Advertisement

देश का सबसे बड़ा स्वामी श्रीरंगनाथ मंदिर जिसका रहस्य जुड़ा रामायण काल से !

दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर और देश के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक श्रीरंगनाथ स्वामी टेम्पल आज दुनिया भर में अपनी अलग छटा के लिए फेमस है, इस मंदिर में चाहे कोई कितना ही पैसे वाला व्यक्ति क्यों न हो वो भी श्रीरंगनाथ स्वामी के सामने नतमस्तक होता ही है लेकिन क्या आप इस मंदिर के बारें में हर जानकारी के बारे में जानना चाहते है.

Created By: NMF News
29 May, 2025
( Updated: 30 May, 2025
01:53 PM )
देश का सबसे बड़ा स्वामी श्रीरंगनाथ मंदिर जिसका रहस्य जुड़ा रामायण काल से !

आपने भारत के कई मंदिरों के बारें में सुना होगा, कई मंदिरों में तो आप गये भी होंगे क्योंकि भारत में कई सारें मंदिर है और हमारा हिन्दुस्तान एकता में अनेकता का ऐसा उदहारण है, जो पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करता है. भारत में कई धर्मों के लोग रहते है, जैसी की हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई बोध, जैन. हर कोई अपनी संस्कृति के अनुसार भगवान को मानता है जैसे की अगर बात की जायें हिन्दूओं की तो लगभग भारत में हिन्दुओं की आबादी 80% है, तो वहीं 14.2% मुस्लिम आबादी है. लेकिन आज से कई वर्षों पहले जिन ऋषियों ने भारत की इस पावन धरा पर तप किया, जिन्होंने ध्यान किया, जिन राजाओं ने इस भारत की मिट्टी पर राज किया उन्ही लोगों ने कई मंदिरों का निर्माण कराया था और आज उन्ही में से एक देश का सबसे बड़ा मंदिर जिसे हम मंदिरों का शहर (Temple Town) भी कह सकते है. आज उसी के बारे में डिटेल में आपको हर एक जानकारी देंगे तो जानने के लिए बने रहें हमारे साथ और देखिये इस पर हमारी खास रिपोर्ट.


आपको शायद पता हो की भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित मंदिरों की संख्या करीब 108 है। जिनको दिव्य देशम कहा जाता है जिनमें से करीब 105 मंदिर तो भारत का हिस्सा है और एक मंदिर स्थित नेपाल में साथ ही लोगों का मानना है. बाकि बचे दो मंदिर पृथ्वी से बाहर है यानि एक स्थित है शीर सागर में और बाकी एक स्थित है वैकुंट में. लेकिन क्या आप जानते है इन 108 मंदिरों में श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर को सबसे ऊपर रखा जाता है. इसलिए इस मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है. साथ यहां के भक्तों का कहना है कि भगवान रंगनाथ की पूजा भगवान ब्रह्मा किया करते थे. इसके अलावा आपको एक और बात बताते चलें की रामायण के युद्ध के  बाद जब भगवान राम अयोध्या वापस लौटे तो उनका राज्यअभिषेक किया गया. जिसके बाद भगवान राम ने सभी के सामने एक मौका रखा, वो उनसे कुछ भी माग सकते है. जिसके बाद विभीषण ने उन्हें ही लंका की देखभाल के लिए मांग लिया लेकिन भगवान राम ने बड़ी सहजता के साथ उनके हाथ में एक मूर्ति सौपी और कहा कि ये मेरा ही रुप है ये लंका की रक्षा करेंगे. लेकिन उन्हें एक सावधानी बरतने के लिए भी कहा कि मूर्ति को बीच में कहीं भी रखना मत जिसके बाद वीभीषण मूर्ति लेकर निकलें परन्तु देवताओं की ये जरा भी मंजूर नही था कि वो रंगनाथ स्वामी को लंका लेकर जायें. इसलिए विभीषण को रोकने के लिए देवताओं ने भगवान गणेश से मदद मांगी जिसके बाद जब विभीषण लंका वाले रास्ते में थे. तब शाम हो गई और विभीषण को रुकना पड़ा जिसके बाद एक चरवाहें के रुप में भगवान गणेश ने वहां आकर छल से विभीषण से मूर्ति लेकर जमीन पर रख दी जिसके बाद विभीषण ने लाख कोशिश की भगवान रंगनाथ की मूर्ति को उठाने की. लेकिन वो इस मूर्ति को बिल्कुल भी न हिला सकें जिसके बाद विभिषण परेशान हो गयें और उदास बैठ गये और फिर मूर्ति के अंदर से एक अवाज आई की मुझे उठाने की कोशिश मत करों मैं यहीं से लंका पर दृष्टि रख रहा हूं. वैसे थी न ये इनटैरेस्टिंग बात तो चलिए अब आपको इस मंदिर से जुड़े कुछ रहस्यों से भी रुबरु करवाते है. 

श्री रंगनाथ मंदिर के अनसुलझे रहस्य 
इस मंदिर का होना ही अपने आप में रहस्य है, क्योंकि आप सोच रहे होंगे की इस मंदिर में एक ही मंदिर होगा और उसी में पूजा होती होगी, लेकिन ऐसा नहीं है इस मंदिर के अंदर भी करीब 80 और 41 मंडप शामिल है. मंदिर के अंदर 953 ग्रैनाइट स्तंभों वाला एक हाल है जिस पर बेहद ही खूबसूरत घोड़े, बाघ आदि मूर्तियां बनाई गई है. साथ ही कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां आता है उसकी हर मनोकामना की पूर्ति होती है, रंगनाथ स्वामी जी उसे हर सुख से नवाजते है साथ ही कहते है कि जो भी व्यक्ति यहां आता है. उसे सौभाग्य में वृद्धि होती है अगर उदहारण के तौर पर बात करें तो 2024 में देश के प्रधानमंत्री भी नरेंद्र मोदी भी इस भव्य मंदिर के दर्शन करने पहुचें थे, पीएम मोदी ने पारंपरिक पौशाक पहन कर भगवान रंगनाथ की पूजा-आरती करते दिखे जिसके बाद पीएम मोदी की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल भी हुई. 

Tags

Advertisement
Advertisement
Tablet से बड़ा होता है साइज, Oral S@X, Size लड़कियों के लिए मैटर करता है? हर जवाब जानिए |Dr. Ajayita
Advertisement
Advertisement