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खुशखबरी! महंगाई घटी, रिटेल इनफ्लेशन पहुंचा 5 महीने के निचले स्तर पर

जनवरी में रिटेल महंगाई दर (Retail Inflation) 5 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, जिससे आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा ब्याज दरों में कटौती किए जाने के एक हफ्ते बाद यह गिरावट देखने को मिली। पहले यह दर 6.5% थी, जो अब घटकर 6.25% हो गई है।

देशभर के आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। जनवरी में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) पिछले पांच महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। यह गिरावट भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा हाल ही में की गई ब्याज दरों में कटौती के बाद आई है। यह बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था और आम जनता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

महंगाई दर में गिरावट

जनवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यह पिछले साल की तुलना में काफी कम है। इस बार महंगाई दर 6.25% पर आ गई है, जबकि पहले यह 6.5% थी। आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने के फैसले का असर अब बाजार पर दिखने लगा है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी और ईंधन दरों में स्थिरता के कारण यह गिरावट देखी गई।

RBI की मौद्रिक नीति और महंगाई पर असर

भारतीय रिज़र्व बैंक ने फरवरी में ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला किया था, जो पिछले पांच वर्षों में पहली बार हुआ। ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया, जिससे बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ा और उपभोक्ताओं को राहत मिली। ब्याज दरों में इस कटौती के कई कारण है जैसे होम लोन और कार लोन सस्ता होना। व्यापारियों को व्यापारिक ऋण पर कम ब्याज दर का लाभ मिलना। निवेश और खपत बढ़ने की संभावना ।

खाद्य और ईंधन की कीमतों में स्थिरता

महंगाई दर को नियंत्रित करने में सबसे अहम भूमिका खाद्य और ईंधन की कीमतों की रही है। पिछले कुछ महीनों में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता देखी गई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है। सब्जियों और फलों की कीमतों में गिरावट। टमाटर, आलू और प्याज जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों के दाम कम हुए हैं। गेहूं और चावल की कीमतों में भी स्थिरता बनी हुई है। इसके अलावा ईंधन की कीमतों में भी स्थिरता आई है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, जिससे परिवहन लागत स्थिर बनी हुई है। महंगाई में आई इस गिरावट से आम जनता को सीधा फायदा मिलेगा। जहां बीते कुछ महीनों से महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ रखी थी, वहीं अब इस राहत से उनके बजट को कुछ सहारा मिलेगा। रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होने से घर का बजट संतुलित रहेगा। ब्याज दरें कम होने से लोन लेने वालों को फायदा होगा। निवेशकों के लिए यह समय बेहतर हो सकता है क्योंकि अर्थव्यवस्था में स्थिरता आने के संकेत मिल रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर खाद्य और ऊर्जा की कीमतें नियंत्रित रहती हैं, तो महंगाई दर में और गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, मानसून, वैश्विक आर्थिक हालात और सरकारी नीतियां महंगाई के भविष्य को तय करेंगी।
जनवरी में खुदरा महंगाई दर में आई गिरावट आम जनता के लिए एक राहत की खबर है। आरबीआई की नीतियां, सरकार के प्रयास और वैश्विक बाजार की स्थिरता इस राहत को और आगे बढ़ा सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह राहत लंबे समय तक बनी रहती है या फिर महंगाई फिर से अपना रूप दिखाएगी। फिलहाल, आम जनता के लिए यह समय थोड़ा सुकून देने वाला साबित हो रहा है।

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