मोदी के नेतृत्व में देश ने अलग पहचान बनाई, सेना के जरिए पाकिस्तान को भी धूल चटाई, CM मोहन यादव ने प्रधानमंत्री की जमकर की तारीफ़
भारतीय विज्ञान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ऋषि और मुनि दो अलग-अलग शब्द है. इन दोनों शब्द के मर्म को समझेंगे तो हमारे वैज्ञानिक परंपरा को समझने में सरलता हो जाएगी. हमारे मुनि विवाह नहीं करते, लेकिन ऋषि परंपरा न्यूनतम आवश्यकताओं के साथ अपना जीवन यापन करते हुए सुदूर जंगल में अध्ययन-अध्यापन का कार्य करते हैं.
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान का सहारा लेकर प्रधानमंत्री मोदी सेना के माध्यम से पाकिस्तान को भी धूल चटाने का काम करते हैं.
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का किया शुभारंभ
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित किया. कितना अच्छा लगता है जब साइबेरिया की बर्फीली पहाड़ियों पर लोग योग करते हुए नजर आते हैं. चीन से लगाकर पाकिस्तान तक हर कोई योग कर रहा है. योग वाले दिन तो पाकिस्तान के लोग भी योग करते हुए संयोग से ही सही, नमस्कार तो भारत को ही करता है.
‘ऋषि-मुनि परंपरा वैज्ञानिक सोच का आधार’
भारतीय विज्ञान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ऋषि और मुनि दो अलग-अलग शब्द है. इन दोनों शब्द के मर्म को समझेंगे तो हमारे वैज्ञानिक परंपरा को समझने में सरलता हो जाएगी. हमारे मुनि विवाह नहीं करते, लेकिन ऋषि परंपरा न्यूनतम आवश्यकताओं के साथ अपना जीवन यापन करते हुए सुदूर जंगल में अध्ययन-अध्यापन का कार्य करते हैं.
उन्होंने भारत के प्राचीन ज्ञान की चर्चा करते हुए कहा कि वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा अर्थात् लाखों करोडों सूर्य हमारे यहां है. यह जानकारी सनातन संस्कृति के माध्यम से भारतीय लोगों को है. अंगदान महादान माना गया है.
‘आपमें कोई आर्यभट्ट, कोई कलाम बन सकता है’
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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि जो अंगदान करता है हम उनको 'गार्ड ऑफ ऑनर' देकर साइंस के इसी भाव को रेखांकित करते हैं. अंगदान से कई लोगों का जीवन बचता है. छात्रों को आने वाले समय का महान व्यक्ति होने की कामना करते हुए कहा कि आज मैं आपके बीच हमारी प्रतिभाओं में कोई वराह मिहिर, कोई आर्यभट्ट, कोई भाभा, कोई विक्रम साराभाई, कलाम साहब की प्रतिभा देख रहा हूं. मंगल मिशन फेल होने पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं जाकर हमारे वैज्ञानिकों का हौसला अफजाई करते हैं. विद्या, तर्क, विज्ञान, स्मृति, तत्परता और क्रियाशीलता इन 6 गुणों के आधार पर अपने जीवन से विज्ञान की गति आगे बढाई जा सकती है.
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