PM मोदी ने BIMSTEC देशों को दिया UPI का प्रस्ताव, व्यापार और आर्थिक समृद्धि के खुलेंगे नए रास्ते
UPI एक बेहद सशक्त और सुरक्षित भुगतान प्रणाली है, जिसे भारत में राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो मोबाइल फोन के जरिए किसी भी बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में तत्काल और बिना किसी रुकावट के धन हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है।
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BIMSTEC: भारत में डिजिटलीकरण की दिशा में एक नया कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) देशों को UPI (Unified Payments Interface) का उपयोग बढ़ाने के लिए एक विशेष प्रस्ताव दिया है। इस पहल के तहत, प्रधानमंत्री मोदी ने BIMSTEC देशों को UPI सिस्टम अपनाने के लिए प्रेरित किया है, जिससे इन देशों के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों में मजबूती आएगी और डिजिटल लेन-देन को सरल और सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
UPI का महत्व और वैश्विक विस्तार
UPI एक बेहद सशक्त और सुरक्षित भुगतान प्रणाली है, जिसे भारत में राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो मोबाइल फोन के जरिए किसी भी बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में तत्काल और बिना किसी रुकावट के धन हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है। UPI के कारण भारत में डिजिटल भुगतान का सिस्टम बेहद सरल और सुलभ हो गया है, जिससे हर नागरिक को बिना किसी परेशानी के धन भेजने और प्राप्त करने की सुविधा मिल रही है। अब PM मोदी का यह प्रस्ताव BIMSTEC देशों के लिए डिजिटल भुगतान में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है।
BIMSTEC देशों का आर्थिक महत्व
BIMSTEC संगठन में 7 सदस्य देश शामिल हैं: बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल। ये देश बंगाल की खाड़ी के आसपास स्थित हैं और एक-दूसरे के साथ मजबूत व्यापारिक और आर्थिक संबंध साझा करते हैं। BIMSTEC देशों के बीच बढ़ते हुए व्यापारिक संबंध और सहयोग को देखते हुए, PM मोदी का यह प्रस्ताव इन देशों में UPI के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा, जो न केवल क्षेत्रीय व्यापार को आसान बनाएगा, बल्कि डिजिटल और वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा देगा।
देशों के लिए संभावित लाभ
सुरक्षित और त्वरित भुगतान: UPI के माध्यम से, इन देशों के नागरिक और व्यापारियों को पैसे भेजने और प्राप्त करने में कोई जटिलता नहीं होगी। यह भुगतान प्रक्रिया को तेज और सुरक्षित बनाता है।
व्यापारिक सहयोग में वृद्धि: UPI के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में तेजी आएगी। यह भुगतान प्रणाली दोनों देशों के बीच व्यापार को सरल और लागत प्रभावी बनाएगी।
डिजिटल समावेशन: BIMSTEC देशों में डिजिटल तकनीकों को अपनाने से वित्तीय समावेशन बढ़ेगा। इससे गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदाय भी बैंकों के माध्यम से वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
मूल्यवर्धित सेवाएं: UPI के माध्यम से, लोग विभिन्न सरकारी और निजी सेवाओं का भुगतान आसानी से कर सकेंगे, जिससे जीवनयापन की प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
PM मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल भुगतान न केवल भारत के लिए, बल्कि समूचे क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। उनका मानना है कि BIMSTEC देशों के बीच डिजिटल भुगतान प्रणाली को जोड़ने से इन देशों के नागरिकों को आर्थिक समृद्धि, बेहतर सुविधाएं और सुरक्षित लेन-देन की सुविधा मिलेगी। इस कदम से क्षेत्रीय सहयोग को नया बल मिलेगा और सभी देशों को एक-दूसरे के करीब लाने में मदद मिलेगी।
BIMSTEC देशों के लिए UPI का भविष्य
BIMSTEC देशों में UPI के विस्तार के लिए तकनीकी और बुनियादी ढांचे की मजबूती पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत, भारत इन देशों को डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया और UPI के तकनीकी पहलुओं को समझाने के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह संभावना जताई जा रही है कि अन्य वैश्विक डिजिटल भुगतान प्लेटफार्मों के साथ UPI को इंटरऑपरेबल बनाने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन में और भी सहजता आए।
भारत की UPI प्रणाली अब अपनी सीमाओं को पार करके थाईलैंड से लेकर भूटान तक के BIMSTEC देशों में प्रवेश करने के लिए तैयार है। यह पहल न केवल इन देशों के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करेगी, बल्कि क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग को भी बढ़ावा देगी। प्रधानमंत्री मोदी का यह प्रस्ताव एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जो भारत को वैश्विक डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाने के मार्ग पर अग्रसर करेगा।
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