कटहल के हैं शौकीन तो हो जाएं सावधान, पकड़ सकती है पुलिस! बस ड्राइवर के साथ हुआ यही कुछ, ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट में हो गया फेल
केरल के पठानमथिट्टा जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया. यहां एक सरकारी बस ड्राइवर को ड्यूटी पर आने से पहले रूटीन ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट से गुजरना था, लेकिन टेस्ट में जो नतीजा आया, उसने सभी को हैरान कर दिया. ड्राइवर ने दावा किया कि उसने शराब नहीं पी है, फिर भी ब्रेथ एनालाइजर ने उसे शराब के नशे में दिखाया. तीन और कर्मचारियों का टेस्ट भी फेल हो गया. एक अधिकारी ने बताया कि जब उस ड्राइवर ने टेस्ट कराया तो मशीन का मीटर 0 से 10 तक कुछ ही सेकंड में चला गया.

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केरल के पठानमथिट्टा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन को चौंका दिया, बल्कि ब्रेथ एनालाइज़र मशीनों की सटीकता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
यह मामला उस समय चर्चा में आया जब एक सरकारी बस ड्राइवर ड्यूटी से पहले रूटीन ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट में फेल हो गया, जबकि उसने बार-बार दावा किया कि उसने शराब का सेवन नहीं किया है. ड्राइवर का मीटर कुछ ही सेकंड में शून्य से 10 तक चला गया, जिससे अधिकारी भी हैरत में पड़ गए. हैरानी की बात यह थी कि उसके साथ तीन अन्य कर्मचारियों का टेस्ट भी फेल हो गया.
ड्राइवर ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे उसका ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं क्योंकि उसने कोई नशा नहीं किया. ड्राइवर की बातों से प्रभावित होकर अधिकारियों ने ब्रेथ एनालाइज़र मशीन की जांच शुरू की.
कटहल बना टेस्ट फेल होने की वजह!
जांच के दौरान, एक अधिकारी ने पहले खुद टेस्ट किया, जिसमें मशीन ने “शून्य” यानी नॉर्मल रिजल्ट दिया. लेकिन जैसे ही उस अधिकारी ने कटहल खाया और दोबारा टेस्ट कराया, मशीन ने उसे भी “नशे में” दिखा दिया. यह देखकर साफ हो गया कि समस्या ड्राइवर में नहीं, बल्कि मशीन की पहचान प्रणाली में थी.
विशेषज्ञों के अनुसार, कटहल में कुछ नेचुरल किण्वित यौगिक (fermented compounds) पाए जाते हैं जो खाने के बाद सांस के माध्यम से बाहर निकलते हैं. ब्रेथ एनालाइज़र मशीनें इन यौगिकों को अल्कोहल समझकर झूठा पॉज़िटिव रिजल्ट दे सकती हैं.
क्या कहता है विज्ञान?
डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का मानना है कि कटहल जैसे कुछ फलों में प्राकृतिक रूप से मौजूद एल्कोहल जैसे यौगिक सांस के जरिए निकलते हैं और यदि उस समय ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट किया जाए तो मशीन को भ्रम हो सकता है. खासकर जब फल अधिक पका हुआ हो या लंबे समय तक रखा गया हो.
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यह मामला एक अहम चेतावनी है कि ब्रेथ एनालाइज़र जैसे उपकरणों की सटीकता पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब कोई प्राकृतिक खाद्य पदार्थ उसके परिणामों को प्रभावित कर सकता है. इस घटना के बाद संबंधित विभाग अब मशीनों की जांच करवा रहा है और कर्मचारियों को कटहल या इसी प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद कुछ समय तक टेस्ट से बचने की सलाह दी गई है.