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भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल गुलाम नबी आजाद की तबीयत बिगड़ी, कुवैत के अस्पताल में भर्ती

पूर्व जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद कुवैत में एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दौरे के दौरान अचानक बीमार हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. वे एक बहु-दलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ खाड़ी देशों में भारत की छवि को मज़बूत करने और पाकिस्तान के झूठे प्रचार का पर्दाफाश करने गए थे.

28 May, 2025
( Updated: 28 May, 2025
01:08 PM )
भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल गुलाम नबी आजाद की तबीयत बिगड़ी, कुवैत के अस्पताल में भर्ती
पूर्व जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद को मंगलवार को उस समय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा जब वे एक बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कुवैत में भारत की तरफ़ से एक महत्वपूर्ण मिशन पर थे. भारतीय प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही आतंकवाद से जुड़ी झूठी जानकारियों का विरोध करने और भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी.

स्वास्थ्य स्थिर, लेकिन आगे की यात्राओं से दूर रहेंगे आज़ाद

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे बीजेपी नेता बैजयंत पांडा ने जानकारी दी कि गुलाम नबी आज़ाद की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया. फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है और चिकित्सकीय निगरानी में विभिन्न टेस्ट और प्रक्रियाएं जारी हैं. पांडा ने यह भी कहा कि बहरीन और कुवैत में आज़ाद की मौजूदगी काफी प्रभावशाली रही और अब उनकी अनुपस्थिति में सऊदी अरब और अल्जीरिया में उनकी कमी महसूस की जाएगी.

पाकिस्तान की झूठी सूचनाओं पर आज़ाद का करारा प्रहार

गुलाम नबी आज़ाद ने कुवैत में आयोजित बैठकों के दौरान पाकिस्तान की ओर से फैलाई जा रही दुष्प्रचार की रणनीति पर खुलकर निशाना साधा. उन्होंने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान की आदत है गलत सूचनाएं फैलाना, लेकिन इस दौरे में जो बैठकें हुईं, उनमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने तथ्यों के साथ सभी सवालों का जवाब दिया और पाकिस्तान के भ्रमजाल को तोड़ने में सफलता पाई.

गुलाम नबी आज़ाद ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने खाड़ी देशों में भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब और लोकतांत्रिक एकता का संदेश दिया है. उन्होंने बताया कि देश में चाहे राजनीतिक बहसें संसद में होती हों, लेकिन जब बात देश की होती है तो सभी पार्टियां एकजुट होती हैं. उन्होंने हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी समुदायों की आपसी मोहब्बत और सह-अस्तित्व की मिसाल भी पेश की.

इस यात्रा के माध्यम से भारत ने यह संदेश साफ़ तौर पर दिया है कि वह किसी भी साजिश या झूठे प्रचार के आगे झुकने वाला नहीं है. गुलाम नबी आज़ाद जैसे वरिष्ठ नेता की मौजूदगी से भारत की विश्वसनीयता को और मजबूती मिली. हालांकि उनकी तबीयत बिगड़ना चिंता का विषय है, लेकिन जिस अंदाज़ में उन्होंने देश का पक्ष रखा, वह आने वाले समय में भारत की छवि को वैश्विक मंच पर और मजबूत करेगा.

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