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मुसलामानों पर बरपा कहर, हिमंता के बाद हिंदुओं के ऐलान से खौफ में मुसलमान !

असम में लगातार हो रही घुसपैठ को लेकर और जो मिंया मुसलमान पहले से रह रहे है उन्हे असम से बाहर निकानले के लिए असम के हिंदू संगठनो ने असम सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है, इस अल्टीमेटम पर कांग्रेस ने हिंदू संगठनों को चुनौती दी है कि वो मिंया मुसलमानों को बाहर नहीं निकाल पाएंगे

27 Aug, 2024
( Updated: 05 Dec, 2025
07:34 PM )
मुसलामानों पर बरपा कहर, हिमंता के बाद हिंदुओं के ऐलान से खौफ में मुसलमान !
अगर आपको याद हो तो सालभर पहले देवभूमि उत्तराखंड में लव जिहाद का मामला खूब गरमाया था, जो मुसलमान उत्तराखंड में रह रहे थे, लोग उसने किराए के घर खाली कराने लगे थे, दुकाने खाली कराने लगे थे, उत्तराखंड़ से बाहर खदेड़ने की बात करने लगे थे, क्योंकि कुछ जिहादियों की वजह से वहां की बेटिंया सुरक्षित नहीं थी, अब ऐसा की मामला असम से भी सामने आया है, जहां कि हिमंता सरकार जिहादियों और कट्टरपंथियों को लेकर पहले से ही सख्त है। 

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दरअसल असम में 22 अगस्त को एक नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई, आरोप लगा मुस्लिम समुदाय के 3 लोगो पर, इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में मानों आग लगी है, हिंदू सरकार से न्याय की मांग कर रहे है और मांग कर रहे है कि असम से मिंया मुसालमानों को खदेड़ दिया जाए, असम में मिंया मुसलमान उन मुसलमानों को कहा जाता है जो बांग्लादेश से आए है, असम के लोग इन्हे बांग्लादेशी घुसपैठिए कहते हैं, मिंया मुसलमानों को खदेड़ने की मांग पहले भी उठ चुकी है, NRC भी असम में कराया गया लेकिन कुछ भी सफल नहीं हो पाया तो, अब असम के हिंदू संगठनो ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर एक हफ्ते में मिंया मुसलमानों को असम से बाहर नहीं खदेड़ा गया तो इस काम को वो खुद अंजाम देंगे। ताई अहोम युवा परिषद नाम के संगठन ने कहा, पूरी घटना मियाँ मुस्लिमों द्वारा की गई है, मियाँ मुसलमान अब असम के लिए नासूर बन गए हैं, निचले असम में भी कई मियाँ मुसलमान हैं, वे बलात्कार, डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हैं, इनसे लोग बेहद परेशान हैं। 

असल में असम को दो हिस्सों में बांटा गया है एक उपरी असम और एक निचला असम, निचले असम में इन घुसपैठियों की भारी तादात है, लेकिन अब ये लोग उपरी असम में भी घुसपैठ कर रहे है। इसी घुसपैठ को रोकने के लिए असम के तीस से ज्यादा संगठन एक साथ आ गए है, और सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है, हालाकिं कागेंस पार्टी अपने स्टैंड पर क्लीयर है कि अगर किसी ने भी घुसपैठियों को हाथ लगाया तो बवाल कर दिया जाएगा, क्योंकि यहीं तो इनकी ताकत है, कांग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने मिंया मुसलमानों को बाहर करने का अल्टीमेटम देने वाले संगठनों को चुनौती दी है।अब्दुर रशीद ने चैलेंज देकर कहा है कि प्रदर्शनकारी मिंया मुसलमानों को नहीं निकाल पाएंगे। रशीद का कहना है कि कुछ लोगों की गलती के लिए सबको दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, मियाँ मुस्लिम असम के अलग अलग इलाकों में हो रहे कामों में अपना योगदान दे रहे हैं, उन्होंने ऐसे तनावपूर्ण हालातों के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की टिप्पणियों को जिम्मेदार बताया। 

हालांकि घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए हिमंता लतागार प्रयास कर रहे है, हिमंता के मुताबिक पिछले एक महिने में 35 बांग्लादेशी मुसलमानों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, जिन्हे पकड़कर वापस भेज दिया गया है, तो घुसपैठ को लेकर हिमंता कठोर कदम को उठा रहे है, लेकिन जो घुसपैठ हो चुकी है, उसको लेकर असम का हिंदू चिंतित है और यही चिंता अब ज्वाला बनकर भड़की है, क्योंकि इन जिहादियों का शिकार बहन बेटियां हो रही है, अब देखना होगा कि हिंदू संगठनों ने सरकार को जो अल्टीमेटम दिया है, मिंया मुसलमानों को खदेडने का, और कांग्रेस विधायक ने जो चुनौती दी है कि मिंया मुसलमान असम से बाहर नहीं जाएंगे, इन दोनों चेतावनियों का हल सरकार कैसे निकालती है। 

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