Museum of Failure: सफलता नहीं, नाकामियों की कहानी सुनाता है ये अनोखा म्यूज़ियम!
म्यूज़ियम ऑफ फेलियर की स्थापना मनोवैज्ञानिक डॉ. सैमुअल वेस्ट (Dr. Samuel West) ने 2017 में की थी. उनका मानना है कि हम अक्सर अपनी असफलताओं को छिपाते हैं, जबकि वे सीखने और आगे बढ़ने के लिए सबसे बड़े स्रोत होते हैं. यह म्यूज़ियम इसी विचार पर आधारित है कि बिना असफलता के कोई भी बड़ा innovation संभव नहीं है. यहाँ दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों के वो उत्पाद दिखाए गए हैं, जो बाज़ार में पूरी तरह असफल रहे.

दुनिया भर में म्यूज़ियम इतिहास, कला और विज्ञान की सफलताओं को प्रदर्शित करते हैं. लेकिन स्वीडन के हेलसिंगबोर्ग शहर में एक ऐसा अनोखा म्यूज़ियम है, जो सफलता की कहानियों की बजाय, 'नाकामियों' को समर्पित है. 'म्यूज़ियम ऑफ फेलियर' (Museum of Failure) नाम का यह संग्रहालय उन उत्पादों और innovations को प्रदर्शित करता है, जो बाज़ार में बुरी तरह फ़ेल हो गए, अपनी पहचान नहीं बना पाए, या अपने समय से आगे थे. यह हमें सिखाता है कि असफलताएँ भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं, जितनी सफलताएँ.
क्या है म्यूज़ियम ऑफ फेलियर?
म्यूज़ियम ऑफ फेलियर की स्थापना मनोवैज्ञानिक डॉ. सैमुअल वेस्ट (Dr. Samuel West) ने 2017 में की थी. उनका मानना है कि हम अक्सर अपनी असफलताओं को छिपाते हैं, जबकि वे सीखने और आगे बढ़ने के लिए सबसे बड़े स्रोत होते हैं. यह म्यूज़ियम इसी विचार पर आधारित है कि बिना असफलता के कोई भी बड़ा innovation संभव नहीं है. यहाँ दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों के वो उत्पाद दिखाए गए हैं, जो बाज़ार में पूरी तरह असफल रहे.
यहां 10 से ज्यादा categories हैं जिनमें असफल और नाकाम हुए प्रोडक्ट्स को बांटा जाता है. जो प्रोडक्ट जिस कैटेगरी का होता है, उसे वहां लिस्ट किया जाता है. कई सारी कंपनियां तो खुद ही अपने फेल हुए प्रोडक्ट्स को यहां भेज देती हैं. कौन सी हैं वो मशहूर कंपनियां आइए जानते हैं.
हार्ले-डेविडसन परफ्यूम: मशहूर मोटरसाइकिल कंपनी ने 1990 के दशक में परफ्यूम की रेंज लॉन्च की, जिसे ग्राहकों ने बिल्कुल पसंद नहीं किया.
कोलगेट के फ्रोजन फूड्स: टूथपेस्ट के मशहूर ब्रांड कोलगेट ने मार्केट में फ्रोजन फूड की एक सीरीज शुरू की थी जो लोगों को पसंद नहीं आया और अंत में उनका यह प्रोडक्ट फेल हो गया.
गूगल सोनी रिमोट: साल 2012-2014 में गूगल और सोनी जैसी दो दिग्गज कंपनियों ने मिलकर काम करने का फैसला किया. ऐसे में गूगल टीवी डिवाइस उपयोगकर्ता के अनुकूल साबित नहीं हुई. इनमें सबसे खराब था सोनी का रिमोट, जिसे चलाने के लिए 88 अलग-अलग बटन का इस्तेमाल करना पड़ता था.
मर्सिडीज-बेंज ए-क्लास: मर्सिडीज एक ऐसी ऑटोमोबाइल कंपनी है जो दुनियाभर में मशहूर है. 1997 में मर्सिडीज ने मर्सिडीज-बेंज ए-क्लास लॉन्च किया जो उतनी सफल नहीं हुई जितनी इससे उम्मीदें की जा रही थी. यह कार टेस्टिंग के दौरान भी असफल साबित हुई और बाद में इसका प्रोडक्शन रोक दिया गया.
'म्यूज़ियम ऑफ फेलियर' एक अनोखी अवधारणा है जो हमें यह समझने में मदद करती है कि सफल होने के लिए असफ़ल होना भी उतना ही ज़रूरी है. यह म्यूज़ियम हमें हँसने, सोचने और सबसे महत्वपूर्ण बात, अपनी असफलताओं से शर्मिंदा न होने, बल्कि उनसे सीखने के लिए प्रेरित करता है. यह वाकई एक ऐसा म्यूज़ियम है जहाँ नाकामी के नमूने देखकर हम सफलता की असली कीमत को समझ पाते हैं.