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योगी सरकार के 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' मॉडल का असर, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने रच दिया इतिहास

खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों के प्रचार-प्रसार और उन्हें जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने 755 लाख रुपए व्यय कर प्रदेश के 18 मंडलों में प्रदर्शनियां और 351 तहसीलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए.

CM Yogi

उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और स्वरोजगार के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने विभिन्न योजनाओं का सफल संचालन कर कौशल विकास और विपणन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की है. इस वर्ष विभाग ने अधिकांश योजनाओं में लक्ष्य से अधिक उपलब्धियां हासिल कीं, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विज़न 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुआ.

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में रिकॉर्ड उपलब्धि

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने एवं युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की ओर से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में वर्ष 2025-26 में लक्ष्य से अधिक 2,994 ग्रामोद्योग इकाइयों की स्थापना हुई और 32,384 रोजगार सृजित किए गए जबकि इस वर्ष का लक्ष्य 2,482 इकाइयों की स्थापना कर 27,302 रोजगार सृजित करने का ही था. इसी क्रम में मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत भी प्रदेश में 94 नई इकाइयों की स्थापना की गई, जिसके माध्यम से 2,586 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया. खादी एवं ग्रामोद्योग का यह प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

कारीगरों एवं संस्थाओं को मिला लाभ

पं. दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के तहत प्रदेश की 219 खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं के 66,859 कारीगरों को लाभ पहुंचाया गया. वहीं सूती और ऊनी वस्त्रों के निर्माण को दिए जा रहे प्रोत्साहन के तहत 7,448 कम्बलों का उत्पादन हुआ है. विभाग की ये योजनाएं खादी उत्पादों के विपणन को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. पं. दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना के माध्यम से प्रदेश की लगभग 1,092 ग्रामोद्योग इकाइयों को लाभान्वित किया गया, जो ग्रामीण क्षेत्रों में लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन देने में सहायक सिद्ध हुईं.

डिजाइनिंग और मॉडर्नाइजेशन पर विशेष फोकस

खादी वस्त्रों को आधुनिक एवं युवाओं के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट), रायबरेली के सहयोग से खादी वस्त्रों की डिजाइनिंग, कटिंग, सिलाई और पैकेजिंग का प्रशिक्षण देने का अनुबंध किया गया है. इसके तहत पिछले साल 40 युवा कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया था. इस वर्ष इस क्रम में विभाग ने 30 लाख रुपए का प्रावधान किया.

कौशल विकास व उपकरण वितरण

विभाग की ओर से खादी उत्पाद के विकास, मानकीकरण एवं गुणवत्ता सुनिश्चित अभियान के तहत 59 लाख रुपए की लागत से 245 व्यक्तियों को प्रशिक्षण एवं उपकरण वितरण किया गया. विभाग की कौशल सुधार प्रशिक्षण योजना के तहत 8,750 लाभार्थियों को विभिन्न ट्रेड्स में कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान किया गया.

प्रदेशभर में प्रदर्शनियां और जागरूकता कार्यक्रम

खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों के प्रचार-प्रसार और उन्हें जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने 755 लाख रुपए व्यय कर प्रदेश के 18 मंडलों में प्रदर्शनियां और 351 तहसीलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए. इससे ग्रामीण उद्यमियों की न केवल नए बाजारों तक पहुंच बढ़ी है, उनकी आय में भी वृद्धि हुई है.

साथ ही उत्कृष्ट कार्य, निर्यात और विपणन में अग्रणी लघु एवं कुटीर उद्यमियों एवं संस्थाओं को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया. खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की ये उपलब्धियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और सफल नीतियों का परिणाम हैं, जो उनके आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं.

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