बिहार में होगी 1.6 लाख टीचरों की भर्ती, CM नीतीश ने दिए निर्देश, चुनाव से पहले युवाओं को बड़ी सौगात
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के शिक्षा विभाग को सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी सरकारी स्कूलों में खाली पदों की गिनती तुरंत करने और शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE 4) जल्द आयोजित करने का आदेश दिया है.

मुख्यमंत्री ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को शिक्षक भर्ती परीक्षा TRE 4.0 जल्द आयोजित करने का निर्देश दिया है. बिहार में वर्तमान में 5.65 लाख शिक्षकों के मुकाबले 7 लाख शिक्षकों की जरूरत है, जिसके चलते लगभग 1.6 लाख पद खाली होने की संभावना है.
बिहार में 1.6 लाख टीचरों की भर्ती
सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग को सभी सरकारी स्कूलों में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों के रिक्त पदों की तुरंत गणना करने का निर्देश दिया है. यह प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा गया है. ताकि रिक्तियों की सटीक जानकारी के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सके. बिहार में वर्तमान में 5.65 लाख शिक्षकों के मुकाबले 7 लाख शिक्षकों की जरूरत है, जिसके चलते लगभग 1.6 लाख पद खाली होने की संभावना है.
मुख्यमंत्री ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को शिक्षक भर्ती परीक्षा TRE 4.0 जल्द आयोजित करने का निर्देश दिया है. इस भर्ती के तहत प्राथमिक (कक्षा 1-5), मिडिल स्कूल (कक्षा 6-8), सेकेंडरी (कक्षा 9-10) और सीनियर सेकेंडरी (कक्षा 11-12) शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. BPSC TRE 4.0 के लिए अधिसूचना सितंबर 2025 में जारी होने की संभावना है, और परीक्षा अगस्त में हो सकती हैय. इस भर्ती में 1.6 लाख से अधिक पदों पर नियुक्तियां होने की उम्मीद है.
शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण
बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान पहले ही तय किया है. इसका लाभ बिहार की पात्र महिलाओं को मिलेगा, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा. यह आरक्षण प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक सभी स्तरों की शिक्षक भर्ती पर लागू होगा. इस कदम से महिलाओं को शिक्षा क्षेत्र में अधिक अवसर मिलेंगे और बिहार के शिक्षा तंत्र में उनकी भागीदारी बढ़ेगी.
सीएम नीतीश कुमार का यह निर्देश बिहार की शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. खाली पदों को भरने से स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार होगा, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ेगी. सरकार का लक्ष्य 2026 तक सभी शिक्षक पदों को भरना है ताकि बिहार के हर बच्चे को बेहतर शिक्षा मिल सके.
सीएम के इस फैसले से बिहार के बेरोजगार शिक्षित युवाओं को बड़ी उम्मीद मिली है. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही परीक्षा की तारीख जारी की जाएगी और उन्हें सरकारी नौकरी पाने का मौका मिलेगा.