Advertisement

चीन को क़ाबू में करने के लिए भारत के पास आकर फिलीपींस ने क्या प्लान बता दिया ?

चीन से परेशान फिलीपींस ने साउथ चाइना-सी में चीन की विस्तारवादी नीतियों से मुकाबला करने के लिए भारत और दक्षिण कोरिया को 'स्क्वाड ग्रुप' जॉइन करने का न्योता दिया है

23 Mar, 2025
( Updated: 03 Dec, 2025
02:32 AM )
चीन को क़ाबू में करने के लिए भारत के पास आकर फिलीपींस ने क्या प्लान बता दिया ?

भारत का पड़ोसी चीन, जिसकी चालबाज़ी की फ़ितरत हमेशा ही भारत और दुनिया में कई देशों के लिए ख़तरा रही है, उसे साधने के लिए भारत ने कई कोशिशों के बाद काफ़ी हद तक कामयाबी पाई है। हालांकि, चीन ने इन दिनों अमेरिका से ठनने के बाद भारत के साथ दोस्ती को गहरी करने की कोशिश भी की है। अमेरिका के टैक्स ठोकने के बाद चीन का रूख भारत की तरफ़ बढ़ने लगा। इसके लिए चीन इस वक़्त भारत और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ़ कर रहा है। लेकिन चीन करे कुछ भी, भारत अब उसकी चालबाज़ी में नहीं आने वाला।

अपना हित छोड़कर भारत चीन के साथ अमेरिका को तो चुनौती नहीं देगा, लेकिन अब चीन की हेकड़ी को और कम करने के लिए एक नया प्लान तैयार किया गया है। यह प्लान उन देशों के लिए बेहद ज़रूरी है जो साउथ चाइना सी में चीन के ग़लत रवैये से परेशान हैं और चीन को रोकने के लिए कुछ करना चाहते हैं। दुनिया में बड़ा देश और अपने आप को महाशक्ति कहना वाला अमेरिका भी इस हरकत के लिए कुछ नहीं कर पा रहा। लेकिन अब चीन से परेशान फिलीपींस ने साउथ चाइना सी में चीन की विस्तारवादी नीतियों से मुकाबला करने के लिए भारत और दक्षिण कोरिया को 'स्क्वाड ग्रुप' जॉइन करने का न्योता दिया है।

दरअसल, नई दिल्ली में आयोजित ‘रायसीना डायलॉग’ के दौरान भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बड़े सैन्य अधिकारियों ने फिलीपींस के साथ मिलकर इंडो-पैसिफिक में समुद्री सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की। मीटिंग में चीन की गतिविधियों पर ख़ास ध्यान दिया गया। फिलीपींस के सेना प्रमुख जनरल रोमियो एस ब्राउनर ने कहा कि चीन गैरकानूनी और दबाव बनाने वाली रणनीति अपनाकर इस इलाके में आर्टिफिशियल आइलैंड बना रहा है और सैन्य अड्डे तैयार कर रहा है। हमारा मानना है कि अगर चीन को रोका नहीं गया, तो वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर कंट्रोल कर लेगा। चीन ताइवान स्ट्रेट पर भी दावेदारी करता है, जो अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है।

यानी चीन इस पूरे इलाक़े पर जल्द क़ब्ज़ा कर लेगा।यह आशंका भी जनरल ब्राउनर ने जताई। अब इसका तोड़ निकालने के लिए उनकी तरफ़ से ख़ासकर भारत को Squad में शामिल होने का न्योता दिया गया। और कहा गया कि भारत और हमारा दुश्मन एक ही है और वह है चीन। जनरल ब्राउनर ने खुलकर चीन को अपना दुश्मन बताया। अब पहले आप साउथ चाइना सी के बारे में जानिए, जिसे चीन अपना बताता है और वहां के देश इससे बेहद परेशान हैं।

साउथ चाइना सी का इलाका इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच है, जो करीब 35 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है। माना जाता है कि इस इलाके में प्राकृतिक संसाधन बहुत मात्रा में हैं। माना जाता है कि दक्षिण चीन सागर के समुद्र में तेल और गैस के कई विशाल भंडार दबे हुए हैं और यही भंडार इस इलाके के कई देशों के बीच विवाद का कारण बन गए हैं। इसके अलावा यहां दर्जनों निर्जन चट्टानी इलाके, रेतीले तट, प्रवाल द्वीप हैं, जो विवाद का कारण हैं। यहीं नहीं, से समुद्री रास्ता व्यापार के लिहाज़ से भी बेहद ज़रूरी है।

इस क्षेत्र में विवाद पुराना है जो यहां समुद्र में दबदबे को लेकर है। इसमें पारासेल और स्प्रैटली आइलैंड्स शामिल हैं। पारासेल और स्प्रैटली आइलैंड्स पर कई देशों ने अपना पूरा अधिकार बताया और कई देशों ने थोड़े से रूप में इसे अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र का हिस्सा बताया है।

फिलीपींस और चीन, होंग्यान आइलैंड पर भी विवाद करते आए हैं, जो कि फिलीपींस से सिर्फ सौ मील दूर है। मलेशिया और ब्रुनई भी दक्षिण चीन सागर के उन हिस्सों पर दावा करते हैं, जो उनके सबसे ज्यादा करीब हैं।

चीन ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए इस पूरे क्षेत्र पर दावा ठोका है, जबकि Permanent Court of Arbitration ने 2016 में चीन के इस दावे को खारिज कर दिया था। फिर भी, चीन ने फिलीपींस पर सैकड़ों कूटनीतिक दबाव डाले हैं।

अब सवाल भी है कि फिलीपींस क्यों चाहता है कि भारत उसका साथ दे और यह क्षेत्र भारत के लिए क्या अहमियत रखता है। तो जैसे जनरल ब्राउनर ने कहा कि भारत और फिलीपींस का दुश्मन एक ही है, ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि चीन से भारत का सीमा विवाद तो है ही, लेकिन अगर दक्षिण चीन सागर में तनाव बना रहता है, तो वह भारत के समुद्र से होने वाले व्यापार पर भी असर डालेगा। अगर चीन का इस पूरे क्षेत्र पर क़ब्ज़ा हो गया, तो भारत के व्यापारिक जहाजों के लिए बिना किसी रोक-टोक के यहां आने-जाने पर असर पड़ेगा। इस इलाक़े में भारत के समुद्र के रास्ते से होने वाला कुल व्यापार करीब 55% है।

SQUAD क्या है और ये Quad से कितना अलग है? 

SQUAD ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिलीपींस और अमेरिका का एक अनौपचारिक ग्रुप है। इस ग्रुप ने साल 2023 में दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में जॉइंट समुद्री एक्टिविटी की थी। फिलहाल इस ग्रुप का मुख्य फोकस सीक्रेट जानकारी शेयर करने और जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज पर है। भारत पहले ही से ही QUAD का मेंबर है, जिसमें SQUAD के तीन सदस्य ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं। इसका फोकस हिंद-प्रशांत महासागर, यानी इंडो-पेसिफिक ओशन पर है, जहां चीन लगातार अपना दबदबा बढ़ा रहा है और उसकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए इस ग्रुप को 2007 में बनाया गया। हालांकि यह उतना एक्टिव नहीं रहा और 2017 के बाद यह फिर से एक्टिव हुआ। अभी हाल ही में 20 जनवरी को जब ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में आधिकारिक तौर पर शपथ ली, तब शपथ में बुलाए गए जापान ने ख़ास तौर पर भारत और अमेरिका को QUAD को और मज़बूत करने पर ज़ोर दिया। तब क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी।

अब चीन ने भी Squad पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। चीन के सरकारी अखबार Global Times ने SQUAD को Monster करार दिया। साथ ही चीन ने दावा किया कि यह ग्रुप शांति और सहयोग के लिए नहीं, बल्कि तनाव बढ़ाने के लिए बना है। अब फिलीपींस ने भारत और दक्षिण कोरिया को साथ मिलकर काम करने का न्योता तो दिया, लेकिन अब तक उसके इस बयान पर कोई सार्वजनिक जवाब नहीं दिया गया है। देखना होगा क्या आगे भारत इसमें दिलचस्पी दिखाता है और हां तो फिर क्या रणनीति होगी।

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें