नए लेबर कोड पर सरकार ने दूर किया कंफ्यूजन... श्रम मंत्रालय ने समझाया पूरा गणित, जानें क्यों नहीं घटेगी आपकी टेक होम सैलरी
नए श्रम कानूनों को लेकर फैली अफवाहों पर विराम लगाते हुए श्रम मंत्रालय ने साफ किया है कि जिन कर्मचारियों की PF कटौती 15000 रुपये की वेज सीलिंग के आधार पर होती है, उनकी टेक होम सैलरी में कोई बदलाव नहीं होगा.
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नए श्रम कानूनों को लेकर कर्मचारियों में बीते कुछ दिनों से काफी भ्रम फैल गया था. सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चा हो रही थी कि नए नियम लागू होते ही टेक होम सैलरी कम हो जाएगी और PF की कटौती तेजी से बढ़ जाएगी. लेकिन बुधवार को श्रम मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर बड़ा स्पष्टीकरण जारी कर साफ कर दिया है कि हर कर्मचारी की सैलरी पर इसका असर नहीं पड़ेगा. मंत्रालय ने बताया कि जिन कर्मचारियों का PF की कटौती 15000 रुपये की वेज सीलिंग के आधार पर कटता है, उनकी टेक होम सैलरी में कोई बदलाव नहीं होगा.
वेज सीलिंग के आधार पर होती है कटौती
मंत्रालय की ओर से जारी यह जानकारी उन कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है, जो यह सोचकर परेशान थे कि नए लेबर कोड लागू होने पर उनकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा. मंत्रालय ने बताया कि वे कर्मचारी जिनकी PF कटौती 15000 रुपये की अनिवार्य वेज सीलिंग पर आधारित है, उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. PF कटौती जैसे पहले होती थी, वैसे ही आगे भी जारी रहेगी. यानी आपकी टेक होम सैलरी में एक रुपये की भी कमी नहीं आएगी.
PF की कटौती अनिवार्य
सरकार ने साफ किया है कि यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15000 रुपये से कम है और PF कटौती वेज सीलिंग के आधार पर की जाती है, तो नए श्रम कानून लागू होने के बाद भी अनिवार्य PF कटौती 15000 रुपये तक ही होगी. उसके ऊपर PF देना पूरी तरह कर्मचारी पर निर्भर करेगा. यानी चाहें तो आप ज्यादा PF कंट्रीब्यूशन कर सकते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं होगा. हालांकि यह भी सच है कि कई कंपनियां वेज सीलिंग पर नहीं, बल्कि पूरे बेसिक पर PF काटती हैं, जिसे PF on Actual कहा जाता है. ऐसे कर्मचारियों की टेक होम सैलरी पर नए नियमों का असर पड़ सकता है, क्योंकि बेसिक में बढ़ोतरी होने पर PF का प्रतिशत भी बढ़ेगा. यह कंपनी की नीति पर निर्भर करता है और ऐसे मामलों में कटौती ज्यादा हो सकती है.
The new Labour Codes do not reduce take-home pay if PF deduction is on statutory wage ceiling.
— Ministry of Labour & Employment, GoI (@LabourMinistry) December 10, 2025
PF deductions remain based on the wage ceiling of ₹15,000 and contributions beyond this limit are voluntary, not mandatory.#ShramevJayate pic.twitter.com/zHVVziszpy
कैसे होता है PF कि कटौती का कैलकुलेशन
श्रम मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक उदाहरण भी दिया है ताकि कर्मचारी समझ सकें कि नए नियम किन स्थितियों में टेक होम सैलरी को प्रभावित कर सकते हैं. उदाहरण के अनुसार यदि किसी कर्मचारी की मासिक सैलरी 60000 रुपये है. इसमें 20000 रुपये बेसिक सैलरी है और 40000 रुपये अन्य भत्ते हैं. मौजूदा नियमों के तहत अगर PF पूरी बेसिक पर कटता है, तो एम्प्लॉयर और एम्प्लाई दोनों का 12% कंट्रीब्यूशन 20000 रुपये पर होता है. यानी 2400 रुपये कर्मचारी देगा और 2400 रुपये कंपनी देगी. कुल PF कंट्रीब्यूशन 4800 रुपये होता है. लेकिन नए लेबर कोड लागू होने पर वेज का 50% हिस्सा बेसिक माना जाएगा. इस स्थिति में 20000 रुपये बेसिक के साथ 10000 रुपये और जोड़कर कुल 30000 रुपये PF कैलकुलेशन के लिए वेज माना जाएगा. इसका मतलब है कि PF कटौती बढ़कर 3600 + 3600 = 7200 रुपये हो सकती है. यह स्थिति उन कर्मचारियों पर लागू होगी जिनका PF वेज सीलिंग पर नहीं, बल्कि पूरी वास्तविक बेसिक पर कटता है. लेकिन यदि PF 15000 रुपये की वेज सीलिंग पर कटता है, तो वही पुरानी व्यवस्था लागू होगी. यानी कर्मचारी और कंपनी दोनों 1800-1800 रुपये देंगे और कुल PF 3600 रुपये ही कटेगा. इस स्थिति में 60000 रुपये सैलरी पाने वाले कर्मचारी की टेक होम सैलरी 56400 रुपये ही रहेगी.
किसकी टेक होम सैलरी कम हो सकती है
मंत्रालय ने अपने पोस्ट के ज़रिए यह भी स्पष्ट किया है कि केवल उन कर्मचारियों की टेक होम सैलरी कम होगी जिनकी PF कटौती वेज सीलिंग के आधार पर नहीं होती है. यानी आपकी कंपनी यदि PF on Actual काटती है, तो आपकी टेक होम सैलरी कम हो सकती है. यदि PF वेज सीलिंग के आधार पर कटता है, तो आपको किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है.
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बताते चलें कि श्रम मंत्रालय के इस अपडेट ने यह साफ कर दिया है कि नए श्रम कानूनों के चलते सभी कर्मचारियों की टेक होम सैलरी कम नहीं होने वाली है. केवल उन कर्मचारियों को असर महसूस हो सकता है जिनका PF सीधा पूरी बेसिक सैलरी पर आधारित है. बाकी कर्मचारियों के लिए यह नियम किसी नुकसान वाली बात नहीं है. सरकार का कहना है कि नए कोड का उद्देश्य कर्मचारियों की सुरक्षा और भविष्य के लिए मजबूत सोशल सिक्योरिटी तैयार करना है, न कि उनकी सैलरी कम करना.
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