इस मंगलवार बन रहा चमत्कारी संयोग, खास मुहूर्त में किया गया हर कार्य होगा सफल और खुलेंगे बंद किस्मत के ताले!
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित होता है. क्योंकि मान्यता है कि मंगलवार को ही बजरंगबली का जन्म हुआ था. ऐसे में भक्त मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा जरूर करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं. इस मंगलवार को दो ऐसे खास योग बन रहे हैं जिन पर किए गए कार्य जरूर सफल होते हैं!
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कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि मंगलवार को सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. इस दिन सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा 8 अक्टूबर रात के 1 बजकर 28 मिनट तक मीन राशि में रहेंगे. इसके बाद मेष राशि में गोचर करेंगे. द्रिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार को पूर्णिमा तिथि का समय सुबह 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. इसके बाद कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी. अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 3 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर शाम 4 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.
सर्वार्थ सिद्धि ज्योतिष में एक बेहद शुभ योग है, जो किसी विशेष दिन एक विशिष्ट नक्षत्र के मेल से बनता है. मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है. इसका मुहूर्त 29 सितंबर की सुबह 3 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर सुबह 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
अमृत सिद्धि योग में होगी हर कार्य की पूर्ति!
अमृत सिद्धि योग वैदिक ज्योतिष में एक बेहद शुभ योग है जो विशेष दिन और नक्षत्र के संयोग से बनता है और इस योग में किए गए कार्य निश्चित रूप से सफल होते हैं. जिससे व्यक्ति को समृद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है. यह योग कई प्रकार के शुभ कार्यों जैसे नया व्यापार शुरू करने, वाहन खरीदने या नए घर में प्रवेश करने के लिए उत्तम माना जाता है.
मंगलवार को हुआ था बजरंगबली का जन्म!
स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार के दिन बजरंगबली का जन्म हुआ था, जिस वजह से इस दिन उनकी पूजा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. रामभक्त हनुमान को मंगल ग्रह के नियंत्रक के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के कष्ट, भय और चिंताएं दूर हो जाती हैं. साथ ही, मंगल ग्रह से संबंधित बाधाएं भी समाप्त होती हैं.
इस तरह से करें हनुमान पूजा
इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म-स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें. फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा की सामग्री रखें और उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं. हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर बजरंगबली की आरती करें. इसके बाद आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करके प्रसाद ग्रहण करें.
हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें
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शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है. इस दिन लाल कपड़े पहनना और लाल रंग के फल, फूल और मिठाइयां अर्पित करना शुभ माना जाता है. इस पावन दिन पर हनुमान जी की आराधना कर जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करें.
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