PM मोदी ने किया चिनाब ब्रिज का उद्घाटन, जानें दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज की खासियत, क्यों है ये इंजीनियरिंग का चमत्कार
Chenab Bridge Inauguration: सिविल इंजीनियरिंग का एक चमत्कार और करीब 1,400 करोड़ रुपये की लागत से बने चिनाब पुल का पीएम मोदी ने उद्घाटन कर दिया है. उन्होंने इसी ट्रैक पर बने अंजी ब्रिज का भी लोकार्पण कर इतिहास रच दिया है. इसकी ऊंचाई तो दुनिया में सबसे ज्यादा है ही, बल्कि खासियत भी काफी है. ये ब्रिज बिजनेस, पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी नई गति देगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे ‘चिनाब रेल ब्रिज’ का उद्घाटन कर दिया है. चिनाब के साथ-साथ इसी ट्रैक पर बने अंजी ब्रिज का भी लोकार्पण हो गया है. अंजी देश का पहला ऐसा रेलवे ब्रिज है जो केबल स्टेड तकनीक पर बना है. पीएम मोदी ने इसके लोकार्पण के साथ ही एक बार फिर इतिहास रच दिया है. पीएम लगातार कहते रहे हैं की उनकी सरकार की ये खासियत रही है कि वो जिस परियोजना का शिलान्यास करते हैं, उसका उद्धाटन भी वही, अपने ही कार्यकाल में करते हैं. उनके इस बयान का मतलब ये था कि ऑन टाइम प्रोजेक्ट डिलीवरी से समय और लागत दोनों की बचत होती है और भ्रष्टाचार पर लगाम लगती है. लगातार निगरानी और युद्ध स्तर पर जुटकर उन्होंने ये कार्य कर दिखाया है.
सिविल इंजीनियरिंग का एक चमत्कार और करीब 1,400 करोड़ रुपये की लागत से बने चिनाब पुल, जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेल और आर्च ब्रिज है कहा जाता है, उसे देश को समर्पित कर दिया है. एफिल टावर से भी ऊंचे इस रेलवे आर्च ब्रिज की लाइफ स्पैन 120 साल होगी. यह ऐतिहासिक पुल न केवल कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ेगा, बल्कि क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी नई गति देगा.
दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज, चिनाब रेल ब्रिज का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, देश को किया समर्पित. #ChenabBridge #ChenabRailBridge #PMModi #Katra pic.twitter.com/JsRtuEpKev
— NMF NEWS (@nmfnewsofficial) June 6, 2025
एफिल टावर और कुतुब मीनार से भी ऊंचा है चिनाब ब्रिज
दरअसल, ‘चिनाब रेल ब्रिज’ को इंजीनियरिंग का एक आधुनिक चमत्कार कहा जाए तो गलत नहीं होगा. जम्मू और कश्मीर में स्थित यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है. यह ब्रिज पेरिस के मशहूर एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और दिल्ली की मशहूर कुतुब मीनार से लगभग 287 मीटर ऊंचा है.
‘चिनाब रेल ब्रिज’ नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 272 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग में 1315 मीटर का यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. यह 266 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है. साथ ही यह ब्रिज भूकंपीय क्षेत्र पांच में स्थित है और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप को सहने में सक्षम है.
इसके अलावा, ‘चिनाब रेल ब्रिज’ की वजह से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय घटकर 3 घंटे और कम हो जाएगा. इसके शुरू होने से घाटी के लोगों के आने-जाने का समय काफी बच पाएगा.
चिनाब ब्रिज पर पहला ट्रायल रन जून 2024 में सफलतापूर्वक पूरा हुआ था. इसके बाद जनवरी 2025 में वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल किया गया था.
इससे पहले 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के अवसर पर भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल 'नये पंबन रेल पुल' का उद्घाटन किया था.
2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज कई मायनों में खास है. इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का एक वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है. यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं. इसके ढांचे में 333 पाइल हैं. इसमें एंटी-कोरोजन तकनीक, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट, उन्नत स्टेनलेस स्टील और फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक टिकाऊ रहेगा. इस ब्रिज के निर्माण ने भारत की डिजाइन और सर्टिफिकेशन में तकनीकी श्रेष्ठता को साबित किया है.