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दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, लागू हुआ GRAP-3, जानिए क्या-क्या लगीं पाबंदियां

सोमवार को यह स्तर 362 था. यानी सिर्फ एक दिन में ही हवा इतनी जहरीली हो गई कि लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया.
ठंडी और स्थिर हवाओं के कारण हवा में मौजूद प्रदूषक नीचे ही फंस गए हैं.

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11 Nov 2025
( Updated: 11 Dec 2025
10:09 AM )
दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, लागू हुआ GRAP-3, जानिए क्या-क्या लगीं पाबंदियां

AQI Level: दिल्ली एक बार फिर से घने स्मॉग (धुंध और धुएं का मिश्रण) की मोटी परत में लिपट गई है. मंगलवार यानी 11 नवंबर की सुबह 9 बजे तक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बढ़कर 425 पहुंच गया. यह “सीवियर” यानी बेहद खराब श्रेणी में आता है. सोमवार को यह स्तर 362 था. यानी सिर्फ एक दिन में ही हवा इतनी जहरीली हो गई कि लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया.
ठंडी और स्थिर हवाओं के कारण हवा में मौजूद प्रदूषक नीचे ही फंस गए हैं. ऊपर से हवा में नमी बढ़ने के कारण धूल और धुआं नीचे जम गया है. मौसम की ये अनफेवरेबल (अनुकूल न होने वाली) स्थिति प्रदूषण को और भी ज्यादा बढ़ा रही है.


प्रदूषण से हालात बिगड़े, सरकार ने लिया बड़ा फैसला


दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ते हालात को देखते हुए Commission for Air Quality Management (CAQM) ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. इस मीटिंग के बाद सरकार ने तुरंत ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-III लागू कर दिया है.
यह स्टेज तब लागू किया जाता है जब एयर क्वालिटी “सीवियर” श्रेणी (AQI 401-450) में पहुंच जाती है. यानी जब हवा इतनी खराब हो जाती है कि हर व्यक्ति पर इसका असर दिखने लगता है ,चाहे वह स्वस्थ व्यक्ति ही क्यों न हो.

क्या है GRAP स्टेज-III और क्यों लागू किया गया


GRAP एक ऐसा प्लान है, जो दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के अनुसार लागू किया जाता है. इसमें चार स्टेज होते हैं -  स्टेज-I (मॉडरेट), स्टेज-II (पुअर), स्टेज-III (सीवियर), और स्टेज-IV (सीवियर प्लस इमरजेंसी).
स्टेज-III तब लागू किया जाता है जब हवा बेहद जहरीली हो जाती है. इस स्टेज के तहत कई तरह की सख्त पाबंदियां लागू की जाती हैं ताकि प्रदूषण को और बढ़ने से रोका जा सके.

किन चीज़ों पर लगी हैं पाबंदियां

स्टेज-III लागू होने के बाद अब दिल्ली-एनसीआर में कई तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है.
सबसे पहले कंस्ट्रक्शन (निर्माण) और डेमोलिशन (ढहाने) का काम रोक दिया गया है.
स्टोन क्रशर और माइनिंग (खनन) गतिविधियों पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है.
डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल अब बैन कर दिया गया है.
सभी कंस्ट्रक्शन साइट्स और स्थानीय निकायों को डस्ट कंट्रोल यानी धूल कम करने के सख्त आदेश दिए गए हैं.

प्रदूषण कम करने के लिए उठाए जा रहे कदम


प्रदूषण के असर को कम करने के लिए अब सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि धूल उड़ न सके. जिन जगहों पर प्रदूषण ज्यादा है, वहां लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके अलावा हॉटस्पॉट इलाकों में स्पेशल टीमें बनाई गई हैं जो चौबीसों घंटे नजर रख रही हैं.
सरकार का कहना है कि लोगों को भी अपनी तरफ से कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे बाहर कम निकलना, मास्क पहनना, और वाहन का कम इस्तेमाल करना.


लोगों के लिए खतरे की घंटी


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दिल्ली की हवा अब इतनी खराब हो गई है कि विशेषज्ञों के अनुसार यह हर व्यक्ति के लिए नुकसानदायक है. आंखों में जलन, गले में खराश, सिरदर्द और सांस लेने में परेशानी जैसी शिकायतें बढ़ने लगी हैं. बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं.
इसलिए डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि जितना हो सके लोग घर में रहें और बाहर निकलते वक्त मास्क जरूर पहनें. साथ ही, पौधे लगाने और कारपूल जैसी आदतें अपनाकर हर व्यक्ति थोड़ा-थोड़ा योगदान दे सकता है.

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