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अयोध्या श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन, 85 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

अयोध्या श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी का बुधवार को निधन हो गया। 85 साल की उम्र में उन्होंने लखनऊ के SGPGI अस्पताल में अंतिम सांस ली। आचार्य सत्येंद्र दास जी को 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज के बाद उनका लखनऊ में इलाज चल रहा था।

12 Feb, 2025
( Updated: 12 Feb, 2025
10:29 AM )
अयोध्या श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन, 85 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
अयोध्या श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी का बुधवार को निधन हो गया। 85 साल की उम्र में उन्होंने लखनऊ के SGPGI अस्पताल में अंतिम सांस ली। आचार्य सत्येंद्र दास जी को 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज के बाद उनका लखनऊ में इलाज चल रहा था। आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की खबर मिलते ही श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र से लेकर पूरे अयोध्या में शोक की लहर है। 

 
लखनऊ के SGPGI के न्यूरोलॉजी वार्ड के एचडीयू में 3 फरवरी से आचार्य सत्येंद्र दास जी भर्ती थे।आचार्य सत्येंद्र दास जी ने बुधवार सुबह तकरीबन आठ बजे अंतिम सांस ली, अब उनके पार्थिव शरीर को उनकेशिष्य अयोध्या लेकर आ रहे है। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए भी रखा जाएगा। जानकारी के मुताबिक़ अंतिम संस्कार गुरुवार ( 13 फरवरी) अयोध्या में सरयू नदी के किनारे होगा। 


सीएम योगी ने जताया दुःख 

आचार्य सत्येंद्र दास जी के निधन की खबर मिलते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम योगी ने सोशल मीडिया के एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा "परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि!प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति! "


बताते चले कि आचार्य सत्येंद्र दास जी ने प्रभु श्री राम मंदिर की सेवा में लगभग 33 साल बिताए। साल 1992 फ़रवरी में जब विवादित ज़मीन की वजह से श्री राम जन्मभूमि की ज़िम्मेदारी ज़िला प्रशासन को सौंपी गई तब पुराने पुजारी रहे महंत लालदास को हटाए जाने की चर्चा जोरो पर थी। इस बीच 1 मार्च 1992 को भारतीय जनता पार्टी से सांसद रहे विजय कटियार और विश्व हिंदू परिषद के सहमति से श्री राम जन्मभूमि के पुजारी के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई थी। 

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