Advertisement

वक़्फ़ बोर्ड पर बड़ी साजिश का खुलासा , कांग्रेस ने रची थी वक़्फ़ बोर्ड की साजिश !

वक़्फ़ बोर्ड जो मनमाने तरीके से किसी भी ज़मीन को अपना बताकर कब्जा करने का दावा करती है , लेकिन अब इन शक्तियों को बीजेपी सरकार खत्म करना चाहती है , लेकिन क्या आप जानते है वक़्फ़ बोर्ड का बीज किसने बोया , वक़्फ़ बोर्ड का बीज कांग्रेस पार्टी ने बोया और ये बात राहुल गांधी या कांग्रेस कभी इस देश को नहीं बतांएगे की जवाहरलाल नेहरू से लेकर उनकी माँ सोनिया गांधी की मेहरबानी की वजह से 30 ऐसे वक़्फ़ बोर्ड जिसने 3 दिल्ली जितनी जमींन पर कब्ज़ा कर लिया , इस एक्ट को इतनी शक्तियां दी गई की ये अपने मनमाने तरीके से बिना मालिक के किसी भी सम्पति पर कब्ज़ा कर सकते है और किसी कोर्ट की इतनी हिम्मत नहीं की इन्हे रोक ले

26 Sep, 2024
( Updated: 05 Dec, 2025
02:27 AM )
वक़्फ़ बोर्ड पर बड़ी साजिश का खुलासा , कांग्रेस ने रची थी वक़्फ़ बोर्ड की साजिश !
Waqf Board जो मनमाने तरीके से किसी भी ज़मीन को अपना बताकर कब्जा करने का दावा करती है , लेकिन अब इन शक्तियों को बीजेपी सरकार खत्म करना चाहती है , लेकिन क्या आप जानते है वक़्फ़ बोर्ड का बीज किसने बोया , वक़्फ़ बोर्ड का बीज कांग्रेस पार्टी ने बोया और ये बात राहुल गांधी  या कांग्रेस कभी इस देश को नहीं बतांएगे की  जवाहरलाल नेहरू से लेकर उनकी माँ  सोनिया गांधी की मेहरबानी की वजह से 30 ऐसे वक़्फ़ बोर्ड जिसने 3 दिल्ली जितनी जमींन पर कब्ज़ा कर लिया , इस एक्ट को इतनी शक्तियां दी गई की  ये अपने मनमाने तरीके से बिना मालिक के किसी भी सम्पत्तियों पर कब्ज़ा कर सकते है और किसी कोर्ट की इतनी हिम्मत नहीं की इन्हे रोक ले , और इन्ही  मनमानी शक्तियों को अब बीजेपी सरकार खत्म करना चाहती है लेकिन पता नहीं विपक्षियों के पेट में इस एक्ट में संशोधन करने पर पेट में इतना दर्द क्यों हो रहा है , बीजेपी अब इस एक्ट में बदलाव करना चाहती है अब सभी सम्पत्तियों की तरह वक़्फ़ सम्पत्तियों को अपना डाटा डिजिटल करना होगा ये हम क्यों कह रहे है की वक़्फ़ बोर्ड का बीज कांग्रेस ने बोया हम यह क्यों कह रहे है की कांग्रेस के पेट में वक़्फ़ बोर्ड के संशोधन से पेट में दर्द है आइये सबूत के साथ 3 मामले आपको बताते है 


पहला मामला 


पहला मामला महाराष्ट्र का है 2023 की बात है जब माहिम बीच पर अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चला था , इस एक्शन के बाद उद्धव ठाकरे के साथ औरंगजेब फैन क्लब के पेट में दर्द  बहुत दर्द भी हुआ था  ,  बुलडोज़र एक्शन के समय वक़्फ़ ने इसे 60 साल पुराना धार्मिक स्थल बता दिया  लेकिन बाद में जब जांच हुई तो पता लगा की 2 साल पहले ही यह अवैध निर्माण समुद्र के बीचो - बीच किया गया है , यानी की पानी के बीचो - बीच बड़ी साजिश रचने की कोशिश हो रही थी , और  शर्म की बात तो यह  है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी वक़्फ़ के इस दावें को सही बता रहे थे वो भी वोटबैंक के लिए  , लेकिन समय रहते इस साजिश को नाकाम कर दिया 

दूसरा दावा 


सूरत नगर निगम में ये मामला सामने आया 2015 में जब अब्दुल जारल नाम के एक व्यक्ति ने  नगर निगम  को वक्फ की ज़मीन बताया और इसका दावा पेश किया और एक आवदेन दिया लेकिन 2021 में वक़्फ़ ने नगर निगम की जमीन पर कब्ज़ा कर लिया और दावा ये किया गया की इसका निर्माण शाहजहां  हकीकत खान ने 1600 ईस्वी में 33000  करवाया था और बाद इस जमीन को शाहजहां की बेटी जहाँआरा बेगम को दे दिया गया , इतने बड़े दावे के बाद सूरत नगर निगम ट्रिब्यूनल कोर्ट पहुंची लेकिन जैसा की जैसा की आप जानते है ट्रिब्यूनल कोर्ट में ज़्यादातर जज , वाकिन  विशेष  समुदाय से होते है तो  ऐसे में सूरत नगर निगम के लिए ये बहुत मुश्किल हो गया था की ये दावे झूठे है और यह ज़मीन सरकार की है लेकिन लगभग 9 से 10  साल बाद सूरत नगर निगम इस केस को जीत पाया है क्यूंकि मामला सरकार की ज़मीन जुड़ा था ,  ये मामला उस राज्य का है जिस राज्य को ये कहा जाता है की वहां विशेष समुदाय के लोग सेफ नहीं है उनके ऊपर अत्याचार होता है लेकिन अत्याचार कौन कर रहा था  साथ हमने आपको बताया 

तीसरा मामला आपको हैरान  कर देगा लेकिन ये मामला भयानक है ये +मामला है इलाहबाद कोर्ट परिसर में एक खाली ज़मीन की है जो 50 साल के लिए लीज़ पर दी गई थी , 1967 में लीज़ खत्म हो गई  लेकिन विशेष समुदाय के एक परिवार ने इस पर कब्ज़ा बनाए रखा , लेकिन साल 2000 में राजनाथ सिंह इस लीज़ को रद्द कर देती है , लेकिन तब तक वहां एक मस्जिद बन चुकी थी लेकिन वक़्फ़ बोर्ड का दावा अवैध निकला और सुप्रीम कोर्ट  ने ये आदेश निकाला की ये ज़मीन  हाई कोर्ट की है , बावजूद इसके अतिक्रमण करने वालों ने और कपिल सिब्बल और इंदिरा जय सिंह ने मामले को खींचने का पूरा प्रयास किया , सोचिये कितनी भयानक बात है की हाई कोर्ट को अपनी ज़मीन का सबूत पेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा 

तो क्या अब ये ज़रूरी नहीं की इस वक़्फ़ बोर्ड एक्ट में संशोधन हो क्या  आम आदमी के पास इतना पैसा या इतनी ताकत है की वो इतनी लम्बी लड़ाई लड़ पाए बिलकुल नहीं , अब ये सोच सकते है की वक़्फ़ कितना शक्तिशाली है की सुप्रीम कोर्ट से नहीं डरता और यही कारण है की  वक़्फ़ बोर्ड बिल में संशोधन ज़रूरी है ,  


यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें