भक्ति में लीन बी प्राक, इंद्रेश महाराज संग खेला डांडिया, कहा- जिंदगी का बेहतरीन अनुभव
कथा का आयोजन चंडीगढ़ में हुआ, जहां स्टेज पर सिंगर और इंद्रेश महाराज हाथ में डांडिया लेकर 'बरसाने की छोरी' गाने पर भक्तों के साथ थिरक रहे हैं. वीडियो में इंद्रेश महाराज गाना भी गा रहे हैं और भक्त उनके साथ 'राधा रानी' के जयकारे लगा रहे हैं. सिंगर ने कैप्शन में लिखा, "ये दिव्य क्षण हमेशा मेरे दिल पर अंकित रहेंगे, जिंदगी का सबसे बेहतरीन अनुभव महसूस किया है.
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पंजाबी इंडस्ट्री और बॉलीवुड में अपनी आवाज से फैंस का दिल जीतने वाले सिंगर बी प्राक का काफी समय से झुकाव अध्यात्म की तरफ है.
सिंगर बी प्राक ने इंद्रेश महाराज के साथ किया डांडिया
सिंगर को कथावाचक इंद्रेश महाराज, प्रेमानंद महाराज और वृंदावन में समय बिताते हुए देखा जाता है. अब सिंगर को भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन देखा गया. इतना ही नहीं, सिंगर ने कथावाचक इंद्रेश महाराज के साथ डांडिया भी खेला. सिंगर बी प्राक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपना 'स्टोरी सेक्शन' अपडेट किया है, जिसमें वे इंद्रेश महाराज के साथ भक्ति के रस में डूबे दिख रहे हैं.
चंडीगढ़ में हुआ कथा का आयोजन
कथा का आयोजन चंडीगढ़ में हुआ, जहां स्टेज पर सिंगर और इंद्रेश महाराज हाथ में डांडिया लेकर 'बरसाने की छोरी' गाने पर भक्तों के साथ थिरक रहे हैं. वीडियो में इंद्रेश महाराज गाना भी गा रहे हैं और भक्त उनके साथ 'राधा रानी' के जयकारे लगा रहे हैं. सिंगर ने कैप्शन में लिखा, "ये दिव्य क्षण हमेशा मेरे दिल पर अंकित रहेंगे, जिंदगी का सबसे बेहतरीन अनुभव महसूस किया है.
इंद्रेश महाराज के साथ बी प्राक ने गए कई गाने
बता दें कि सिंगर बी प्राक और इंद्रेश महाराज ने एक साथ कई गाने किए हैं, जिनमें 'राधा गोरी-गोरी', 'प्यारो वृंदावन', और 'राधिका दुलारी' शामिल हैं. ये सभी गाने भक्तों के बीच लोकप्रिय हैं. सिंगर ने खुद मीडिया के सामने इस बात का जिक्र किया है कि साल 2020 और 2021 में उन्होंने कई अपनों को खोया और उस दुख से उबरने के लिए मथुरा-वृंदावन आना शुरू किया. उन्होंने कहा, "संतों से बात हुई और तब जाकर मैं भगवान के असली खेल को समझ पाया."
क्यों भक्ति की ओर अग्रसर हुए बी प्राक
सिंगर बताते हैं कि उन्होंने अपने तीन दिन के बच्चे को खोया और अपनी पत्नी से भी इस बात को छिपाया. उसी साल उनके पिता और चाचा भी नहीं रहे. इन्हीं सब दुखों ने सिंगर को भक्ति की ओर अग्रसर कर दिया है. बी प्राक को कई बार प्रेमानंद महाराज की शरण में देखा गया है. उन्होंने महाराज से अपने बच्चे की मौत से उबरने का उपाय पूछा था. महाराज ने जवाब दिया था, "जन्म-मरण सब निश्चित होता है...वह सिर्फ अपना कर्म भोगने के लिए आया है."
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