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बिहार की नीतीश सरकार में बढ़ गया बीजेपी का दबदबा, इन 7 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

बीजेपी नेताओं की सक्रियता ने बिहार में कैबिनेट का विस्तार करवा दिया है। बुधवार को नीतीश कैबिनेट का विस्तार हुआ। जिसमें केवल बीजेपी कोटे के 7 विधायकों ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली है।

26 Feb, 2025
( Updated: 26 Feb, 2025
05:15 PM )
बिहार की नीतीश सरकार में बढ़ गया बीजेपी का दबदबा, इन 7 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
बिहार में इस साल के अक्टूबर-नवंबर महीने में विधानसभा के चुनाव होने है। ऐसे में राज्य में सियासी दलों की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। इस चुनाव में भले ही एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़े लेकिन बीजेपी खुद को मजबूत बनाए रखने के लिए हर मुमकिन प्रयास करती रहती है। इसका लाभ पार्टी को समय-समय पर मिलता रहता है। अब बीजेपी नेताओं की सक्रियता ने बिहार में कैबिनेट का विस्तार करवा दिया है। बुधवार को नीतीश कैबिनेट का विस्तार हुआ। जिसमें केवल बीजेपी कोटे के 7 विधायकों ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली है। इस तरह अब बिहार की राजनीति में या फिर यह कह सकते है कि नीतीश कुमार की सत्ता में बीजेपी का दबदबा बिहार में और भी ज़्यादा बढ़ गया है। 


नीतीश की कैबिनेट में शामिल हुए यें नेता 

बिहार सरकार का कैबिनेट विस्तार आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए एक महत्वपूर्ण क़दम बताया जा रहा है। इस मंत्री मंत्रिमंडल के विस्तार में एनडीए ने क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण का पूरा ख्याल रखा है। आइए अब आपको विस्तार से बताते है कि नीतीश कुमार की सेना में कौन-कौन से मंत्री शामिल हुए है। 


1- बिहार कैबिनेट विस्तार में संजय सरावगी को मंत्री बनाया गया है। जो एक बड़े वैश्य नेता के तौर पर पहचाने जाते है। सरवगी दरभंगा सीट से बीजेपी के विधायक हैं। 5 बार से लगातार जीत रहे हैं।

2- मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों में बिहार के बड़े कुशवाहा नेता डॉ सुनील का नाम भी है जो नालंदा की बिहार शरीफ सीट से विधायक हैं। 3 बार से लगातार विधायक हैं। डॉ सुनील सीएम नीतीश के गृह जिले से आते हैं।

3- एनडीए ने मिथिलांचन रीजन के भूमिहार नेता जीवेश कुमार मिश्रा को दूसरी बार मंत्री बनाए हैं। जो लगातार दो बार से विधायक हैं। दरभंगा की जाले सीट से बीजेपी विधायक हैं।   
 
4- इसके अलावा मिथिलांचन रीजन के बड़े राजपूत नेता राजू सिंह को भी मंत्री बनाया गया है। ये मुजफ्फरपुर की साहिबगंज सीट से विधायक है।

5- मंत्री बनने वालोमें मोतीलाल भी है। ये ओबीसी की तेली जाति से आते है। सीतामढ़ी की रीगा सीट से बीजेपी विधायक हैं। ये पहली बार 2010 में चुनाव जीते थे। 2020 में दूसरी बार विधायक चुने गए। 

6- कृष्ण कुमार मंटू भी कैबिनेट विस्तार में में मंत्री बने है, ये ओबीसी की कुर्मी जाति से आते है। मंटू सारण की अमनौर सीट से बीजेपी के विधायक हैं। 2010 में जेडीयू के टिकट पर विधायक बने थे। 2020 में इन्हें बीजेपी से मौक़ा मिला और चुनाव जीतने में कामयाब रहें। 

7 -मंत्रिमंडल विस्तार में विजय कुमार मंडल को भी मौक़ा मिला है जो अति पिछड़ा वर्ग से आते है। ये सीमांचल रीजन में मजबूत पकड़ रखने वाले नेता हैं। अररिया की सिकटी सीट से विधायक हैं। लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे हैं। कुल मिलाकर 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं। 


गौरतलब है कि बिहार की सरकार में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते है। पहले 30 मंत्री थे लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया। जिससे एक सीट ख़ाली हुई। इसके बाद सरकार में सात मंत्रियों का पद ख़ाली हुआ। यही वजह रही कि नीतीश कुमार की सरकार में कैबिनेट विस्तार में 7 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। बताते चले कि जनवरी 2024 में जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी तब कुल 30 नेताओं को मंत्री बनाया गया था। बीजेपी से 16 मंत्री, जिसमें दो डिप्टी सीएम भी शामिल थे। जेडीयू कोटे से 13 मंत्री बनाए गए थे। वहीं, एक जीतन राम मांझी की पार्टी से मंत्री बने थे। खैर अब चुनाव की तैयारियों से पहले मंत्रिमंडल विस्तार का लाभ चुनाव के नतीजों में एनडीए को मिलता है या नही इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। 

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