Advertisement

सेना की दुश्मन बनी ये अमेरिकी गन, M4 Carbine की क्या हैं ख़ासियत ?

कुछ समय में हमलों में एम-4 कार्बाइन का इस्तेमाल आतंकियों ने किया है। एम-4 कार्बाइन अमेरिका मेड हथियार है। नाटो के सैनिक इस हथियार का काफी इस्तेमाल करते हैं।अब ये भारतीय सेना की दुश्मन बनी हुई है क्योंकि इस राइफ़ल का इस्तेमाल आतंकी लगातार कर रहे हैं।

27 Oct, 2024
( Updated: 03 Dec, 2025
11:55 PM )
सेना की दुश्मन बनी ये अमेरिकी गन, M4 Carbine की क्या हैं ख़ासियत ?
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के पाले हुए आतंकियों के पास एक नए घातक हथियार पहुंच गया है। ऐसा हथियार जो जिसका इस्तेमाल हाल ही में हुए आतंकी हमलों में किया गया है। जो बेहद घातक है। ख़तरनाक है।और इसका बढ़ता इस्तेमाल चिंता की बात भी। क्योंकि पहले कठुआ और अब गांदरबल, आतंकी हमले के लिए ऐसी राइफ़ल का इस्तेमाल कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में 20 अक्टूबर की देर रात आतंकी हमला हुआ था। इसमें 7 लोगों की जान गई थी। इस हमले में शामिल आतंकियों की तस्वीर सामने आई थी। इस हमले में शामिल आतंकी की तस्वीर सामने आई। यहाँ भी आतंकियों के पास वहीं हथियार दिखाई दिए। इससे पहले 26 जून 2024 को डोडा एनकाउंटर मारे गए आतंकियों के पास से भी यही राइफल मिली था। ये राइफ़ल है अमेरिका की M4 Carbine Assault Rifle।


ये राइफ़ल अख़िर इतनी ख़तरनाक है कैसे और इसकी ख़ासियत क्या है इसे हम आगे जानेंगे लेकिन उससे पहले ये जानना भी ज़रूरी है कि ये राइफ़ल जम्मू कश्मीर में आतंकियों के पास कैसे पहुँच रही है। दरअसल अबतक आतंकी ज्यादातर रूसी क्लाशनिकोव राइफल एके-47 का इस्तेमाल करते रहे हैं। लेकिन इधर कुछ समय में हमलों में एम-4 कार्बाइन का इस्तेमाल आतंकियों ने किया है। एम-4 कार्बाइन अमेरिका मेड हथियार है। नाटो के सैनिक इस हथियार का काफी इस्तेमाल करते हैं। अब सवाल सबके दिमाग में चल रहा है। कि ये अमेरिकन हथियार आख़िर आतंकियों के पास सप्लाई कैसे हो रहे हैं जब इतनी चोट आतंकियों के ख़ज़ानों पर की जा रही है। दरअसल
ये हथियार अफगानिस्तान से पाकिस्तान को सप्लाई किए गए ये हथियार इस क्षेत्र में आतंकवादी समूहों तक पहुंच चुके हैं। माना जाता है कि जब साल 2021 में अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से वापसी कर रही थी, तो उसने बड़ी संख्या में ऐसे हथियार वहाँ छोड़ दिए। हथियार तालिबान के हाथ लगे, जिसे उन्होंने पाकिस्तान में टीटीपी के आतंकियों को पहुंचाया। जिनका इस्तेमाल आतंकी नागरिकों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर कर रहे हैं इसपर एक्सपर्ट् का क्या कहना है वो भी सुनिए।

सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से चेतावनी दे रही हैं कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के छोड़े हथियार संभावित रूप से पाकिस्तान के रास्ते जम्मू-कश्मीर पहुंच सकते हैं।अब ये भी जान लेते हैं कि इस राइफ़ल की ख़ासियत क्या है।

M4 Carbine : कितनी शक्तिशाली है ये राइफ़ल 


M4 Carbine दुनिया की भरोसेमंद असॉल्ट राइफलों में से एक है। 38 साल में 5 लाख से ज्यादा M4 Carbine बन चुकी हैं। 30 राउंड वाली मैगजीन के साथ इसका वजन 3.5 kg है। अमेरिकी सेना के लिए बनाई गई यह राइफल क्लोज कॉम्बैट यानी नजदीकी लड़ाई में इस्तेमाल होती है। राइफल का पिछला हिस्सा (Stock) खोलने पर यह करीब 33 इंच लंबी हो जाती है। बंद करने पर चार इंच छोटी. इसकी बैरल यानी नली की लंबाई 14.5 इंच है। इसमें 5.56x45 mm की नाटो ग्रेड गोलियां लगती हैं। यह बंदूक एक मिनट में 700 से 970 राउंड गोलियां दाग सकती है। यह निर्भर करता है उसे चलाने वाले पर।

यह राइफल 1 मिनट में 700-970 राउंड गोलियों को दागने में सक्षम है।600 मीटर की रेंज तक निशाना चूकने का सवाल ही नहीं उठता लेकिन 3600 मीटर तक गोली मारी जा सकती है। इसमें 30 राउंड की स्टेनैग मैगजीन लगती है। साथ ही कई तरह के साइट्स भी लगा सकते हैं।

बता दें कि साल 2017 में पहली बार एम 4 असॉल्ट राइफल को जम्मू कश्मीर में बरामद किया गया था। इस दौरान जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के भतीजे को सेना ने पुलवामा में मार गिराया था। इस दौरान सेना ने इस हथियार को घटनास्थल बरामद किया गया था। वहीं साल 2018 में पुलवामा से सेना ने दूसरी बार एम 3 कार्बाइन असॉल्ट राइफल को जब्त किया था, जह मसूद अजहर के ही दूसरे भतीजे को सेना ने एनकाउंटर में मार गिराया।

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें