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स्पेस में ISRO की एक और सफल उड़ान, बाहुबली LVM3 से अमेरिकी सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग, गाड़े कामयाबी के झंडे

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. सतीश धवन स्पेस सेंटर (एसडीएससी एसएचएआर), श्रीहरिकोटा से इसरो के एलवीएम3-एम6 रॉकेट ने अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल की ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक 'लो अर्थ ऑर्बिट' (एलईओ) में स्थापित कर दिया.

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24 Dec 2025
( Updated: 24 Dec 2025
11:39 AM )
स्पेस में ISRO की एक और सफल उड़ान, बाहुबली LVM3 से अमेरिकी सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग, गाड़े कामयाबी के झंडे

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर कमाल कर दिया है. इसरो ने बुधवार सुबह 8.55 बजे अपने सबसे शक्तिशाली और बाहुबली कहे जाने वाले रॉकेट LVM3 से अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल की ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 संचार सैटेलाइट को सफलतापूर्वक 'लो अर्थ ऑर्बिट' में स्थापित कर दिया. इसके साथ ही LVM3 से अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ दिए हैं. यह इस रॉकेट की छठी ऑपरेशनल उड़ान (LVM3-M6) है यानी कि LVM3 ने ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 की सफल लॉन्चिंग के साथ ही सिक्सर लगा दिया है.

इतिहास का सबसे भारी पेलोड की लॉन्चिंग!

यह एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में अब तक का सबसे भारी पेलोड (6,100 किलोग्राम) है. लॉन्च सुबह 8:54 बजे आईएसटी सेकंड लॉन्च पैड से हुआ. 43.5 मीटर ऊंचे और 640 टन वजन वाले इस रॉकेट ने लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद सैटेलाइट को 520 किलोमीटर की ऊंचाई पर 53 डिग्री इंक्लिनेशन वाली सर्कुलर ऑर्बिट में छोड़ा.

LVM3 की ये छठी सफल उड़ान!

यह इसरो की 100 प्रतिशत सफलता वाली एलवीएम3 सीरीज की छठी उड़ान है, जो पहले चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवैब के 72 सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुकी है. यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के माध्यम से एक समर्पित कमर्शियल डील का हिस्सा है. एएसटी स्पेसमोबाइल दुनिया का पहला स्पेस-बेस्ड सेल्युलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क बना रही है, जो सामान्य स्मार्टफोन पर सीधे 4जी/5जी वॉइस, वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और इंटरनेट डेटा प्रदान करेगा.

ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सीरीज सैटेलाइट क्या है?

यह सैटेलाइट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सीरीज का पहला है, जिसमें 223 वर्ग मीटर का बड़ा फेज्ड एरे है, जो एलईओ में अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन एरे है. कंपनी पहले सितंबर 2024 में ब्लू बर्ड 1-5 लॉन्च कर चुकी है, जो अमेरिका और चुनिंदा देशों में कवरेज दे रहे हैं. ब्लॉक-2 सैटेलाइट्स 10 गुना ज्यादा बैंडविड्थ देंगे और दुनिया भर में कनेक्टिविटी गैप (लगभग 6 अरब मोबाइल यूजर्स) की दिशा में काम कर रहे हैं. इससे पहाड़ों, महासागरों और रेगिस्तानों में भी यह गैप खत्म किया जा सकेगा.

सैटेलाइट लॉन्चिंग से पहले इसरो चेयरमैन ने की थी तिरुमाला भगवान की पूजा!

इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने लॉन्च से दो दिन पहले तिरुमाला मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. यह मिशन भारत की कमर्शियल स्पेस लॉन्च क्षमता को वैश्विक स्तर पर मजबूत करता है. एएसटी स्पेसमोबाइल ने 50 से ज्यादा मोबाइल ऑपरेटर्स के साथ पार्टनरशिप की है. इस रॉकेटको  भारत की अंतरिक्ष क्षमता का प्रतीक माना जा रहा है. इसका भविष्य में गगनयान मानव मिशन के लिए भी इस्तेमाल होगा. यह मिशन इसरो के कॉमर्शियल लॉन्च में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा.

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अमेरिकी सैटेलाइट की लॉन्चिंग भारत की स्पेस एजेंसी से लॉन्च होने से इसरो की ग्लोबल लॉन्च सर्विसेज में मजबूती आएगी. ऐसा इसलिए कि अमेरिका में ही दुनिया की दो बड़ी स्पेस एजेंसियां NASA और SPACE X पहले से ही मौजूद हैं. इसरो को सस्ती लेकिन सबसे बेस्ट सर्विस देने के लिए जाना जाता है.

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