Advertisement

Bangkok पहुंचे PM Modi का एयरपोर्ट पर हुआ जबरदस्त स्वागत ,बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग

थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री सूरिया जुंगरुंगरेंगकिट सहित कई अन्य शीर्ष अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बैंकॉक पहुंचे। उनका भारतीय प्रवासियों ने 'मोदी मोदी' और 'वंदे मातरम' के नारे लगातार गर्मजोशी से स्वागत किया।  

थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री सूरिया जुंगरुंगरेंगकिट सहित कई अन्य शीर्ष अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "बैंकॉक, थाईलैंड में उतरा। आगामी आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने, भारत और थाईलैंड के बीच सहयोग के बंधन को मजबूत करने के लिए उत्सुक हूं।"

प्रधानमंत्री मोदी छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड में हैं। वह 4 अप्रैल को क्षेत्रीय नेताओं के साथ सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे।

पीएम मोदी भारत-थाईलैंड संबंधों को मजबूत करने के लिए थाई नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।

बैंकॉक में आगमन के बाद, प्रधानमंत्री का भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करने का कार्यक्रम है, जिसमें वह भारत और थाईलैंड के बीच गहरे सांस्कृतिक, आर्थिक संबंधों को रेखांकित करेंगे।

इससे पहले, अपने प्रस्थान वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा, "प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा के निमंत्रण पर, मैं आज थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा और छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना हो रहा हूं।" उन्होंने कहा, "पिछले दशक में, बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास, संपर्क, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण, भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बिम्सटेक के केंद्र में है।"

प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक नेताओं के साथ बातचीत के प्रति उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "मैं बिम्सटेक देशों के नेताओं से मिलने और हमारे सहयोग को और मजबूत करने के लिए रचनात्मक रूप से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं।"

बिम्सटेक एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के सात सदस्य देश शामिल हैं। दक्षिण एशिया से पांच (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका) और दक्षिण पूर्व एशिया से दो (म्यांमार और थाईलैंड)।

यह समूह दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण पुल के रूप में कार्य करता है। भारत इसका सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली सदस्य है, जो इसके एजेंडे को आकार देता है और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देता है।

Input: IANS

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE