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Bangladesh: बांग्लादेश की सरकार ने उठाएं शेख हसीना की पार्टी पर सख्त कदम, 'छात्र शाखा' पर लगाया प्रतिबंध

Bangladesh: बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा कि सरकार ने 'आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2009' की धारा 18 की उपधारा (1) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए 'बांग्लादेश छात्र लीग' पर प्रतिबंध लगा दिया है

24 Oct, 2024
( Updated: 24 Oct, 2024
01:26 PM )
Bangladesh: बांग्लादेश की सरकार ने उठाएं शेख हसीना की पार्टी पर सख्त कदम, 'छात्र शाखा' पर लगाया प्रतिबंध
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Bangladesh: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के छात्र संगठन 'बांग्लादेश छात्र लीग' पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत लगाया गया है। बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा कि सरकार ने 'आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2009' की धारा 18 की उपधारा (1) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए 'बांग्लादेश छात्र लीग' पर प्रतिबंध लगा दिया है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ...

गृह मंत्रालय की ओर से जारी हुआ आदेश

 गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है, "बांग्लादेश की आजादी के बाद से, विशेष रूप से पिछले 15 वर्षों के तानाशाही शासन के दौरान, अवामी लीग का छात्र संगठन 'बांग्लादेश छात्र लीग' को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल पाया गया है। इन गतिविधियों में हत्या, प्रताड़ना, कॉलेज परिसरों में उत्पीड़न, छात्र डॉर्मिटरी में सीट ट्रेडिंग, टेंडर में हेरफेर, दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियां शामिल हैं। इससे पहले, मंगलवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने के लिए नेतृत्व करने वाले समूह भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस्तीफे सहित पांच सूत्री मांगों की घोषणा की।

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बांग्लादेश के राष्ट्रपति  के इस्तीफे सहित पांच सूत्री मांगों की घोषणा की

मांगों में अवामी लीग के छात्र संगठन, बांग्लादेश छात्र लीग पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल थी। बुधवार शाम जारी आदेश में कहा गया है, "इनसे संबंधित दस्तावेजी जानकारी देश के सभी प्रमुख मीडिया में प्रकाशित हो चुकी है और कुछ आतंकवादी घटनाओं में संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक अदालत में आरोप भी साबित हो चुके हैं।" आधिकारिक आदेश के अनुसार, बांग्लादेश छात्र लीग के नेताओं ने 15 जुलाई से चल रहे भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और आम जनता पर बेतहाशा और बेखौफ तरीके से हमला किया। 

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