Advertisement

इस राज्य में अब बिना HIV टेस्ट के नहीं हो सकेगी शादी, जानें क्यों सरकार उठा रही यह कदम

मेघालय सरकार शादी से पहले एचआईवी टेस्ट को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री एंपरीन लिंगदोह ने बताया कि एचआईवी/एड्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए नया कानून लाया जा सकता है. राज्य इस मामले में देश में छठे स्थान पर है. हाल ही में उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन टिनसोंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई और स्वास्थ्य विभाग को कैबिनेट नोट तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

25 Jul, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
08:46 AM )
इस राज्य में अब बिना HIV टेस्ट के नहीं हो सकेगी शादी, जानें क्यों सरकार उठा रही यह कदम

पूर्वोत्तर भारत के राज्य मेघालय में एक नई स्वास्थ्य नीति को लेकर गंभीर विचार चल रहा है, जो विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी टेस्ट को लागू कर सकती है. यह प्रस्ताव इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि राज्य में एचआईवी/एड्स के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री एंपरीन लिंगदोह ने शुक्रवार को इस संभावित कानून की जानकारी दी और बताया कि सरकार इस पर गंभीरता से काम कर रही है.

क्या है सरकार की योजना?

मेघालय सरकार का कहना है कि अगर गोवा जैसे राज्य ने पहले से ही विवाह से पहले एचआईवी जांच को ज़रूरी बना दिया है, तो मेघालय क्यों पीछे रहे। एंपरीन लिंगदोह का मानना है कि यह केवल एक स्वास्थ्य उपाय नहीं, बल्कि सामाजिक ज़िम्मेदारी भी है. उन्होंने कहा कि यह कदम समाज को एक सुरक्षित भविष्य देने के लिए ज़रूरी है, ताकि लोगों को समय रहते इलाज मिल सके और वायरस का फैलाव रोका जा सके.

एचआईवी के आंकड़े 

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि केवल ईस्ट खासी हिल्स जिले में ही अब तक एचआईवी/एड्स के 3,400 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इन मामलों में से सिर्फ़ 1,500 से थोड़े अधिक लोग ही नियमित इलाज ले रहे हैं. यह संख्या बताती है कि या तो जागरूकता की कमी है या फिर सामाजिक डर के कारण लोग सामने नहीं आ पा रहे. सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन मामलों में अधिकांश संक्रमण असुरक्षित यौन संबंधों के कारण फैला.

नीतिगत बैठकें और भावी रणनीति

स्वास्थ्य मंत्री ने उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन टिनसोंग की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया. इस बैठक में समाज कल्याण मंत्री पॉल लिंगदोह समेत आठ विधायक भी शामिल हुए थे। बैठक में एक राज्यव्यापी नीति बनाने पर विचार किया गया, जिसके तहत विवाह से पहले एचआईवी जांच को अनिवार्य किया जा सकेगा. इसके अलावा गारो हिल्स और जैंतिया हिल्स जैसे अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि सभी क्षेत्रों की स्थिति के अनुसार रणनीति बनाई जा सके.

क्या यह क़ानून बन पाएगा?

राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग जल्द ही इस प्रस्ताव पर कैबिनेट नोट तैयार करेगा. इसके बाद यह विधेयक राज्य विधानसभा में पेश किया जा सकता है. यदि इसे मंज़ूरी मिलती है, तो मेघालय ऐसा दूसरा राज्य बन जाएगा जहां विवाह से पहले एचआईवी जांच अनिवार्य होगी. हालांकि, इसके क्रियान्वयन में सामाजिक और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

एचआईवी को लेकर लोगों की सोच बदलना ज़रूरी

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी ज़ोर दिया कि एचआईवी अब लाइलाज बीमारी नहीं है. यदि समय रहते इसका पता चल जाए और सही इलाज मिले, तो संक्रमित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। लेकिन इसके लिए सबसे पहली शर्त है जांच. सरकार का उद्देश्य किसी को शर्मिंदा करना नहीं है, बल्कि एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज का निर्माण करना है.

यह भी पढ़ें

बता दें कि मेघालय सरकार का यह प्रस्ताव साहसी और जरूरी दोनों है.  यह एक ऐसा कदम हो सकता है जो न सिर्फ़ संक्रमित व्यक्तियों की मदद करेगा बल्कि पूरे समाज को एचआईवी/एड्स जैसी गंभीर बीमारी से बचा सकता है. यदि यह कानून बनता है तो यह पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकता है और अन्य राज्य भी इससे प्रेरणा लेकर ऐसे क़दम उठाने के लिए मजबूर होंगे. यह समय है कि हम स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और सामाजिक भ्रांतियों को पीछे छोड़ें. शादी से पहले एचआईवी जांच सिर्फ एक क़ानूनी बाध्यता नहीं बल्कि एक ज़िम्मेदारी है.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें