ITR: टैक्स रिटर्न की डेडलाइन में हो सकता है बदलाव! क्या इस बार फिर मिलेगी बढ़ोतरी?
15 सितंबर 2025 को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख है. यानी अब टैक्स भरने वालों के पास रिटर्न फाइल करने के लिए सिर्फ कुछ हफ्तों का ही समय बचा है.
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Income Tax Return: 15 सितंबर 2025 को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख है. यानी अब टैक्स भरने वालों के पास रिटर्न फाइल करने के लिए सिर्फ कुछ हफ्तों का ही समय बचा है. ऐसे में बहुत से टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स चिंता में हैं, क्योंकि उन्हें अब भी कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
GCCI ने सरकार को लिखा पत्र - डेडलाइन बढ़ाने की अपील
गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने हाल ही में केंद्र सरकार को एक औपचारिक पत्र लिखकर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन को 15 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 करने की सिफारिश की है. GCCI का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में समय बहुत कम बचा है और सभी टैक्सपेयर्स के लिए समय पर रिटर्न फाइल करना संभव नहीं लग रहा.
तकनीकी दिक्कतें बनी रुकावट
GCCI ने अपने पत्र में सरकार को बताया है कि कई फॉर्म्स और यूटिलिटीज़ समय पर जारी नहीं किए गए. जैसे कि ITR-5 फॉर्म अगस्त में आ पाया, जबकि इसे पहले ही जारी हो जाना चाहिए था. इसके अलावा, कई जरूरी यूटिलिटी फॉर्म्स जो अप्रैल में आने चाहिए थे, वो जुलाई में आए. इस देरी की वजह से टैक्स ऑडिट पूरा करना और फिर समय पर रिटर्न फाइल करना बहुत मुश्किल हो रहा है.
अभी तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक इस मांग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन टैक्सपेयर्स और GCCI की तरफ से जो दबाव बनाया जा रहा है, उसे देखते हुए यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस पर विचार कर सकती है और डेडलाइन को आगे बढ़ाया जा सकता है.
पहले भी बढ़ चुकी है डेडलाइन
आपको याद दिला दें कि इससे पहले सरकार ने मई 2025 में रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया था. सरकार का कहना था कि इस साल इनकम टैक्स फॉर्म्स में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को उन्हें समझने और फाइल करने में ज्यादा समय लग रहा है. इसलिए डेडलाइन को बढ़ाना जरूरी था.
क्या टैक्सपेयर्स को और समय मिलेगा?
फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन अगर टेक्निकल समस्याएं और प्रोफेशनल्स की मांग यूं ही बनी रही तो सरकार को डेडलाइन बढ़ाने पर विचार करना ही पड़ सकता है. अब सबकी नजर सरकार के अगले कदम पर टिकी है.
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