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मोदी सरकार के मंत्री ने लगाया Crypto में बड़ा दांव, जानें फायदे है या घाटे का सौदा?

Crypto: राष्ट्रीय लोकदल (RLD) प्रमुख और मोदी सरकार में मंत्री जयंत चौधरी ने और उनकी पत्नी ने 43 लाख रुपये से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. यह खुलासा उनकी सालाना संपत्ति के ब्योरे में हुआ है. 2024 की तुलना में इस साल उनका क्रिप्टो निवेश 18-19% तक बढ़ा है.

Source: Onze

Crypto: देश में आज भी ज़्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उलझन में हैं. कुछ लोग इसे भविष्य का डिजिटल पैसा मानते हैं, तो कुछ इसे एक तरह का जुआ या रिस्की इन्वेस्टमेंट समझते हैं. इस बहस के बीच मोदी सरकार के एक केंद्रीय मंत्री ने लगातार दूसरी बार क्रिप्टो में भारी निवेश का खुलासा कर सबको चौंका दिया है. हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष और मोदी सरकार में मंत्री जयंत चौधरी की, जिन्होंने अपनी वार्षिक संपत्ति के विवरण में बताया है कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने मिलकर 43 लाख रुपये से ज़्यादा की रकम क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की है. अब इस खुलासे के बाद आम लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं ,क्या अब क्रिप्टो वाकई एक भरोसेमंद निवेश बन गया है? क्या भारत सरकार का रुख भी अब बदल रहा है?

जयंत चौधरी ने किया क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट का खुलासा

हर साल प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों की संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक की जाती है. इस बार जब जयंत चौधरी और उनकी पत्नी चारु सिंह ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया, तो उसमें सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाली चीज़ रही उनका क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट. जयंत चौधरी ने बताया कि उन्होंने 21.31 लाख रुपये और उनकी पत्नी ने 22.41 लाख रुपये की क्रिप्टो होल्डिंग्स रखी हैं. यानी दोनों मिलाकर करीब 43.72 लाख रुपये का निवेश क्रिप्टोकरेंसी में किया गया है। उन्होंने यह भी साफ किया कि यह सारा पैसा उनकी निजी बचत से लगाया गया है. यह पहली बार नहीं है जब मंत्री जी ने क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट की जानकारी दी हो. 2024 में भी जयंत और चारु ने क्रमश: 17.9 लाख और 19 लाख रुपये का निवेश क्रिप्टो में किया था. इस साल यह निवेश लगभग 19% और 18% तक बढ़ गया है, जो इस बात का संकेत है कि क्रिप्टो में सही समय पर किया गया निवेश अच्छा रिटर्न भी दे सकता है.

क्या क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट वाकई फायदेमंद है?

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों की राय आज भी बंटी हुई है. कुछ इसे भविष्य का डिजिटल पैसा मानते हैं तो कुछ इसे अनिश्चित और खतरनाक मानते हैं. लेकिन जयंत चौधरी जैसे वरिष्ठ नेता का इसमें निवेश करना, यह दर्शाता है कि देश के उच्च स्तर पर भी अब क्रिप्टो को गंभीरता से लिया जाने लगा है.

क्या है इसके फायदे

रिटर्न: सही समय पर निवेश किया जाए तो क्रिप्टोकरेंसी से बहुत ज्यादा मुनाफा हो सकता है. बिटकॉइन और एथरियम जैसे टॉप कॉइन्स ने पिछले कुछ सालों में कई गुना रिटर्न दिए हैं.
डिजिटल भविष्य: दुनिया तेजी से डिजिटल हो रही है और क्रिप्टो को अगली पीढ़ी की संपत्ति माना जा रहा है.युवाओं के बीच इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।

जोखिम

जबरदस्त उतार-चढ़ाव: क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बहुत तेजी से ऊपर-नीचे होती हैं. एक दिन में ही इसकी वैल्यू 10–20% तक घट-बढ़ सकती है.
भारत में अभी रेगुलेशन नहीं: सरकार ने अभी तक क्रिप्टो को पूरी तरह रेगुलेट नहीं किया है. ना तो इसे लीगल टेंडर माना गया है, और ना ही इसके लिए कोई मजबूत कानून बना है.
टैक्स और TDS: भारत में क्रिप्टो से होने वाले मुनाफे पर 30% टैक्स लगता है और हर ट्रांजैक्शन पर 1% TDS भी काटा जाता है, जिससे रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है.

तो क्या आम लोगों को भी क्रिप्टो में निवेश करना चाहिए?

इस सवाल का जवाब पूरी तरह आपके जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश के ज्ञान पर निर्भर करता है. अगर आप क्रिप्टो को समझते हैं, उसके उतार-चढ़ाव को बर्दाश्त कर सकते हैं, और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए तैयार है, तो आप थोड़ी राशि से शुरुआत कर सकते हैं. लेकिन अगर आपको क्रिप्टो के बारे में सही जानकारी नहीं है, तो केवल सुन-सुन कर या ट्रेंड देखकर इसमें पैसा लगाना नुकसानदेह हो सकता है.

सरकार का नजरिया बदला है, लेकिन सावधानी जरूरी है

जयंत चौधरी जैसे केंद्रीय मंत्री का क्रिप्टो में बड़ा निवेश यह दिखाता है कि अब सरकार के भीतर भी डिजिटल एसेट्स को गंभीरता से देखा जा रहा है. लेकिन जब तक भारत में क्रिप्टो को लेकर साफ और मजबूत कानून नहीं बनता, तब तक आम लोगों के लिए यह निवेश रिस्क और समझदारी का बैलेंस बना रहेगा.

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