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अतिक्रमणकारियों को CM हिमंत की सख्त चेतावनी, कहा- 'मियां लैंड' की मांग कर रहे घुसपैठियों का सपना जरूर पूरा होगा लेकिन...

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बार फिर राज्य के घुसपैठियों को चेताते हुए कहा है कि, 'Miya Land' राज्य की मांग कर रहे लोगों का सपना जरूर पूरा होगा लेकिन भारत में नहीं, बल्कि बांग्लादेश या अफ़ग़ानिस्तान में.

असम के गोलाघाट जिले में चल रही अतिक्रमण हटाओ मुहिम के दौरान एक विवादास्पद बयान ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है. नगालैंड सीमा से सटे संवेदनशील उरियामघाट इलाके में जब अधिकारियों ने अवैध कब्जों को हटाया, तब एक अतिक्रमणकारी ने यह कहते हुए सनसनी फैला दी कि अगर बोडो समुदाय बोडोलैंड की मांग कर सकता है, तो "मियां लोग" मियांलैंड की मांग क्यों नहीं कर सकते. 

घुसपैठिए कर रहे 'Miya Land' की मांग, उनका सपना होगा पूरा 

सीएम हिमंत ने अपने ट्वीट में लिखा, "असम सरकार ने अतिक्रमणकारियों से 182 वर्ग किलोमीटर भूमि वापस ली है. अब यही घुसपैठिए एक अलग 'Miya Land' राज्य की मांग कर रहे हैं. उनका यह सपना जरूर पूरा होगा - लेकिन भारत में नहीं, बल्कि बांग्लादेश या अफ़ग़ानिस्तान में और वहाँ तक पहुँचने में मैं उनकी सहायता ज़रूर करूँगा." 

एक और ट्वीट में सीएम ने लिखा, "गुवाहाटी के पहाड़ों में हमने एक सर्वेक्षण किया था, ताकि वहां बैठे अतिक्रमणकारियों की पहचान कर सके और उन्हें गुवाहाटी से बाहर निकाल पाए. ये सर्वेक्षण असम के मूलनिवासियों पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा.

मूल निवासी बनाम अवैध घुसपैठ 

यह मुद्दा केवल अतिक्रमण हटाने तक सीमित नहीं है. असम में लंबे समय से अवैध घुसपैठ और जनसंख्यकीय बदलाव पर बहस होती रही है. 1971 के बाद असम में बांग्लादेशी मुसलमानों की घुसपैठ ने कई जिलों की आबादी को पूरी तरह बदल दिया है. यही वह समस्या थी जिसने 1979 से 1985 तक चले असम आंदोलन को जन्म दिया और असम समझौते की नींव रखी. लेकिन मूल निवासी आज भी मानते हैं कि उन वादों को पूरा नहीं किया गया.

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