आयुर्वेद का अनमोल उपहार है 'दशमूल'...जानिए इसे खाने के फायदे
दशमूल का सेवन गठिया की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. इसमें एनाल्जेसिक प्रभाव होता है जो सूजन या दर्द से राहत दिलाता है. इसके अलावा, अगर आपको सांस लेने में तकलीफ होती है या बार-बार खांसी आती है, तो दशमूल उपयोगी है. यह बलगम निकालता है और अस्थमा, काली खांसी और सामान्य खांसी को कम करता है. वहीं वायरल बुखार के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है. यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके.

अलग-अलग 10 जड़ी बूटियों से बना 'दशमूल' एक ऐसा आयुर्वेदिक मिश्रण है जो शरीर को मजबूत बनाने का सबसे अच्छा विकल्प है. आयुर्वेद में कई तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है. दशमूल ऐसे ही जड़ी बूटियों का एक आयुर्वेदिक मिश्रण है जिसमें बिल्व, अग्निमंथ, श्योनाक, पटल, कष्मारी, बृहती, कंटकारी, शलपर्णी, पृश्पर्णी और गोक्षुरा शामिल हैं. दशमूल का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है, जैसे कि काढ़ा, पाउडर और सिरप. इसे भोजन के बाद पानी या गर्म दूध के साथ भी लिया जा सकता है. ये जड़ी-बूटियां एक साथ मिलकर शारीरिक कमजोरी को दूर कर मजबूत बनाती हैं. चलिए जानते हैं 'दशमूल' से हमें क्या फायदे मिलते हैं.
क्या हैं 'दशमूल' के फायदे?
अगर आपको माइग्रेन की समस्या है, तो दशमूल आपके लिए लाभकारी है. कई लोगों को उल्टी या उलटी जैसा महसूस होना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों के साथ माइग्रेन होता है. दशमूल इन सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है. वहीं डिलीवरी के बाद आई कमजोरी को दूर करने के लिए यह रामबाण की तरह काम करता है. यह गर्भाशय के ऊतकों को पोषण देता है. इसके अलावा दशमूल कब्ज और गैस से भी राहत दिलाता है.
दशमूल का सेवन गठिया की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. इसमें एनाल्जेसिक प्रभाव होता है जो सूजन या दर्द से राहत दिलाता है. इसके अलावा, अगर आपको सांस लेने में तकलीफ होती है या बार-बार खांसी आती है, तो दशमूल उपयोगी है. यह बलगम निकालता है और अस्थमा, काली खांसी और सामान्य खांसी को कम करता है. वहीं वायरल बुखार के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है. यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके.
अगर पेशाब रुक-रुक कर आता है, तो दशमूल का सेवन करने से यह समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा, त्वचा से जुड़ी समस्याओं से भी राहत दिलाता है. जो लोग जल्दी थक जाते हैं, जिन्हें चक्कर आता है या हाथ-पैरों में कंपन होती है, उनके लिए दशमूल फायदेमंद है. यह तनाव को कम करता है, नींद को बेहतर करता है और दिमाग को शांत रखता है. यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, कैंसर जैसे मरीजों के लिए गुणकारी है.
'दशमूल' का उपयोग कैसे करें?
आप दशमूल को काढ़े के रूप में ले सकते हैं, चूर्ण या टैबलेट के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं. दशमूल को किसी भी प्रकार के माल्ट में मिलाया जा सकता है. हालांकि, सबसे अच्छा माना जाता है कि इसे जौ के माल्ट में मिलाया जाए. जौ का माल्ट दशमूल के स्वाद को और बढ़ा देता है और इसे और अधिक प्रभावी बनाता है.
तो देखा आपने दशमूल आयुर्वेद का एक अनमोल उपहार है जो शरीर के विभिन्न तंत्रों को मजबूती प्रदान करता है. ऐसी किसी भी समस्या से निजात पाने के लिए आप इस आयुर्वेदिक मिश्रण का सेवन कर सकते हैं.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.