मुंह में सफेद-लाल धब्बे? हो सकता है ओरल कैंसर, जानें लक्षण और बचाव
ओरल कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो आपके मुंह, जीभ, गाल, मसूड़ों और गले को प्रभावित कर सकती है। इसके शुरुआती लक्षणों में होंठ या मुंह में न भरने वाले घाव, सफेद या लाल धब्बे, निगलने में कठिनाई, और जबड़े में दर्द शामिल हो सकते हैं। अगर इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ किया जाए तो यह कैंसर बढ़ सकता है और जानलेवा भी साबित हो सकता है।

आजकल हमारी लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों की वजह से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इनमें से एक है ओरल कैंसर (Mouth Cancer), जो शुरुआत में एक आम समस्या की तरह लगता है, लेकिन सही समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। ओरल कैंसर का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसके लक्षण शुरुआत में मामूली लगते हैं, जिससे लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन जब तक इसका सही तरीके से इलाज शुरू होता है, तब तक यह गंभीर रूप ले चुका होता है। इसलिए अगर आपके मुंह में कुछ अजीब बदलाव हो रहे हैं तो उन्हें हल्के में ना लें।
ओरल कैंसर क्या है?
ओरल कैंसर मुंह में होने वाला एक घातक रोग है, जिसमें जीभ, होंठ, मसूड़े, तालू, गले और गाल के अंदरूनी हिस्से में कैंसर सेल्स बढ़ने लगती हैं। यह धीरे-धीरे सिर और गर्दन के अन्य हिस्सों तक फैल सकता है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ओरल कैंसर से पीड़ित लगभग 63% लोग अगर समय पर इलाज कराएं, तो वे निदान के पांच साल बाद तक जीवित रह सकते हैं। लेकिन देर होने पर बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
ओरल कैंसस के संकेत?
ओरल कैंसर के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य संकेत हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
1. मुंह में घाव या अल्सर जो ठीक नहीं हो रहा
अगर आपके होंठ, जीभ या मसूड़ों में कोई छोटा घाव या अल्सर है, जो 2-3 हफ्तों से ठीक नहीं हो रहा, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। सामान्य तौर पर मुंह के छाले 1-2 हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर घाव लगातार बना हुआ है और उसमें दर्द भी हो रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
2. मुंह में सफेद या लाल धब्बे
अगर आपके मसूड़ों, जीभ या गाल के अंदरूनी हिस्से में सफेद या लाल धब्बे नजर आ रहे हैं, तो यह ओरल कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है। ल्यूकोप्लाकिया (Leukoplakia) नाम की एक स्थिति में मुंह के अंदर सफेद धब्बे बनने लगते हैं, जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकते हैं।
3. चबाने या निगलने में परेशानी
अगर आपको खाने-पीने में दिक्कत हो रही है, निगलने में दर्द हो रहा है या जबड़ा खोलने में कठिनाई हो रही है, तो यह ओरल कैंसर का संकेत हो सकता है। कई बार गले में गांठ बनने से यह समस्या और बढ़ जाती है।
4. गर्दन में गांठ या सूजन
अगर आपके गले या गर्दन में कोई अजीब गांठ महसूस हो रही है, जो बिना किसी वजह के बनी हुई है और दर्द भी हो रहा है, तो यह ओरल कैंसर की तरफ इशारा कर सकती है।
5. दांतों का अचानक ढीला होना
अगर आपके दांत अचानक बिना किसी कारण ढीले हो रहे हैं, मसूड़ों में सूजन आ रही है या ब्लीडिंग हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह मुंह के अंदर कैंसर सेल्स बनने का संकेत हो सकता है।
ओरल कैंसर होने के प्रमुख कारण
ओरल कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे लाइफस्टाइल और कुछ बुरी आदतें सबसे बड़ी वजह हैं। आइए जानते हैं कि कौन-सी चीजें ओरल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
तंबाकू और गुटखा सेवन – धूम्रपान, गुटखा, पान मसाला, खैनी का अधिक सेवन सबसे बड़ा कारण है।
अत्यधिक शराब पीना – ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में ओरल कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
मानव पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण – यह एक वायरस है, जो ओरल कैंसर के मामलों से जुड़ा पाया गया है।
पान, सुपारी और बीड़ी का सेवन – ये चीजें मुंह की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं।
सूरज की हानिकारक किरणें – ज्यादा धूप में रहने से होठों पर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
सही आहार न लेना – शरीर में विटामिन A और C की कमी से ओरल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे करें ओरल कैंसर की पहचान?
अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण 2-3 हफ्तों से ज्यादा समय तक बने रहते हैं, तो बिना देरी किए डॉक्टर से जांच कराएं। ओरल कैंसर का पता लगाने के लिए बायोप्सी टेस्ट करते है, जिसमें डॉक्टर आपके मुंह से एक छोटा सा टिशू सैंपल लेकर उसकी जांच करते हैं। इसके साथ ही MRI और CT स्कैन भी इस किया जाता है। कैंसर कितनी गहराई तक फैल चुका है, इसका पता इसी से लगाया जाता है। और साथ ही साथ X-ray और एंडोस्कोपी गले और गर्दन के अंदरूनी हिस्सों की जांच के लिए किया जाता है। अगर शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता चल जाए, तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है।
ओरल कैंसर से कैसे बचा जा सकता है?
तंबाकू, गुटखा, पान मसाला और बीड़ी से पूरी तरह दूरी बनाएं।
ज्यादा शराब पीने से बचें।
हेल्दी डाइट लें, जिसमें विटामिन A, C और फाइबर की भरपूर मात्रा हो।
हर 6 महीने में अपने डेंटल चेकअप करवाएं।
ओरल हेल्थ का ध्यान रखें, रोजाना ब्रश और माउथवॉश का इस्तेमाल करें।
HPV वैक्सीन लगवाएं, जो ओरल कैंसर के खतरे को कम कर सकती है।
ओरल कैंसर एक खतरनाक लेकिन बचाव योग्य बीमारी है। अगर शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज करवा लिया जाए, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। तंबाकू और गुटखे जैसी बुरी आदतों से दूरी बनाकर, सही खानपान और नियमित चेकअप से हम इस बीमारी को हराने में सफल हो सकते हैं। अगर आपको अपने मुंह में कोई भी असामान्य बदलाव नजर आता है, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। याद रखें, समय पर सही इलाज ही जिंदगी बचा सकता है!