गरीबी से जूझ रहे पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने, नई दिल्ली से बेहतर रिश्ते चाहता है इस्लामाबाद
Pakistan and Indian Relation: एआरवाई न्यूज के मुताबिक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के साथ व्यापारिक संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए ‘दो लोगों की जरूरत होती है’।
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Pakistan and Indian Relation: आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को अब भारत से दोस्ती की जरुरत महसूस हो रही है। पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को नई दिल्ली के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की इच्छा जाहिर की। एआरवाई न्यूज के मुताबिक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के साथ व्यापारिक संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए ‘दो लोगों की जरूरत होती है’। उन्होंने भारत से संबंधों को बेहतर बनाने के लिए माहौल बनाने की अपील की।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ....
पाकिस्तान की सारी उम्मीदें अब सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कर्ज पर ही टिकी हैं
2022 में आई विनाशकारी बाढ़, उच्च मुद्रास्फीति और राजनीतिक अस्थिरता के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बेहद खराब स्थिति में है। खस्ता आर्थिक हालात के कारण आबादी की खाद्य और ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने से संबंधित कई संकट पैदा हो गए हैं। पाकिस्तान की सारी उम्मीदें अब सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कर्ज पर ही टिकी हैं जिसके लिए उसे कभी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) या फिर सऊदी अरब और चीन जैसे दोस्तों की तरफ देखना पड़ता है। ऐसे में भारत के साथ व्यापार में रुकावट के कारण उसके खुशहाली के रास्ते की एक बड़ी बाधा है।
गैर-स्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान के दो साल के कार्यकाल की शुरुआत थी
रिपोर्ट के मुताबिक डार ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बातचीत के जरिए पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति में सुधार और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कोशिशों के बारे में जानकारी दी। इनमें सबसे हालिया कोशिश 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान के दो साल के कार्यकाल की शुरुआत थी। डार ने कहा कि पाकिस्तान को परमाणु शक्ति से आर्थिक शक्ति में बदलने और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करने की कोशिशें जारी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अपने पहले 10 महीनों के दौरान पाकिस्तान के कूटनीतिक प्रभाव को बढ़ाने का प्रयास किया, जिसके कारण 'अलग-थलग पड़े पाकिस्तान' की छवि को खत्म करने में मदद मिली।
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