'हम तैयारी कर ही रहे थे कि भारत ने पहले हमला कर हमें चौंका दिया...', पाकिस्तान के डिप्टी पीएम डार का बड़ा कबूलनामा
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत की एयर स्ट्राइक में रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस और पंजाब प्रांत के शोरकोट एयरबेस को बड़ा नुकसान हुआ है. डार ने कहा, “हम जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहे थे, लेकिन भारत ने हमसे पहले हमला कर हमें चौंका दिया. ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमारे दो प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाया गया और वहां भारी नुकसान हुआ है.”

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की प्रभावशीलता पर अब पाकिस्तान की चुप्पी टूट गई है. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत की एयर स्ट्राइक में रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस और पंजाब प्रांत के शोरकोट एयरबेस को बड़ा नुकसान हुआ है.
भारत ने चौंका दिया: इशाक डार
उप प्रधानमंत्री इशाक डार यह कबूलनामा उस वक्त आया है जब अब तक पाकिस्तान की सरकार और सेना लगातार इस दावे को खारिज करती रही थी कि भारत की कार्रवाई में कोई क्षति हुई है लेकिन अब डार का यह बयान न सिर्फ पाकिस्तान के पूर्व के बयान को खारिज करता है, बल्कि भारत के दावे को भी मजबूती से स्थापित करता है. पाकिस्तानी चैनल जिओ न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में डार ने कहा, “हम जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहे थे, लेकिन भारत ने हमसे पहले हमला कर हमें चौंका दिया. ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमारे दो प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाया गया और वहां भारी नुकसान हुआ है.” जानकारी देते चलें कि भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद के खिलाफ की गई एयर स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान की सेना और सरकार लगातार कोई भी नुकसान होने से इनकार करती रही थी, हालांकि भारत की खुफिया एजेंसियों और सैटेलाइट इमेजेस के आधार पर पहले ही यह दावा किया गया था कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दो प्रमुख एयरबेस पर तबाही मचाई है.
सऊदी अरब ने निभाई मध्यस्था की भूमिका
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने इंटरव्यू में बताया कि भारत-पाक के बीच सैन्य संघर्ष के तुरंत बाद सऊदी क्राउन प्रिंस फैसल बिन सलमान ने हस्तक्षेप कर सीजफायर कराने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, "हमले के बाद सऊदी प्रिंस फैसल बिन सलमान ने मुझे फोन किया और कहा कि वे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात करके इस तनाव को कम करने में मदद करना चाहते हैं. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या वे जयशंकर को बता सकते हैं कि पाकिस्तान रुकने के लिए तैयार है." डार के यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उस दावे को खारिज करता हैं, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सीजफायर करवाने में अहम भूमिका निभाई है. इससे पहले भारत सरकार ने भी ट्रंप के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया था.
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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख का कबूलनामा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर दोनों ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह माना है कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों को निशाना बनाया, जो पहले इससे इनकार कर रहें थे. प्रधानमंत्री शरीफ ने एक बयान में कहा, "भारत ने फिर से मिसाइल हमले किए और हमारे विभिन्न प्रांतों, खासकर रावलपिंडी एयरपोर्ट को निशाना बनाया. उन्होंने आगे बताया कि 10 मई की सुबह 4:30 बजे पाकिस्तान की ओर से भारत पर जवाबी हमले की तैयारी की गई थी, लेकिन 9 और 10 मई की मध्यरात्रि भारत के दूसरे दौर के हमले ने उन तैयारियों को विफल कर दिया." यह बयान पाकिस्तान सरकार के अब तक के रुख से पूरी तरह विपरीत है, जो अब तक भारत की किसी भी आक्रामक कार्रवाई से इनकार करता रहा था. वही दूसरी तरफ इसी तरह का कबूलनमा पाकिस्तान फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर से भी किया गया है. जिन्होंने अमेरिका में प्रवासी पाकिस्तानियों के बीच कहा, "भारत एक नया सामान्य (New Normal) स्थापित करना चाहता है, जिसमें वह अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर सैन्य कार्रवाई कर सके." मुनीर का यह बयान पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'डॉन' में प्रकाशित हुआ है.
Pakistan Deputy PM Ishaq Dar' openly admits 2 things in this interview
— OsintTVIndia struck the Nir Khan Air base and Shorkot Air base
Ishaq Dar' says Saudi Prince Faisal called him asking "Am I authorised to talk to Jaishankar also and CONVEY ..and you are READY TO TALK"… pic.twitter.com/45TJqnlWKu
(@OsintTV) June 19, 2025
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को बताया था सटीक कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई सैन्य कार्रवाई को "सटीक, मापी गई और गैर-उत्तेजक कार्रवाई" करार देते हुए भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि यह कदम केवल आतंकवाद के ढांचों को निशाना बनाने के लिए उठाया गया था, न कि आम जनता को निशाना बनाने के उद्देश्य से किया गया था. भारत सरकार के विदेश सचिव और सेना के अधिकारियों ने एक साथ संयुक्त प्रेस वार्ता कर बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने केवल उन्हीं ठिकानों को निशाना बनाया जहां से सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों को संचालित किया जा रहा था. यह कार्रवाई आत्मरक्षा के अधिकार के तहत की गई थी. भारत ने किसी भी नागरिक ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचाया और यह सुनिश्चित किया गया कि हमले पूरी तरह से आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर तक सीमित रहें.
बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. आतंकवादियों ने पर्यटकों से भरे बैसरन घाटी में अंधाधुंध गोलीबारी करते हुए 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी. इसके बाद भारत सरकार ने कार्रवाई करते हुए पहले डिप्लोमेटिक स्ट्राइक कर पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए और फिर 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक सटीक सैन्य जवाब दिया. भारत ने इस ऑपरेशन में अत्याधुनिक ड्रोन और ब्रह्मोस मिसाइलों के जरिए पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी अड्डों को चिह्नित कर तबाह किया. भारत की कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान, 8 और 9 मई को जवाबी हमले की कोशिश करता रहा, लेकिन भारतीय सेना और एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के लगभग सभी प्रयासों को हवा में ही नाकाम कर दिया. लगभग चार दिन तक चले इस सैन्य संघर्ष के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच एक अनौपचारिक युद्धविराम समझौता हुआ.