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सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 1.77 लाख, गडकरी ने संसद में जानकारी दी

Nitin Gadkari: हमारे देश में सड़क सुरक्षा अभी भी बहुत बड़ी समस्या है. इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे बढ़ती गाड़ियों की संख्या, सड़क पर अव्यवस्थित यातायात और लोग सड़क नियमों का पालन नहीं कर रहे. अगर इन चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह संख्या और बढ़ सकती है.

06 Dec, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
10:07 AM )
सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 1.77 लाख, गडकरी ने संसद में जानकारी दी
Image Source: Social Media

Nitin Gadkari: सरकार ने हाल ही में संसद को बताया कि 2024 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या पिछले साल की तुलना में बढ़कर 1,77,177 हो गई है. इसका मतलब है कि हर दिन लगभग 485 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं. यह आंकड़ा दिखाता है कि हमारे देश में सड़क सुरक्षा अभी भी बहुत बड़ी समस्या है. इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे बढ़ती गाड़ियों की संख्या, सड़क पर अव्यवस्थित यातायात और लोग सड़क नियमों का पालन नहीं कर रहे. अगर इन चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह संख्या और बढ़ सकती है.

स्टॉकहोम घोषणापत्र और 2030 का लक्ष्य


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि फरवरी 2020 में सड़क सुरक्षा पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था. इसमें ‘सड़क सुरक्षा पर स्टॉकहोम घोषणापत्र’ अपनाया गया. इसके अनुसार 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और चोटों को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया ह, यह लक्ष्य सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है. इसका मकसद है कि सभी देश सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लें और सड़क हादसों को कम करने के लिए ठोस कदम उठाएं.


सड़क हादसों की संख्या और उनका असर


मंत्री ने यह भी बताया कि 2023 में भारत में कुल 4,80,583 सड़क हादसों की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज की थी. इन हादसों में 1,72,890 लोगों की मौत हुई और 4,62,825 लोग घायल हुए.इसमें पश्चिम बंगाल का डेटा भी शामिल है. ये आंकड़े बताते हैं कि सड़क दुर्घटनाएं सिर्फ मौत का कारण नहीं बनतीं, बल्कि इनके कारण परिवारों को आर्थिक और मानसिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. ऐसे हादसे समाज और परिवार दोनों पर गहरा असर डालते हैं.


भारत की स्थिति दुनिया में


‘वर्ल्ड रोड स्टेटिस्टिक्स 2024’ के अनुसार, चीन में प्रति लाख लोगों पर सड़क हादसों में मौत का आंकड़ा 4.3 है, अमेरिका में 12.76, और भारत में 11.89 है. इसका मतलब है कि भारत की सड़क दुर्घटना दर चीन से ज्यादा है, लेकिन अमेरिका से थोड़ी कम. फिर भी, यह बहुत चिंता वाली बात है। इसे कम करने के लिए जरूरी है कि सरकार और जनता दोनों मिलकर काम करें.


सड़क सुरक्षा के लिए सरकार की योजना


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सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 4-‘ई’ की योजना बनाई है. इसका मतलब है: Education (शिक्षा), Engineering (सड़कों और वाहनों की सुरक्षा), Enforcement (कानून का पालन), और Emergency Care (आपातकालीन इलाज). इस योजना के तहत सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाई जा रही है, सड़कों और वाहनों की सुरक्षा सुधारी जा रही है, ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है और हादसे के बाद तुरंत आपातकालीन इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. इसका मकसद है कि न सिर्फ दुर्घटनाओं की संख्या घटे, बल्कि हर व्यक्ति सुरक्षित तरीके से यात्रा कर सके.

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