दिल्ली EV पॉलिसी की समय सीमा फिर बढ़ी, योजनाओं को मिलेगा और विस्तार
इस निर्णय से साफ होता है कि दिल्ली सरकार पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर है और वह एक साफ-सुथरी, टिकाऊ और भविष्यमुखी परिवहन नीति को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. इलेक्ट्रिक वाहन नीति का विस्तार न केवल प्रदूषण कम करने में मदद करेगा, बल्कि यह नई तकनीकों और उद्योग को भी प्रोत्साहित करेगा. सरकार द्वारा सभी पक्षों से सुझाव लेने की प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि नीति अधिक समावेशी और प्रभावी बने, जिससे दिल्ली में एक स्थायी हरित परिवहन व्यवस्था को बल मिलेगा.

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EV: दिल्ली सरकार ने अपने ग्रीन दिल्ली मिशन को आगे बढ़ाने के लिए मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति की अवधि को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने का अहम फैसला लिया है. यह निर्णय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. इस नीति को बढ़ाने का उद्देश्य राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करना और पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ परिवहन व्यवस्था को प्रोत्साहित करना है. दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, और इस विस्तार से यह स्पष्ट होता है कि वह ईवी सेक्टर को मजबूत करने में कितनी गंभीर है.
नीति की पृष्ठभूमि और अब तक का सफर
दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को पहली बार 2020 में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा पेश किया गया था. उस समय यह नीति अगस्त 2023 तक लागू थी, लेकिन उसकी अवधि कई बार बढ़ाई जाती रही है क्योंकि नीति में सुधार और अपडेट के लिए समय लेना आवश्यक था. दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार इस नीति को न केवल स्थायी रूप से लागू करना चाहती है, बल्कि इसे बेहतर बनाने के लिए सभी हितधारकों से विचार-विमर्श भी करना चाहती है. यह कदम इसलिए भी जरूरी माना जा रहा है क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों का सही तरीके से प्रचार-प्रसार और उनका इस्तेमाल बढ़ाने से दिल्ली की हवा साफ हो सकती है.
विस्तार की वजह: व्यापक विचार-विमर्श और सुधार
दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि इस नीति की अवधि बढ़ाने का एक बड़ा कारण यह है कि सरकार निजी कंपनियों, आम जनता, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और पर्यावरण संगठनों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करना चाहती है. इसके तहत न केवल मौजूदा नियमों की समीक्षा होगी, बल्कि नई चुनौतियों और संभावनाओं को ध्यान में रखकर बेहतर प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे. यह प्रक्रिया समय लेगी, इसलिए नीति की डेडलाइन को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया गया है ताकि सभी पक्षों की राय को समुचित रूप से शामिल किया जा सके.
नीति की पूर्ववर्ती अवधि और नई विस्तार की घोषणा
दिल्ली सरकार ने इससे पहले भी इस नीति की अवधि कई बार बढ़ाई है.जुलाई 2025 में इसे चार महीने के लिए बढ़ाकर 15 नवंबर 2025 तक किया गया था. अधिकारियों ने बताया था कि उस समय नीति का ड्राफ्ट अभी भी समीक्षा में था और उसकी मंजूरी बाकी थी. अब सरकार ने इसे और आगे बढ़ाते हुए 31 मार्च 2026 कर दिया है ताकि विस्तृत चर्चा और सुझाव-समीक्षा पूरी तरह से हो सके. ट्रांसपोर्ट मंत्री के अनुसार, इस विस्तारित अवधि में नीति के प्रमुख प्रावधानों पर गहन चर्चा होगी, जिससे एक प्रभावी और व्यवहारिक नीति बनाई जा सके.
दिल्ली की स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन नीति की दिशा में बड़ा कदम
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इस निर्णय से साफ होता है कि दिल्ली सरकार पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर है और वह एक साफ-सुथरी, टिकाऊ और भविष्यमुखी परिवहन नीति को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. इलेक्ट्रिक वाहन नीति का विस्तार न केवल प्रदूषण कम करने में मदद करेगा, बल्कि यह नई तकनीकों और उद्योग को भी प्रोत्साहित करेगा. सरकार द्वारा सभी पक्षों से सुझाव लेने की प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि नीति अधिक समावेशी और प्रभावी बने, जिससे दिल्ली में एक स्थायी हरित परिवहन व्यवस्था को बल मिलेगा.