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दुलहस्ती-2 हाइड्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी, पाकिस्तान में मचा हड़कंप-पानी पर बढ़ती टेंशन

भारत ने चिनाब नदी पर दुलहस्ती-2 जल विद्युत परियोजना को मंजूरी दी है. अब भारत के इस फैसले से पाकिस्तान को मिर्ची लग रही है. पहले पाकिस्तान सिंधु जल समझौते के रद्द होने के बाद एक सुर में गा रहा था कि पानी की जगह खून बहेगा.

Image Credits_IANS

भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया. भारत का ये फैसला पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका था. हालांकि, पाकिस्तान अभी तक इस झटके से उबर भी नहीं पाया था कि भारत ने उसे एक और झटका दे दिया. 

दुलहस्ती-2 प्रोजेक्ट से पाकिस्तान तिलमिलाया

हाल ही में भारत ने चिनाब नदी पर दुलहस्ती-2 जल विद्युत परियोजना को मंजूरी दी है. अब भारत के इस फैसले से पाकिस्तान को मिर्ची लग रही है. पहले पाकिस्तान सिंधु जल समझौते के रद्द होने के बाद एक सुर में गा रहा था कि पानी की जगह खून बहेगा. लेकिन, अब दुलहस्ती-2 प्रोजेक्ट के बाद से बौखला रहा है.

पाकिस्तानी मीडिया डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सांसद शेरी रहमान ने सोमवार को कहा, "पानी को हथियार बनाना न तो समझदारी है और न ही ऐसे इलाके में मंजूर है, जो जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के दबाव के मामले में सबसे आगे है. इससे पहले से ही दुश्मनी और भरोसे के अभाव से जूझ रहे दोतरफा रिश्तों में तनाव और बढ़ेगा.''

सिंधु जल समझौते के बाद भारत का एक और बड़ा फैसला

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीपीपी नेता शेरी रहमान ने लिखा, “सिंधु जल समझौता (आईडब्ल्यूटी) का खुला उल्लंघन करते हुए, भारत ने अभी-अभी चिनाब नदी पर दुलहस्ती स्टेज-II हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है."

पीपीपी नेता ने आगे लिखा, “आईडब्ल्यूटी को एकतरफा रद्द नहीं किया जा सकता है. जैसा कि हाल ही में यूएन के रिपोर्ट ने पुष्टि की है, आईडब्ल्यूटी के अनुसार पाकिस्तान का इंडस, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर नियंत्रण है, जबकि रावी, ब्यास और सतलुज नदियां भारत के कंट्रोल में आती हैं.''

दुलहस्ती-2 हाइड्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी

बता दें, भारत के पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने इस महीने की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर दुलहस्ती-2 जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी. इसकी लागत 3,200 करोड़ होगी.

भारत सरकार ने दुलहस्ती-2 जलविद्युत परियोजना को मंजूरी देते हुए पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया है कि देश अपने हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. भारत ने पहले भी सिंधु जल समझौता रद्द करते हुए कहा था कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते हैं.

चिनाब का पानी पाकिस्तान में खेती के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. चिनाब के पानी पर पाकिस्तान में किसानों की निर्भरता है. ऐसे में अगर किसानों को यह पानी नहीं मिलेगा, तो इसका सीधा असर फसलों पर देखने को मिलेगा और पाकिस्तान में जिस तरह के हालात हैं, उससे साफ है कि पड़ोसी देश के लिए मुश्किलें बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगी.

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