हज के दौरान जान गंवाने वालों के शव क्यों नहीं लौटाता सऊदी अरब, बड़ी वजह पता चल गई!

भारत से कोसो मील दूर दुनिया के नक़्शे पर मौजूद सऊदी अरब खाड़ी देशों में शुमार एक ऐसी इस्लामिक पॉवर है, जिससे पंगा लेना ख़ुद के पाँव पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. सऊदी अरब की ताक़त का अंदाज़ा इसी से लगाइये. इस्लाम की जन्मस्थली सऊदी अरब में मिलती है, दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है, अरब सभ्यता और पारंपरिक रीति-रिवाजों का सबसे बड़ा गढ़ है और मिडिल ईस्ट की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। सुपर पॉवर में शुमार सऊदी अरब भारत का भी जिगरी दोस्त बन चुका है, लेकिन क्या आप जानते हैं यही जिगरी दोस्त मौत के बाद दूसरे देशों के मुसलमानों को अपने यहीं दफ़नाता है.मतलब ये कि लाशें वापस नहीं लौटाता है, इसके पीछे का कारण क्या है.
सऊदी अरब का मक्का-मदीना शहर जहां मौजूद है पैगंबर इब्राहिम और उनके बेटे पैगंबर इस्माइल द्वारा बनाया गया काबा जिसके ईद-गिर्द की जानी वाली यात्रा हज कहलाई जाती है और इसी हज यात्रा से जुड़ना प्रत्येक मुसलमान के दिल की हसरत होती है. जो कि इस्लाम में मूर्ति पूजा वर्जित मानी गई है, जिस कारण हज यात्रा को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना गया.जो भी मुसलमान शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम है, उसे हज यात्रा करना अनिवार्य बताया गया है। हज करने का मतलब है, खद को अल्लाह के प्रति समर्पित करना, अल्लाह के आदेशों का पालन करना, अपने पापों की क्षमा याचना करना , अल्लाह की शक्ति का अनुभव करना और तो और, इस्लामी धार्मिक विरासत को गहराई से समझना. इन्हीं कारणों के चलते हर साल होने वाली हज यात्रा में दुनियाभर के मुसलमानों की भीड़ उमड़ती है लेकिन क्या आप जानते हैं, इसी हज यात्रा में किसी कारण वश तीर्थयात्री की मृत्यु हो जाती है, तो उसके शव को सऊदी सरकार वापस नहीं लौटाती है. क्या है इसके पीछे कारण आईये आपको बताते हैं।
हमारे ख़ुद के देश भारत में लगभग 17 करोड़ मुसलमानों की आबादी बसती है , भारतीय मुसलमान हर साल हज करने सऊदी अरब जाते है. पिछले साल 1 लाख 75 हज़ार भारतीय मुस्लिम हज करने मक्का पहुँचे थे, हालाँकि गर्मी का सितम इस यात्रा पर इक कदर भारी पड़ा कि 1 हज़ार से ज़्यादा हज यात्रियों की मृत्यु हो गईं , जिसमें 100 के करीब मुसलमान भारत के थे लेकिन क्या आप जानते हैं, जिनकी मृत्यु इस हज यात्रा में हुई, उनके शवों को सऊदी सरकार ने लौटाया या नहीं ?
आज आपका ये जानना ज़रूरी है कि इस्लामी परंपरा के तहत, यदि किसी हाजी की मृत्यु हज यात्रा के दौरान मक्का में होती है, तो उसे वहीं दफनाया जाता है. यह माना जाता है कि मक्का में मृत्यु को एक विशेष दर्जा प्राप्त है और अल्लाह ऐसे लोगों को जन्नत अता करता है. यही कारण है कि आमतौर पर शव को उसके मूल देश नहीं भेजा जाता. सऊदी सरकार शवों को तभी लौटाती है, जब किसी हाजी के परिजन शव की मांग करते हैं. सऊदी अरब में मृत्यु के बाद सभी धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ दफन की प्रक्रिया पूरी की जाती है, फिर उसके बाद हाजी के परिजनों को आधिकारिक मृत्यु प्रमाण पत्र भेजा जाता है.
बहरहाल हज यात्रा में होने वाली इन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जो हज यात्रा अवैध तरीक़े से मक्का में घुसते हैं, उन पर रोक लगाने के लिए सऊदी सरकार की तरफ़ से 14 देशों पर अस्थाई बैन लगा दिया गया है.भारत समेत पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, जॉर्डन, अल्जीरिया, सूडान, इथियोपिया, यमन और मोरक्को इन देशों के मुसलमान अगर बिना विजा के मक्का पहुँचते हैं, तो इनके ख़िलाफ़ दंडित कार्रवाई की जाएगी. उमरा, बिजनेस और फैमिली विजिट के लिए मिलने वाले वीजा पर जून महीने के मध्य तक बैन रहेगा.सऊदी सरकार का ये फ़ैसला पूरी तरह से हज से जुड़ा, ना की राजनीतिक है.