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Yogi का इस्तीफा मांग रहे अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को महंत राजू दास ने क्यों याद दिलाई अखिलेश राज की घटना ?

Prayagraj: Maha Kumbh में हुए हादसे को लेकर लगातार योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है तो वहीं दूसरी तरफ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने योगी का इस्तीफा मांग लिया जिस पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने दिलाई पिटाई की याद

Yogi का इस्तीफा मांग रहे अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को महंत राजू दास ने क्यों याद दिलाई अखिलेश राज की घटना ?

महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के बाद से ही योगी सरकार लगातार विरोधियों के निशाने पर है। विपक्षी नेता तो नेता शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी योगी सरकार पर किसी विपक्षी नेता की तरह लगातार हमला बोल रहे हैं। हद तो तब हो गई जब महाकुंभ हादसे के लिए सीएम योगी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनका इस्तीफा मांगने लगे। जिस पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास तो इस कदर भड़क गए कि योगी के लिए सीधे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से भिड़ गए। (मोंटाज में योगी शंकराचार्य और राजू दास को दिखाना) दरअसल मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में हुए हादसे में तीस लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे ने विपक्षियों के साथ-साथ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को भी योगी पर निशाना साधने का मौका दे दिया।

और इस हादसे जैसे मुश्किल समय में तमाम तेरह अखाड़ों की तरह योगी का साथ देने की बजाय शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सीएम योगी से इस्तीफा मांगने लगे। जिस पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास का गुस्सा इस कदर भड़क गया कि उन्होंने एक कविता के जरिये केरल के नरसंहार से लेकर बेटियों से लव जिहाद और पश्चिम बंगाल में नरसंहार जैसी घटनाओं की याद दिलाकर शंकराचार्य की बखिया उधेड़ दी। (महंत राजू दास को दिखाना दो तीन सेकेंड तक) महंत राजू दास ने सोशल मीडिया पर एक कविता के जरिये अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को मुंहतोड़ जवाब देते हुए लिखा। क्यों कभी??

केरल के नरसंहार पर।

बेटियों से लव जिहाद पर।

मंदिरों के अधिकार पर।

कभी क्यों नहीं आता आपका एक बयान...

सनातन के सम्मान पर।

पश्चिम बंगाल में गिरती रही लाशें, तब आप मौन थे।

पालघर में मारे गए “साधू” कौन थे?

क्या आपको नहीं था पता?

उद्धव ठाकरे तब महाराष्ट्र के सिरमौर थे।

दिल्ली दंगों में जब “जिहादियों” ने ललकारा था।

ताहिर हुसैन, अमानतुल्लाह या केजरीवाल आपका दुलारा था?

इस्तीफे की “मांग” तब क्यों नहीं आया था, जब जिहादियों ने दर्जी कन्हैया कुमार के गर्दन से सिर को उतारा था?

जिस “अखिलेश” से कर रहे गलबहियां,

उसी ने तो आपको “कुटवाया” था?

भूल गए क्या वो दिन...

जब उत्तर प्रदेश का हर जिला दंगों से थर्राया था!!

योगी का इस्तीफा मांगने चले अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को मुंहतोड़ जवाब देने वाले महंत राजू दास ने उन्हें ये बात भी याद दिलाई कि जिस समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ वो गलबहियां करते नजर आते हैं। एक वक्त था जब उन्हीं के राज में अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर लाठी बरसाई गई थी। ये बात है साल 2015 की जब यूपी में सपा सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। और उसी साल 22 सितंबर के दिन गणेश प्रतिमा विसर्जन रोके जाने के विरोध में वाराणसी के गोदौलिया चौराहे पर धरना दे रहे मराठा गणेशोत्सव सेवा समिति के कार्यकर्ताओं के समर्थन में दूसरे दिन जनता सड़क पर उतर आई थी। जिसके समर्थन में उतरे अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी वहीं धरने पर बैठ गए थे।

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लेकिन अखिलेश सरकार की पुलिस ने देर रात उन पर लाठी चार्ज कर दिया था। जिसमें अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती समेत चालीस से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। सत्ता से जाने के बाद साल 2021 में जब अखिलेश यादव हरिद्वार गए तो उस घटना के लिए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से माफी भी मांगी थी। और अब एक बार फिर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती अखिलेश के साथ सुर में सुर मिलाकर योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। जिस पर हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने केरल के नरसंहार से लेकर पालघर में साधुओं की हत्या, राजस्थान में कन्हैया की हत्या जैसे कई मुद्दों की याद दिलाई और आखिर में देश की जनता से पूछा कि अब आप बताओ मित्रों… किसे अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए? स्वघोषित शंकराचार्य को? या योगी जी को?

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