Advertisement

कर्नाटक की कलबुर्गी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्राओं को जबरदस्ती हिजाब पहनने के लिए किया गया मजबूर, असिस्टेंट प्रोफेसर पर लगा आरोप

कर्नाटक की कलबुर्गी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्राओं को जबरदस्ती हिजाब पहनने को लेकर दबाव डाला गया है. इस पर हैदराबाद की NGO लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार गौड़ा पाटिल को एक पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है. यह आरोप यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर अब्दुल मजीद पर लगा है.

29 Jul, 2025
( Updated: 29 Jul, 2025
05:58 PM )
कर्नाटक की कलबुर्गी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्राओं को जबरदस्ती हिजाब पहनने के लिए किया गया मजबूर, असिस्टेंट प्रोफेसर पर लगा आरोप

कर्नाटक की कलबुर्गी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्राओं को जबरदस्ती हिजाब पहनने का मामला सामने आया है. यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर के ऊपर आरोप लगा है कि उन्होंने फील्ड ट्रिप के दौरान छात्रों को ऐसा करने पर मजबूर किया. इसको लेकर हैदराबाद की एक NGO सामने आई है. जिसने पत्र लिखकर हिस्ट्री और आर्कियोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर अब्दुल मजीद के खिलाफ ऐसा करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. इस मामले पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का भी बयान सामने आया है. जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक में यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले साल 2021 में भी एक यूनिवर्सिटी में हिजाब पहनने के कारण 6 छात्राओं को क्लास में आने से रोक दिया गया था.

कलबुर्गी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में हिजाब न पहनने का मामला फिर से गर्माया 

बता दें कि कर्नाटक कलबुर्गी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्राओं को जबरदस्ती हिजाब पहनने को लेकर दबाव डाला गया. इस पर हैदराबाद की NGO लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार गौड़ा पाटिल को एक पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है. आरोप है कि यूनिवर्सिटी के हिस्ट्री और आर्कियोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर अब्दुल मजीद ने जानबूझकर फील्ड ट्रिप के दौरान छात्राओं को मुस्लिम स्मारकों का दौरा करने को कहा और उसके बाद एक मजार में जाने से पहले छात्राओं को सर ढकने का दबाव बनाया. इस फील्ड ट्रिप में कलबुर्गी और बीदर के स्टूडेंट्स शामिल थे. 

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का बयान आया सामने

इस गंभीर मामले पर यूनिवर्सिटी के ही रजिस्ट्रार रुद्र गौड़ा पाटिल का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि अभी तक किसी भी स्टूडेंट ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई है, लेकिन एक NGO की तरफ से शिकायत के मद्देनजर समिति का गठन किया गया है, जो इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करेगी और उसके बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर जो भी कार्रवाई होगी, वह की जाएगी. 

2021 में एक और यूनिवर्सिटी में उठा था हिजाब विवाद?  

बता दें कि साल 2021 में भी कर्नाटक की एक प्री-यूनिवर्सिटी में हिजाब का विवाद उठा था. उस दौरान उडुपी जिले के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश से रोक दिया गया था. यह पूरी घटना 31 दिसंबर साल 2021 की थी. 

क्या कहा था प्रशासन ने? 

यह भी पढ़ें

हिजाब पहनने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने कहा था कि वह राज्य सरकार के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे थे, जो छात्रों के बीच एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था. लेकिन 6 छात्राओं ने इस नीति के खिलाफ अपना विरोध जताया और 2 जनवरी 2022 को उन्हें निलंबित कर दिया गया था. सभी निलंबित छात्राओं ने दावा किया था कि हिजाब पहनना उनका धार्मिक और मौलिक अधिकार है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) के तहत संरक्षित है. यह मामला राज्य के ही कई अन्य कॉलेजों तक भी फैल गया, जिसके बाद कुछ हिंदू संगठनों और छात्रों ने हिजाब के विरोध में भगवा शॉल पहनकर अपना जवाबी प्रदर्शन किया था. 

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें