विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश ने सरकारी कर्मचारियों के लिए खोला खजाना, दिया बड़ा तोहफा, गया शहर का भी बदल गया नाम
विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश ने सरकारी कर्मचारियों के लिए खजाने का मुंह खोल दिया है. उन्हें बड़ा तोहफा दिया गया है. वहीं गया शहर का भी नाम बदल दिया गया है.

बिहार में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन की सरकार तैयारियों में जुट गई है. चुनावी साल में राज्य की जनता की इच्छाओं का ध्यान रखते हुए अब सरकार कई अहम फैसले ले रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को बिहार कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 69 एजेंडों पर कैबिनेट की स्वीकृति दी गई है. इसमें गया शहर के नाम बदलने से लेकर सरकारी कर्मचारियों के DA में बढ़ोतरी समेत कई अहम फैसले लिए गए हैं.
सरकारी कर्मचारियों को तोहफा
किसी भी राज्य के चुनाव में सरकारी कर्मचारियों का एक तबका काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, शायद यही वजह है कि मौके की नजाकत को समझते हुए बिहार की नीतीश सरकार ने सातवें केंद्रीय वेतनमान के तहत वेतन पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है. उनका छठे वेतनमान के तहत 53% से बढ़ा कर 55% कर दिया गया है. वेतन और पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मियों को 6% महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है. इसी तरह पांचवें वेतनमान के तहत वेतन और पेंशन पाने वालों को 11% का महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है. सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर 1070 करोड रुपए का अतिरिक्त भार आएगा.
अब नए नाम से जाना जाएगा 'गया' शहर
बिहार सरकार की इस महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक में गया शहर के नाम बदलने को लेकर कैबिनेट की हरी झंडी मिल गई है. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से गया शहर का नाम बदलकर 'गयाजी' करने का प्रस्ताव आया था, जिसे मंजूरी दी गई है.
सुशील मोदी को बिहार सरकार ने दिया खास सम्मान
इसके अलावा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता रहे सुशील मोदी को विशेष सम्मान देने के लिए अब बिहार की सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. इसके मुताबिक अब प्रत्येक वर्ष 5 जनवरी को राजकीय समारोह के रूप में सुशील मोदी की जन्मतिथि मनाई जाएगी. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने पहलगाम हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों को 50 लख रुपए की आर्थिक सहायता देने की स्वीकृति दी है. वहीं इस कैबिनेट बैठक में जिन 69 एजेंडों पर मुहर लगी है वो शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक के हैं.
बताते चलें कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन की सीधी लड़ाई विपक्ष की इंडिया महागठबंधन से है जिसमें सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है जो नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर है. इसके साथ ही कांग्रेस भी इस बार मिशन मोड में अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतार रही है. राहुल गांधी ने कुछ महीनों के भीतर बिहार के कई दौरे किए हैं और अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने का समय- समय पर काम कर रहें है.