गाजा में हमास के कब्जे से रिहा हुए बंधकों की तस्वीरें आईं, PM मोदी भी हुए गद-गद, कर दी ट्रंप-नेतन्याहू की तारीफ
गाजा में संघर्ष खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'पीस प्लान' के पहले चरण पर इजरायल और हमास ने मुहर लगाई. इसके तहत हमास के कब्जे में मौजूद सभी इजरायली बंधकों की रिहाई हो गई है. रेड क्रॉस ने उन्हें इजरायली सेना को सौंपा. अब इस पर प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने शांति को लेकर ट्रंप के ईमानदार प्रयासों और नेतन्याहू के संकल्प की तारीफ भी की.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकी संगठन हमास के कब्जे से इजरायली बंधकों की रिहाई का स्वागत किया है. इतना ही नहीं उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाज़ा में शांति प्रस्ताव को ईमानदार कोशिश करार देते हुए भारत के पूर्ण समर्थन की बात कही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि बंधकों की वापसी ट्रंप के शांति प्रयासों और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के संकल्प का प्रतीक है.
बंधकों की हमास कैप्टिविटी से रिहाई और मिस्र में होने वाले शिखर वार्ता पर कहा कि, “हम दो साल से ज्यादा समय तक बंधक बनाए गए सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं. उनकी आजादी उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के अटूट शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है." पीएम मोदी ने आगे लिखा, "हम क्षेत्र में शांति लाने के राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं.”
इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात एक्स पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को बधाई दी थी और युद्ध रोकने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की कोशिशों की सराहना की थी. पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, "राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के तहत हुई प्रगति पर बधाई देने के लिए अपने मित्र, प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन किया. हम बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता बढ़ाने पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं. इस बात पर जोर दिया कि दुनिया में कहीं भी किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद अस्वीकार्य है."
वहीं राष्ट्रपति ट्रंप की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने पोस्ट कर कहा था कि, "मैंने अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा शांति योजना की सफलता पर उन्हें बधाई दी. उन्होंने व्यापार वार्ता में हुई अच्छी प्रगति की भी समीक्षा की. आने वाले हफ्तों में निकट संपर्क में रहने पर सहमति बनी."
मिस्र के शर्म अल-शेख में हो रहा गाजा शांति शिखर सम्मेलन
आपको बता दें कि 13 अक्टूबर को मिस्र में गाजा शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है, जिसकी अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अब्देल फतह अल-सिसि कर रहे हैं. इसमे संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी शामिल होंगे. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता कार्यालय ने शनिवार को एंटोनियो गुटेरेस की मिस्र यात्रा की जानकारी दी थी. शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन मिस्र के शर्म अल-शेख में होगा, जिसमें अन्य देशों के नेताओं के शामिल होने की भी चर्चा है.
We welcome the release of all hostages after over two years of captivity. Their freedom stands as a tribute to the courage of their families, the unwavering peace efforts of President Trump and the strong resolve of Prime Minister Netanyahu. We support President Trump’s sincere…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2025
मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह बैठक मिस्र के लाल सागर स्थित रिसॉर्ट शहर शर्म अल-शेख में होगी, जिसमें 20 से ज्यादा देशों के नेता भाग ले रहे हैं. इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य गाजा पट्टी में युद्ध को समाप्त करना, मिडिल ईस्ट में शांति और स्थिरता प्राप्त करने के प्रयासों को बढ़ाना और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता के एक नए युग की शुरुआत करना होगा.
हो गई सभी इजरायली बंधकों की रिहाई!
आपको बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप के शांति समझौते के तहत पहले चरण में 7 बंधकों की रिहाई हो गई. दूसरी तरफ बंधकों की रिहाई मामले में ताजा अपडेट यह है कि पहले फेज में 7 इजरायली बंधकों को हमास ने रेड क्रॉस पर इजरायल के अधिकारियों को सौंपा था. वहीं इजरायल वॉर रूम के एक्स अकाउंट पर जानकारी दी गई है कि बाकी के 13 जीवित बंधकों को भी हमास ने रेड क्रॉस पर इजरायली अधिकारियों को सौंप दिया है.
इजरायल भी करेगा 2000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा
ट्रंप के सीजफायर प्लान के तहत फिलिस्तीन के लगभग 2000 कैदियों को इजरायल की ओर से रिहा किया जाना है. इजरायली वॉर रूम ने जानकारी दी है कि रिहा हुए बंधकों में से एक मतान के परिवार ने कहा, "हम फिर से सांस ले सकते हैं. हमारा मतान घर आ गया है! हमारा प्यारा बेटा दो साल बाद हमारे पास लौट आया है और हमें उस पर बहुत गर्व है. हम उसकी हिम्मत की कद्र करते हैं. हम उसे गले लगाए बिना नहीं रह सकते और हम उसके साथ उसकी वापसी की योजना बना रहे हैं."
पीस प्लान पर अमेरिकी सैनिकों की निगरानी
आपको बताएं कि ट्रंप के पीस प्लान के तहत इजरायली डिफेंस फोर्स गाजा पट्टी से एक सीमा के भीतर वापस जाएगी. सीजफायर पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने के बाद इसकी निगरानी के लिए 200 अमेरिकी सैनिकों की तैनाती हुई थी. इजरायली मीडिया ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि इजरायल और हमास के बीच गाजा सीजफायर की निगरानी के लिए मिडिल ईस्ट में 200 सैनिक तैनात किए गए हैं.
अमेरिकी सेना की मध्य कमान के प्रमुख एडमिरल ब्रैड कूपर हैं. वह शुरुआत में 200 सैनिकों को जमीनी स्तर पर तैनात हैं. उनकी भूमिका निगरानी करना, निरीक्षण करना और यह सुनिश्चित करना होगा कि समझौते का कोई उल्लंघन न हो.
उन्होंने बताया कि इस टीम में मिस्र, कतर, तुर्किए और संभवतः संयुक्त अरब अमीरात के सैन्य अधिकारी भी शामिल होंगे. वहीं, इस मामले में एक दूसरे अधिकारी का कहना है कि किसी भी अमेरिकी सैनिक का गाजा में जाने का इरादा नहीं है.
गाजा शांति योजना के तहत रिहा हुए 7 बंधक तस्वीर आई सामने
आपको बताएं कि गाजा शांति योजना के पहले चरण का आगाज बंधकों की रिहाई से शुरू हुआ. सोमवार सुबह कुल 7 को रिहा किया गया. जिनके नाम मतन एंगर्स्ट, गिल्बोआ डाला, एलन ओहेल, गली और जिवी बर्मन, एतान मोर और ओमारी हैं. इजरायली सरकारी प्रेस कार्यालय ने कुछ देर बाद इनकी तस्वीर साझा की है. तस्वीरों में रिहाई के बाद सैनिकों से मिलते हुए इन्हें देखा जा सकता है. अपने प्रियजनों से मिलने से पहले चिकित्सा जांच के लिए इजरायली क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं.
गले मिलते दिखए बर्मन बंधु
इस दौरान तस्वीरों में बर्मन बंधु गले मिलते दिखे, तो गिल्बोआ-डाला को भी इजरायली सैनिकों से मिलते देखा गया. दो साल पहले वह नोवा उत्सव में थे, जहां गाजा से कुछ ही मील दूर अपने भाई के साथ जश्न मना रहे थे. इसके तुरंत बाद, हमास ने उनका अपहरण कर लिया था. इनमें एतान मोर भी थे, जो अक्टूबर 2023 में दक्षिणी इजरायल पर हमास के नेतृत्व वाले हमले के दौरान नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहे थे, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 को बंधक बना लिया गया था.
क्या है ताजा अपडेट!
कुल मिलाकर, 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हमास के नेतृत्व वाले घातक हमले के दौरान अपहृत 20 जीवित बंधकों को आज रिहा किया जाना है. सात बंधकों को हमास ने सौंप दिया है. रॉयटर्स के अनुसार, शेष 13 जीवित बंधकों के साथ-साथ 26 मृत बंधकों के शवों और दो अन्य, जिनके बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं है, को भी सोमवार को रिहा किए जाने की उम्मीद है. बंधकों के बदले इजरायल 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा और 1,700 बंदियों को सौंप देगा.
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी सुबह बेन गुरियन हवाई अड्डे पहुंचे. यहां इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग ने रेड कार्पेट पर उनका स्वागत किया.
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हर्जोग के कार्यालयानुसार ट्रंप का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति हर्जोग ने कहा, "ब्लेस्ड आर द पीसमेकर्स." बाद में एक्स पोस्ट के में लिखा, "इजरायल आपका बहुत प्यार और कृतज्ञता के साथ स्वागत करता है! हमारे बंधकों को घर वापस लाने के लिए आपने जो कुछ भी किया है, उसके लिए धन्यवाद! हमारे क्षेत्र में भविष्य को लेकर आपकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद! ईश्वर इजरायल का भला करे! ईश्वर अमेरिका का भला करे!"
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