Advertisement

अमित शाह का पुराना फॉर्मूला हुआ हिट, हरियाणा समेत चार राज्यों में कांग्रेस को किया चित

मतदान के बाद एग्जिट पोल में कांग्रेस एक दशक बाद हरियाणा की सत्ता में वापसी करते हुए दिखाई दे रही थी लेकिन जैसे ही मतों की गिनती शुरू हुई तमाम एग्जिट पोल के दावे खोखले साबित हो गए।

09 Oct, 2024
( Updated: 09 Oct, 2024
06:55 PM )
अमित शाह का पुराना फॉर्मूला हुआ हिट, हरियाणा समेत चार राज्यों में कांग्रेस को किया चित
Google
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे ने सभी को चौंका कर दिया। राज्य के चुनावी परिणाम को लेकर राजनीतिक पंडितों द्वारा लगाए जा रहे प्रयास धरे के धरे रह गए। भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीत की हैट्रिक लगाते हुए तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे को लेकर भी तमाम एग्जिट पोल एकदम गलत साबित हो गए हैं। मतदान के बाद एग्जिट पोल में कांग्रेस एक दशक बाद हरियाणा की सत्ता में वापसी करते हुए दिखाई दे रही थी लेकिन जैसे ही मतों की गिनती शुरू हुई तमाम एग्जिट पोल के दावे खोखले साबित हो गए। हरियाणा में एंटी इंकम्बेंसी समेत कई मुद्दों से ऐसे थे जिसके चले चुनाव में हरियाणा बीजेपी के हाथ से निकलता दिख रहा था लेकिन बीजेपी के चाणक्य और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा में एक ऐसा फार्मूला चला जिसने इस राज्य को भाजपा के हाथ से जाने से बचा लिया। 

दरअसल, हरियाणा में पिछले दस साल से भाजपा की सरकार थी। ऐसे में राज्य में एंटी इंकम्बेंसी समेत कई ऐसे मुद्दे थे। जिनके चलते इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को नुकसान होता हुआ दिखाई दे रहा था। हरियाणा की सत्ता को करीब से जानने वाले राजनीतिक विश्लेषकों ने भी यह अनुमान लगाया था कि हरियाणा में इस बार सरकार बदलेगी और एक दशक बाद कांग्रेस की वापसी हो सकती है लेकिन गृह मंत्री अमित शाह कोई भी राज्य में चुनाव को हल्के में नहीं लेते हैं। हरियाणा में भी उन्होंने अपना एक पुराना फॉर्मूला चला था जिसका चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिला है और कांग्रेस चारों खाने चित हो गई।

हरियाणा में मुख्यमंत्री को हटाना


हरियाणा विधानसभा चुनाव से लगभग 7 महीने पहले भारतीय जनता पार्टी ने सभी को चौंकाते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाया था। अमित शाह ने ये दांव ये समझते हुए चला था कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में लड़ी थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी को बहुमत नहीं मिली थी हालाँकि जेजेपी के समर्थन से भाजपा राज्य में सरकार बनाने में सफल हुई थी। इसके बाद मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया था। 2024 विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी वाला कमान कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी इसलिए चुनाव से 7 महीने पहले मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायक सिंह सैनिक को राज्य की कमान सौंप गई थी। बीजेपी का यह प्रयोग सफल रहा और नायब सिंह सैनिक के नेतृत्व में हुए उसे चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने को तैयार है। 

हरियाणा से पहले इन राज्यों में भी सफल रहा प्रयोग


दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलने और नए चेहरे को सीएम पद की कुर्सी पर बैठना यह बीजेपी का पुराना और सफल फार्मूला है। इस प्रयोग को बीजेपी कई राज्यों में आजमा चुकी है। भारतीय जनता पार्टी वाला कमान की तरफ से यह प्रयोग हरियाणा से पहले उत्तराखंड त्रिपुरा और गुजरात में भी किया था। जो पार्टी के पक्ष में रहे और इन राज्यों में बीजेपी की सरकार की वापसी हुई। बताते चले कि देवभूमि उत्तराखंड में फरवरी 2022 में विधानसभा चुनाव होने थे लेकिन इससे कुछ महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री के पद से हटाते हुए पुष्कर सिंह धामी को राज्य की कमान सौंप गई। इसके बाद धामी के नेतृत्व में बीजेपी ने उत्तराखंड में चुनाव लड़ा और बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई। इसी तरह गुजरात में दिसंबर 2022 में विधानसभा के चुनाव होने थे उससे पहले मुख्यमंत्री रहे विजय रुपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया था और विधानसभा चुनाव में पटेल वापस सत्ता में आ गए। और यही प्रयोग फरवरी 2023 में हुए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले किया गया जिसमें राजकीय मुख्यमंत्री विप्लव देव मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाते हुए माणिक साहा को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया गया था और उनके नेतृत्व में हुए इस चुनाव में एक बार फिर से साहा सरकार के राज्य में वापसी हुई थी। 

गौरतलब है कि भले ही राज्य की मौजूदा हालात को देखकर राजनीतिक पंडित और सियासी पार्टी से जुड़े लोग इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि हरियाणा में इस बार सत्ता परिवर्तन होगा लेकिन बीजेपी के चाणक्य और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हर राज्य के चुनावी माहौल के नब्ज़ को टटोलना में माहिर है और वह समझते हैं कि राज्य में किस वक्त किसी परिवर्तन की जरूरत होती है। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री का प्रयोग अन्य राजनीतिक दलों के सारे रणनीति को फेल करने में सफल रहता है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे पर अगर नजर डाले तो 48 सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में ,37 सीट कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल के खाते में दो सेट वहीं तीन सीटों पर निर्दल प्रत्याशियों की जीत हुई है।

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
एक बहू दुनिया के साथ बिहार-यूपी को दिखा रही रास्ता। Julie Banerjee। Knowledge Mentor
Advertisement
Advertisement