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कहां गए हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ वाले बुद्धिजीवी? भारत की GDP का हिंदुओं से क्या लेना-देना, PM मोदी ने किसे घेरा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की तरक्की पर तंज कसने के लिए 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' टर्म का इजाद करने वालों पर तीखा हमला बोला है. HT समिट के 23वें संस्करण को संबोधित करते हुए उन्होंने पिछले शासन मॉडल और औपनिवेशिक मानसिकता की तीखी आलोचना की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह मानसिकता कई वर्षों तक भारत की प्रगति में बाधक बनी रही.

Created By: केशव झा
07 Dec, 2025
( Updated: 07 Dec, 2025
04:14 PM )
कहां गए हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ वाले बुद्धिजीवी? भारत की GDP का हिंदुओं से क्या लेना-देना, PM मोदी ने किसे घेरा?

प्रधानमंत्री मोदी ने उन बुद्धिजीवियों पर बड़ा हमला बोला है जिन्होंने एक साजिश और सोच के तहत भारत की तरक्की और विकास दर को हिंदू संस्कृति और सभ्यता से जोड़ दिया और 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' की थ्योरी गढ़ी. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने इस टर्म को रिसर्च पेपर तक का हिस्सा बनाने को लेकर इस वर्ग की तीखी आलोचना की. उन्होंने इसे गुलामी की मानसिकता करार दिया. उन्होंने ये भी कहा कि जब दुनिया मंदी की बात करता है तो भारत सफलता की नई कहानी लिख रहा है.

'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' वाले लोग आज कहां हैं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है. कुछ लोग भारत को वैश्विक ग्रोथ इंजन कहते हैं. कुछ इसे ग्लोबल पावरहाउस कहते हैं. आज भारत के बारे में कई शानदार बातें कही जा रही हैं. लेकिन आज भारत की तेजी से ग्रोथ को देखते हुए, क्या आपने कभी कहीं पढ़ा है या किसी को इसे 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' कहते सुना है? जब भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, तो क्या अब कोई इस शब्द का इस्तेमाल करता है? 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' शब्द का इस्तेमाल तब किया गया था जब भारत 2–3 प्रतिशत की ग्रोथ रेट के लिए संघर्ष कर रहा था.

हिंदू सभ्यता और संस्कृति को बदनाम करने की साजिश: पीएम मोदी

इतना ही नहीं उन्होंने इसे ये गुलामी की मानसिकता का प्रतिबिंब करार दिया. उन्होंने आगे कहा कि ये कोई ऐसे ही नहीं कर रहा था, बल्कि ये एक सोची समझी रणनीति थी. एक नैरेटिव के तहत एक पूरे समाज, एक पूरी परंपरा को, अन-प्रोडक्टिविटी का, गरीबी का पर्याय बना दिया गया. यानी ये सिद्ध करने का प्रयास किया गया कि भारत की धीमी विकास दर का कारण हमारी हिंदू सभ्यता और संस्कृति है. 

'अब कहां गायब हो गए तथाकथित बुद्धिजीवी?'

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हद तो देखिए, आज जो तथाकथित बुद्धिजीवी हर चीज में, हर बात में सांप्रदायिकता खोजते रहते हैं, उनको हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ में सांप्रदायिकता नजर नहीं आई. ये टर्म उनके दौर में किताबों का, रिसर्च पेपर्स का हिस्सा बना दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज के भारत की ये यात्रा, सिर्फ विकास की नहीं है. ये सोच में बदलाव की भी यात्रा है, ये मनोवैज्ञानिक पुनर्जागरण, साइकोलॉजिकल रेनसां की भी यात्रा है. आप भी जानते हैं, कोई भी देश बिना आत्मविश्वास के आगे नहीं बढ़ सकता है.

गुलामी की मासिकता सबसे बड़ी रुकावट: PM मोदी

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से लंबी गुलामी ने भारत के इसी आत्मविश्वास को हिला दिया था, और इसकी वजह थी गुलामी की मानसिकता. गुलामी की ये मानसिकता विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में एक बहुत बड़ी रुकावट है और इसलिए, आज का भारत गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पाने के लिए काम कर रहा है.

'मंदी के दौर में भारत लिख रहा प्रगति की कहानी'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान ये भी कहा कि हमारा पूर्वी भारत, नॉर्थ ईस्ट, हमारे गांव, हमारे देश की नारी शक्ति, भारत की इनोवेटिव यूथ पॉवर, ब्लू इकॉनमी, स्पेस सेक्टर, इतना कुछ है, जिसकी पूरी क्षमता का इस्तेमाल पहले हो ही नहीं पाया. उन्होंने आगे कहा कि जब दुनिया मंदी की बात करती है, तो भारत प्रगति की कहानी लिखता है. जब दुनिया भरोसे के संकट को देख रही है, तो भारत भरोसे का पिलर बन रहा है. जब दुनिया बिखराव की ओर बढ़ रही है, तो भारत एक पुल बनाने वाला बन रहा है.

'टैक्स सिस्टम में भी हुआ बड़ा बदलाव'

उन्होंने कहा कि डायरेक्ट टैक्स सिस्टम में भी बड़ा रिफॉर्म हुआ है. 12 लाख रुपए तक की इनकम पर जीरो टैक्स एक ऐसा कदम रहा, जिसके बारे में एक दशक पहले तक सोचना भी असंभव था. आज के भारत की यह यात्रा केवल विकास की नहीं, बल्कि सोच में बदलाव की भी यात्रा है. कोई भी देश बिना आत्मविश्वास के आगे नहीं बढ़ सकता है. दुर्भाग्य से लंबी गुलामी ने भारत के आत्मविश्वास को हिला दिया था. इसकी मुख्य वजह गुलामी की मानसिकता थी. आज का भारत गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पाने के लिए काम कर रहा है.

'मुद्रा योजना ने तोड़ा विश्वास का कुचक्र'

उन्होंने कहा कि पहले बैंक से हजार रुपए का भी लोन लेना होता था तो बैंक गारंटी मांगता था, क्योंकि अविश्वास बहुत था. हमने मुद्रा योजना से अविश्वास के इस कुचक्र को तोड़ा. इसके तहत अभी तक 37 लाख करोड़ रुपए का गारंटी-फ्री लोन दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि आज देश के बैंकों में हमारे ही देश के नागरिकों का 78 हजार करोड़ रुपया अनक्लेम्ड पड़ा है. इसी तरह से बीमा कंपनियों के पास लगभग 14 हजार करोड़ रुपए पड़े हैं. म्यूचअल फंड कंपनियों के पास तीन हजार करोड़ रुपए पड़े हैं. ये सब अनक्लेम्ड मनी है. ये पैसा गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का है. हमारी सरकार लोगों को खोजकर उनका पैसा लौटा रही है.

'यही है असली ट्रांसफोर्मेशन'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी 10-11 दिन पहले मैंने हैदराबाद में स्काईरूट के अनंत परिसर का उद्घाटन किया. स्काईरूट भारत की प्राइवेट स्पेस कंपनी है. ये कंपनी हर महीने एक रॉकेट बनाने की क्षमता पर काम कर रही है. ये कंपनी उड़ान के लिए तैयार विक्रम-1 बना रही है. सरकार ने प्लेटफॉर्म दिया और भारत का नौजवान उसपर नया भविष्य बना रहा है. यही तो असली ट्रांसफोर्मेशन है.

'भारत कर रहा सेतु का काम'

उन्होंने कहा कि पहले भारत का स्पेस सेक्टर सरकारी नियंत्रण में ही था. लेकिन, हमने स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म किया. उसे प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन किया और इसके नतीजे आज देश देख रहा है. जब दुनिया मंदी की बात करती है, भारत विकास की कहानी लिखता रहता है. जब दुनिया विश्वास के संकट से जूझ रही है, भारत विश्वास का स्तंभ बनकर उभर रहा है. जब दुनिया विखंडन की ओर बढ़ रही है, भारत सेतु का काम कर रहा है.

'GDP में वृद्धि हैं मजबूत व्यापक आर्थिक संकेत'

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े आठ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाते हैं, जो हमारी प्रगति में एक नई गति को दर्शाता है. ये केवल आंकड़े नहीं हैं. ये मजबूत व्यापक आर्थिक संकेत हैं. ये संकेत देते हैं कि भारत आज वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक प्रमुख विकास चालक के रूप में उभर रहा है.

उन्होंने कहा कि आज, जब हम कल के परिवर्तन पर चर्चा कर रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि हम जिस परिवर्तन की आकांक्षा रखते हैं, वह वर्तमान के कार्यों द्वारा निर्मित मजबूत नींव में दृढ़ता से निहित है. आज हम जो सुधार कर रहे हैं और जो प्रदर्शन कर रहे हैं, वे हमारे कल के परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं. आज देश के हर सेक्टर में कुछ न कुछ बेहतर हो रहा है.

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