अब माफ नहीं करेगी पुलिस! सड़क पर स्टंट करने वालों को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
सड़कें किसी के निजी शो की जगह नहीं होतीं, ये हम सबकी सुरक्षा और सुविधा के लिए होती हैं. बाइक स्टंट चाहे एक सेकंड का हो, लेकिन उसका खतरा जिंदगीभर का नुकसान बन सकता है. हाईकोर्ट का यह फैसला और पुलिस की सख्ती इस बात का संकेत है कि अब सड़क पर स्टंट की कोई जगह नहीं है. अगर आप भी ऐसा करते हैं या किसी को करते हुए देखते हैं, तो उसे रोकना और समझाना अब आपकी भी सामाजिक जिम्मेदारी है.

Motor Vehicles Act: अगर आप सड़क पर बाइक से स्टंट करते हैं या ऐसा करने वालों को देखकर तालियां बजाते हैं, तो अब सतर्क हो जाइए. कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस तरह की स्टंटबाजी को न केवल गैरजिम्मेदाराना बताया है, बल्कि इसे एक गंभीर अपराध माना है. कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि बाइक से ‘विली’ यानी एक पहिये पर बाइक चलाना कोई बहादुरी नहीं, बल्कि सड़क पर चल रहे लोगों की जान जोखिम में डालने वाली हरकत है. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि कानून को और सख्त बनाया जाए ताकि ऐसे खतरनाक स्टंट करने वालों पर लगाम लगाई जा सके.
कानून में सख्ती की जरूरत
कर्नाटक हाईकोर्ट के जज वी. श्रीशनंदा ने एक बेल याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि मौजूदा मोटर वाहन अधिनियम(Motor Vehicles Act) और भारतीय दंड संहिता (IPC) इस तरह की स्टंटबाजी को रोकने में पर्याप्त नहीं हैं. उन्होंने इस पर चिंता जताई कि आज की तारीख में सड़क सुरक्षा एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गई है, और बाइक से स्टंट करना सिर्फ ट्रैफिक उल्लंघन नहीं, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. कोर्ट ने साफ तौर पर राज्य सरकार और पुलिस से कहा है कि वे मिलकर ऐसे मामलों से निपटने के लिए सख्त और प्रभावी कानून बनाएं.
युवाओं में क्यों बढ़ रही है स्टंटबाजी?
आजकल के युवाओं को बाइक स्टंट करना एक तरह का स्टाइल स्टेटमेंट या फिर अपनी ‘हिम्मत’ दिखाने का तरीका लगता है. सोशल मीडिया पर वायरल होने की होड़ में कई युवा सड़क को ही स्टंट का मंच बना लेते हैं. हाईकोर्ट ने इस प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ये स्टंटबाजी सिर्फ स्टंट करने वाले की ही नहीं, बल्कि पीछे बैठे यात्री, पैदल चलने वालों और अन्य गाड़ियों की जान के लिए भी खतरा बन जाती है. पहले यह सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित था, लेकिन अब यह गांवों और कस्बों में भी फैलता जा रहा है. इस वजह से यह एक राज्य नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय बन गया है.
आरोपी को नहीं मिली बेल
इस मामले में आरोपी अरबाज खान को पुलिस ने स्टंटबाजी करते हुए गिरफ्तार किया था। वह पहले भी इस तरह की हरकतों में लिप्त रह चुका था। लेकिन इस बार उसने पुलिस से गाली-गलौच और मारपीट की, और पुलिस का मोबाइल फोन पानी में फेंक दिया. हाईकोर्ट ने इसे सिर्फ ट्रैफिक उल्लंघन नहीं, बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालने वाला अपराध माना और उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. इससे यह साफ संकेत मिलता है कि अब ऐसे मामलों को अदालतें भी हल्के में नहीं लेंगी.
स्टंटबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी
बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस अब इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. पुलिस ने साफ कर दिया है कि अगर कोई व्यक्ति सड़क पर बाइक स्टंट करता पकड़ा गया, तो उसकी बाइक या स्कूटर जब्त कर ली जाएगी. इतना ही नहीं, उसका ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) भी रद्द कर दिया जाएगा। यदि स्टंट करने वाला नाबालिग है, तो गाड़ी के मालिक का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा. इसके अलावा स्टंटबाजों से लिखित में माफीनामा भी लिया जाएगा, ताकि वे भविष्य में दोबारा ऐसा न करें.
पुलिस का एक्शन मोड: अब नहीं चलेगा ‘स्टाइल’ का बहाना
हाल ही में पुलिस ने कई ऐसे युवाओं को हिरासत में लिया है जो सोशल मीडिया के लिए स्टंट करते हुए पकड़े गए. कुछ को स्टेशन बेल पर छोड़ा गया, लेकिन अब पुलिस का रुख एकदम साफ है. स्टंटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस नए निर्देश के बाद न सिर्फ युवाओं को अपनी सोच बदलनी होगी, बल्कि समाज को भी इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि स्टंट करना ‘कूल’ या ‘हीरोपंती’ है.
सड़कें किसी के निजी शो की जगह नहीं होतीं, ये हम सबकी सुरक्षा और सुविधा के लिए होती हैं. बाइक स्टंट चाहे एक सेकंड का हो, लेकिन उसका खतरा जिंदगीभर का नुकसान बन सकता है. हाईकोर्ट का यह फैसला और पुलिस की सख्ती इस बात का संकेत है कि अब सड़क पर स्टंट की कोई जगह नहीं है. अगर आप भी ऐसा करते हैं या किसी को करते हुए देखते हैं, तो उसे रोकना और समझाना अब आपकी भी सामाजिक जिम्मेदारी है.