Prayagraj Accident : अस्पताल में मरीजों से मिले सीएम योगी, बोले "हर संभव मदद मिलेगी"
प्रयागराज में माघ मेले के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के लिए संगम नोज पर भारी भीड़ उमड़ी, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया और कई श्रद्धालु घायल हो गए। हादसे की खबर मिलते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत अस्पताल का दौरा किया और घायलों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना।

माघ मेले के दौरान मौनी अमावस्या पर पवित्र संगम में स्नान के लिए उमड़ी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ में अचानक अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कुछ श्रद्धालु घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जैसे ही इस घटना की खबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिली, उन्होंने तुरंत अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए और खुद प्रयागराज पहुंचकर घायलों से मुलाकात की।
शनिवार को अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, मुख्यमंत्री स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल (SRN) पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने घायलों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार हर संभव मदद के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों को इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए और कहा कि घायलों की जल्द से जल्द रिकवरी सुनिश्चित की जाए।
कैसे हुआ प्रयागराज हादसा?
प्रयागराज में माघ मेले के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचे थे। प्रशासन के तमाम इंतजामों के बावजूद अचानक स्थिति बिगड़ गई। सुबह करीब 6 बजे के आसपास श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण संगम नोज के पास कुछ लोग असंतुलित होकर गिर गए। कुछ को हल्की चोटें आईं, तो कुछ को धक्का-मुक्की के कारण गंभीर चोटें भी लगीं।
घटना के तुरंत बाद, अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन ने घायलों को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया। राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तुरंत कदम उठाए।
सीएम योगी का अस्पताल दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे ही अस्पताल पहुंचे, वहां मौजूद मरीजों और उनके परिजनों के चेहरे पर राहत की झलक दिखी। योगी आदित्यनाथ ने एक-एक मरीज के पास जाकर उनसे बातचीत की और उनका हाल जाना। एक महिला श्रद्धालु जब अपनी हालत बताते हुए भावुक हो गई, तो मुख्यमंत्री ने उसे सांत्वना देते हुए कहा, "घबराना मत, सब ठीक हो जाएगा। सरकार तुम्हारे साथ है।" इसके बाद उन्होंने डॉक्टरों से घायलों की स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जिन श्रद्धालुओं को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा, उनके घर वापस जाने की पूरी व्यवस्था प्रशासन द्वारा करवाई जाए। अस्पताल दौरे के बाद, मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए श्रद्धालुओं से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, "प्रदेश सरकार सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। सभी घायल तीर्थयात्रियों को बेहतरीन इलाज दिया जा रहा है और आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी आश्वासन दिया कि घायलों और उनके परिवारों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि सभी घायलों का फ्री इलाज किया जा रहा है। उनके परिजनों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई है। गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं के लिए विशेष डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। अस्पताल में हर घंटे मरीजों की स्थिति की समीक्षा की जा रही है। योगी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि जिन श्रद्धालुओं को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा, उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, प्रशासन ने तत्काल विशेष मेडिकल टीमों को अस्पताल में तैनात किया और घायलों की तीव्र रिकवरी के लिए हर संभव कदम उठाए। जिला प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि श्रद्धालुओं के परिजनों को तुरंत सूचना दी जाए और उन्हें अस्पताल आने में कोई दिक्कत न हो। मुख्य सचिव और डीजीपी ने भी अस्पताल का दौरा कर घायलों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
कुंभ और माघ मेले में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा
माघ मेले में इस तरह की घटना से सरकार और प्रशासन ने भी सुरक्षा इंतजामों की गहन समीक्षा शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आगे से इस तरह की घटना न हो, इसके लिए भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था को और सख्त किया जाए। संगम क्षेत्र में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स की निगरानी बढ़ाई जाएगी। CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए ड्रोन सर्विलांस का इस्तेमाल किया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि माघ मेले जैसे विशाल आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और बेहतर प्रबंधन से इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है। सरकार ने इस हादसे के बाद तुरंत नए सुरक्षा मानकों को लागू करने की योजना बनाई है, जिसमें सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाना, निगरानी तंत्र मजबूत करना और मेडिकल इमरजेंसी प्लान को अधिक प्रभावी बनाना शामिल है।
मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई घटना ने सभी को चिंता में डाल दिया, लेकिन प्रशासन की तत्परता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशीलता ने श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाई। सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा मानकों को और सख्त करने का निर्णय लिया है। अब यह देखना होगा कि आगामी कुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा उपायों को कितना प्रभावी बनाया जाता है। लेकिन इतना तय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तेजी से कार्यवाही और घायलों से सीधे संवाद ने श्रद्धालुओं का भरोसा मजबूत किया है।
आईएएनएस