शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार लाएगी ये 13 बड़े बिल, कॉर्पोरेट कानून, शिक्षा और टैक्स सुधारों पर रहेगा फोकस
एक दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होगा. सत्र से पहले ऑल पार्टी मीटिंग की गई. शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार 13 अहम बिल पेश करेगी. जो शिक्षा, हेल्थ और टैक्स से जुड़े होंगे.
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Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार एक दिसंबर से होने जा रहा है. जिसमें 18वीं लोकसभा का छठा और राज्यसभा का 269वां सत्र शामिल है. यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल 15 बैठकें होंगी.
इन 15 बैठकों में मोदी सरकार 13 अहम विधेयक पेश करने जा रही है. इनमें दिवाला कानून, बीमा कानून, सिक्योरिटीज मार्केट, कॉर्पोरेट कानून, राष्ट्रीय राजमार्ग, उच्च शिक्षा आयोग, एटॉमिक एनर्जी, GST, और राष्ट्रीय सुरक्षा और कर सुधार क्षेत्र से जुड़े विधेयक शामिल हैं. सत्र की शुरुआत में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा सभापति सी.पी. राधाकृष्णन सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे.
मोदी सरकार इन 13 विधेयकों को करेगी पेश
जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल 2025: यह बिल 17 केंद्रीय कानूनों में छोटे अपराधों को गैर-आपराधिक बनाने और दंडों को तर्कसंगत बनाने का प्रयास करेगा. पहले अपराध पर चेतावनी देने का प्रावधान है, जो 10 मंत्रालयों के 76 अपराधों को प्रभावित करेगा.
इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल 2025: दिवालिया प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए संशोधन, जो कॉर्पोरेट रिकवरी को सुगम बनाएगा.
मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (दूसरा संशोधन) बिल 2025: राज्य स्तर पर GST प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए, जो एक अध्यादेश की जगह लेगा.
रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल 2025: पुराने कानूनों को निरस्त करने और संशोधित करने का सामान्य बिल
नेशनल हाईवे (संशोधन) बिल 2025: भूमि अधिग्रहण को तेज करने के लिए, जिससे राजमार्ग परियोजनाएं तेजी से पूरी होंगी.
एटॉमिक एनर्जी बिल 2025: परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने का महत्वपूर्ण बिल. यह 1962 के परमाणु ऊर्जा अधिनियम को अपडेट करेगा, जिसमें छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर जोर होगा. PM मोदी ने हाल ही में इसकी घोषणा की, जो ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा.
कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) बिल 2025: कंपनीज एक्ट 2013 और एलएलपी एक्ट 2008 में संशोधन, जो कारोबार की आसानी बढ़ाएगा.
सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल (SMC) 2025: सेबी एक्ट 1992 डिपॉजिटरीज एक्ट 1996 और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट 1956 को एकीकृत करेगा. इससे अनुपालन लागत कम होगी और विदेशी निवेश बढ़ेगा.
इंश्योरेंस कानून (संशोधन) बिल 2025: बीमा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए संशोधन.
आर्बिट्रेशन एंड कंसिलिएशन (संशोधन) बिल 2025: विवाद निपटान को तेज करने के लिए.
हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 2025: विश्वविद्यालयों को स्वायत्त बनाने और मान्यता प्रणाली को पारदर्शी करने का बिल, जो UGC की जगह लेगा.
सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) बिल 2025: उत्पाद शुल्क प्रक्रिया में सुधार.
हेल्थ सिक्योरिटी टू नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025: स्वास्थ्य सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए नया सेस लगाने का प्रावधान.
शीतकालीन सत्र से पहले ऑल पार्टी मीटिंग
शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. जिसमें पक्ष और विपक्ष दोनों के बड़े नेता शामिल हुए. सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ जेपी नड्डा बैठक में शामिल हुए. तो वहीं कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी, गौरव गोगोई शामिल हुए.
ऑल पार्टी मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?
सर्वदलीय बैठक के बाद पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर किरेन रिजिजू ने कहा, हम विपक्षी पार्टियों की बात सुनेंगे. यह विंटर सेशन है, हम उम्मीद करते हैं कि सब लोग ठंडे दिमाग से काम करेंगे और गरमागरम बहस से बचेंगे. पार्लियामेंट में एक सार्थक चर्चा होगी, कोई डिस्टर्बेंस नहीं होगा. अगर हम ठंडे दिमाग से काम करेंगे, तो यह देश के लिए फायदेमंद होगा और पार्लियामेंट सेशन आसानी से चलेगा.’ उन्होंने सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए विपक्षी दलों से सहयोग की मांग की है.
#WATCH | Delhi | Union Minister of Parliamentary Affairs, Kiren Rijiju says, "No one has said that they will not let the Parliament function. They have said that they will keep their issues moving forward. If they have said that they will not let the House function over one… pic.twitter.com/lPFsLWd2TD
— ANI (@ANI) November 30, 2025
इन मुद्दों पर हंगामे के आसार
सत्र से पहले INDIA गुट के फ्लोर लीडर्स ने मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक बुलाई है. सदन में विपक्ष विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर बहस, दिल्ली ब्लास्ट और विदेश नीति से जु़ड़े मुद्दों पर बहस की मांग कर सकता है, जिससे सत्र में हंगामे के पूरे आसार हैं. हालांकि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने SIR मुद्दे पर कहा है, मैं यह नहीं कह सकता कि हम चर्चा के लिए कौन से मुद्दे लाएंगे. इलेक्शन कमीशन अपना काम करता है. मैं इलेक्शन कमीशन का स्पोक्सपर्सन नहीं हूं. यानी उन्होंने गेंद चुनाव आयोग के पाले में डाल दी.
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