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अफगानिस्तान के लिए भारत ने दिखाई दरियादिली, 160 ट्रकों को दी विशेष मंजूरी, पहली बार विदेश मंत्री एस जयशंकर की बातचीत

भारत-अफगानिस्तान के बीच एक बार फिर रिश्तें बेहतर होती दिख रही है. भारत ने अपनी दरियादिली दिखाते हुए 160 अफगान ट्रकों को विशेष मंजूरी दे दी है. बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के आने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी खटास आ गई थी.

17 May, 2025
( Updated: 17 May, 2025
06:32 PM )
अफगानिस्तान के लिए भारत ने दिखाई दरियादिली, 160 ट्रकों को दी विशेष मंजूरी, पहली बार विदेश मंत्री एस जयशंकर की बातचीत
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की गुरुवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से फोन पर की गई बातचीत रंग ला रही है. दोनों देशों के रिश्ते एक बार फिर बेहतर होती हुई दिख रही है. 

अटारी-वाघा सीमा पर 160 ट्रकों को मंजूरी 

भारत ने एक बार फिर अफगानिस्तान के प्रति अपनी दरियादिली दिखाते हुए अटारी-वाघा सीमा के रास्ते 160 अफगान ट्रकों को विशेष प्रवेश की अनुमति दी है. ये ट्रक सूखे मेवे और नट्स जैसे सामान लेकर भारत पहुंचे हैं. यह कदम भारत और तालिबान के बीच हाल ही में हुई पहली राजनीतिक बातचीत के बाद उठाया गया है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से फोन पर बात की थी. यह भारत और तालिबान के बीच पहला औपचारिक राजनीतिक संपर्क था. मुत्ताकी ने ईरान और चीन की अपनी आगामी यात्रा से पहले जयशंकर को फोन किया था. इस बातचीत के अगले ही दिन भारत ने अफगान ट्रकों को अटारी सीमा के रास्ते प्रवेश की अनुमति दी.

भारत-अफगानिस्तान में 1 बिलियन डॉलर का व्यापार 

भारत दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जहां दोनों देशों के बीच लगभग 1 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है. अफगानिस्तान से भारत में मुख्य रूप से सूखे मेवे, सेब और अन्य सामान आते हैं. अटारी-वाघा सीमा भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार का सबसे सस्ता और तेज मार्ग है. सीमा बंद होने से पहले प्रतिदिन 40-45 अफगान ट्रक अटारी पहुंचते थे.

भारत ने 2021 के बाद से अफगानिस्तान को 50,000 टन गेहूं, 350 टन दवाइयां, 40,000 लीटर मालाथियॉन (कीटनाशक) और 28 टन भूकंप राहत सामग्री भेजी है. इसके अलावा, भारत ने 2,000 अफगान छात्रों को ऑनलाइन स्कॉलरशिप प्रदान की है. अब खबर है कि अफगान पक्ष ने भारत के इस मदद की सराहना की है.

इससे पहलगाम हमले के बाद तालिबान ने हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई थी. तालिबान ने पाकिस्तान के उन दावों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि भारत ने अफगानिस्तान पर मिसाइल दागे। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस साल की शुरुआत में दुबई में मुत्ताकी से मुलाकात की थी, जिसके बाद से भारत अफगानिस्तान में अपने परियोजनाओं को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है.

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