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मिल्कीपुर उपचुनाव: बीजेपी ने लगातार बढ़त जारी, सपा खेमे में निराशा

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है, वही दूसरी तरफ़ उत्तर प्रदेश के अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की गिनती भी हो रही है।

08 Feb, 2025
( Updated: 08 Feb, 2025
09:43 AM )
मिल्कीपुर उपचुनाव: बीजेपी ने लगातार बढ़त जारी, सपा खेमे में निराशा
शनिवार का दिन देश की राजनीति और सियासी दलों के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक तरफ़ दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है, वही दूसरी तरफ़ उत्तर प्रदेश के अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की गिनती भी हो रही है। यह सीट पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों के लिए साख का विषय बनी हुई है। अगर  शुरुआती रुझानों में भाजपा को बढ़त मिलती हुई दिख रही है। हालांकि, विजेता का फैसला करने के लिए कई दौर की मतगणना होगी। 


बीजेपी की लगातार बढ़त 

अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के रुझान आने शुरू हो गए हैं, पहला रुझान भाजपा के पक्ष में आया है। मतगणना के शुरुआत में बैलट-पेपर की गिनती हो रही है। भाजपा के करीब 4,000 वोटों से आगे चल रही है।मिल्कीपुर के राजकीय इंटर कॉलेज में मतगणना हो रही है। कई राउंड में मतगणना होगी और दोपहर तक नतीजे आने की उम्मीद है।मिल्कीपुर सीट पर वैसे तो 10 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान और समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अजीत प्रसाद के बीच है। यह मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है, दोनों ही पार्टियों ने प्रभावशाली पासी समुदाय से प्रत्याशी उतारे हैं।


अवधेश प्रसाद के सांसद बनने से ख़ाली हुई थी सीट 

सपा के अवधेश प्रसाद द्वारा 2024 में फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद सीट खाली करने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी। सपा ने अब उनके बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को आगे किया है, जिससे यह दो पासी नेताओं के बीच सीधा मुकाबला बन गया है। मिल्कीपुर निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 3.60 लाख मतदाता हैं, जिनमें 1.25 लाख दलित मतदाता हैं, जबकि पासी समुदाय के लगभग 65,000 मतदाता हैं। अन्य प्रमुख मतदाता समूहों में ओबीसी (30,000), मुस्लिम (30,000), ब्राह्मण (65,000) और यादव (55,000) शामिल हैं। दोनों दलों ने इस महत्वपूर्ण सीट को सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है, अब सभी की निगाहें मतगणना प्रक्रिया और अंतिम परिणामों पर टिकी हैं।

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