देश धूमधाम से मना रहा 76 वां गणतंत्र दिवस, आइए जानते है क्या है झंडा फहराने और ध्वजारोहण में अंतर ?
देश आज अपना 76 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर राजकीय समारोह होगा। इससे पहाएल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु झंडा फहराएंगी। जिसमें भारत की विभिन्न संस्कृति का दृश्य और देश की बढ़ती सैन्य ताकत का स्मरण आज पूरा देश करेगा।

देश आज अपना 76 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर राजकीय समारोह होगा। इससे पहाएल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु झंडा फहराएंगी। जिसमें भारत की विभिन्न संस्कृति का दृश्य और देश की बढ़ती सैन्य ताकत का स्मरण आज पूरा देश करेगा। इस समारोह में राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, समेत तमाम पक्ष विपक्ष के बड़े नेता हिस्सा लेंगे। वही इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतों शामिल होंगे।
ध्वजारोहण और झंडा फहराने में अंतर
दरअसल, गणतंत्र दिवस भारत के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व में से एक है। जो 26 जनवरी को मनाया जाता है। आज के समारोह में मुख्य आकषर्ण का केंद्र 'फ्लाई -पास्ट' होता है। जिसमें भारतीय वायुसेना के विमानों का शानदार प्रदर्शन का सभी साक्षी बनते है। इसके साथ ही देश के हर राज्यों के मुख्यालय पर झंडा फहराया जाता है। साथ ही झांकियां भी निकाली जाती है। हालांकि इस मौके पर कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि ध्वजारोहण और झंडा फहराने में क्या अंतर है। 26 जनवरी को देश के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराया जाता है। इस मौके पर झंडा फहराने के लिए राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर की तरफ बांधा जाता है और रस्सी खींचकर झंडा फहराया जाता है। वहीं स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर की तरफ खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है।
गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस हो या फिर गणतंत्र दिवस इस दोनों ही मौके पर देशवासियों के मन में देश प्रेम को लेकर एक अलग ही उमंग होता है। हर तरफ लोग इस खास दिन पर देश के शहीदों को नमन करते हुए इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सालेते हैं।