'वे प्रथम दृष्टया इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि लालू को पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी और उन्होंने होटलों के हस्तांतरण को प्रभावित करने के लिए हस्तक्षेप किया था. निविदा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे. यह स्पष्ट संभावना के रूप में सामने आया है कि बिक्री के समय, जमीन के टुकड़ों का कम मूल्यांकन किया गया था और फिर वे लालू के हाथों में आ गए.' इस मामले में जज ने 244 पृष्ठ के आदेश में मामले में "मिलीभगत" के पहलू को चिह्नित किया.
ठेके के बदले जमीन
CBI के आरोपपत्र के अनुसार, ठेके के बदले में कोचर ने कथित तौर पर पटना में एक प्रमुख भूखंड लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी प्रेम चंद गुप्ता और उनके सहयोगियों द्वारा नियंत्रित एक कंपनी को बेच दिया और बाद में इस कंपनी को यादव के परिवार के सदस्यों ने अपने नियंत्रण में ले लिया, उसके बाद यह मूल्यवान संपत्ति मामूली कीमत पर उन्हें हस्तांतरित कर दी. न्यायाधीश द्वारा आरोप मढ़े जाने के बाद लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी ने निर्दोष होने की दलील दी और मुकदमे का सामना करने की बात कही.
क्या है पूरा मामला?
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बता दें कि CBI ने यादव परिवार पर भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) की निविदाओं और अवैध भूमि हस्तांतरण में हेरफेर करने का आरोप लगाया था. इनमें लालू प्रसाद यादव पर रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कोचर बंधुओं- विजय कोचर, विनय कोचर (दोनों मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, होटल चाणक्य, पटना के मालिक) और अन्य के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप हैं, ऐसा इसलिए किया गया था, ताकि रांची और पुरी में रेलवे के BNR होटलों को उप-पट्टे पर देने के लिए ठेके देने में फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाया जा सके.
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